कोरबा: नेताओं के भाषण में जनता को विकास के सपने दिखाना एक तरह का पैटर्न है. ऐसे में मतदान की तारीख करीब आते-आते यह चुनाव विकास के विजन की जगह पर आरक्षण और जातिगत मुद्दों की ओर झुक रहा है. भीषण गर्मी में तापमान 40 से 45 डिग्री के पार तो है ही, प्रदेश का सियासी पारा भी गरमाया हुआ है. कड़ी धूप में दिग्गज राजनेता छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे. यहां उनका दिया बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.
आखिर सीएम साय ने ऐसा क्या कहा? : कोरबा के रामपुर में चुनाव प्रचार करने आये सीएम साय ने सोमवार को जनसभा को संबोधित किया. सीएम साय ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, "प्रदेश की आदिवासी सीटों पर यदि भाजपा कमजोर पड़ेगी, तो फिर हम किस मुंह से शीर्ष नेतृत्व से आदिवासी सीएम की मांग करेंगे, उन्हें कौन सा मुंह दिखाएंगे?"
सीएम साय के बयान के क्या है मायने? : सीएम साय के इस बयान के क्या मायने हो सकते हैं? सभी लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं. वैसे छत्तीसगढ़ में आदिवासी सीएम की मांग बहुत पुरानी थी. डॉ रमन सिंह के तीन कार्यकाल के बाद जनादेश कांग्रेस को मिला. इसके बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने ठीक लोकसभा चुनाव के पहले सबको चौंकाते हुए एक आदिवासी चेहरे पर मुहर लगाई और विष्णुदेव साय की ताजपोशी कर आदिवासी सीएम की मांग को पूरा कर दिया.
विष्णुदेव साय की पूरी बात, जो उन्होंने कही : रामपुर विधानसभा के करतला में सीएम साय जनता को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान सीएम साय ने कहा, "आदिवासी सीएम की मांग को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है. पहली बार छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी के बेटे को मुख्यमंत्री बनाया गया है. पीएम मोदी ने इस मांग को पूरा किया है. आज मैं अपने सगा-समाज के बीच में आप सभी का आशीर्वाद मांगने आया हूं."
"जैसे आप लोगों की बात को हमारे प्रधानमंत्री ने मान दिया. वैसे ही उनका मान और सम्मान बढ़ाना पड़ेगा या नही? बढ़ाना तो पड़ेगा न. अगर आदिवासी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी कमजोर हुई, तो फिर किस मुंह से हम मांगेंगे कि हमें आदिवासी मुख्यमंत्री चाहिए. क्या हम मांग सकते हैं? इस बात का ध्यान करना है. आज उनका मान और सम्मान आपके हाथ में है, आपके बहुमूल्य वोट में है. इसलिए मैं आप लोगों का आशीर्वाद, आपका सहयोग मांगने आया हूं." - विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
सीएम साय के बयान पर क्या कहते हैं लोग? : करतला क्षेत्र के ही तुलसीराम का कहना है कि सीएम विष्णु देव साय ने आदिवासी मुख्यमंत्री की जो बात कही, उसके पीछे कोई बात तो है. हम आपस में चर्चा कर रहे थे और सबके जुबान पर यह बात थी कि सीएम ने आखिर ऐसा क्यों कहा? आदिवासी वर्ग से किसी व्यक्ति को सीएम बनाने का सीधा सा मतलब क्या सिर्फ और सिर्फ आदिवासियों को साधने तक ही सीमित है. क्या इसलिए ही आदिवासी वर्ग से मुख्यमंत्री को बनाया गया है, ताकि बीजेपी को लोकसभा में इसका लाभ मिल सके? मुख्यमंत्री का यह बयान चर्चा का विषय जरूर बन गया है.
"लंबे समय बाद आदिवासी सीएम की मांग हुई पूरी": वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश साहू कहते हैं कि, "लंबे समय से प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठती रही है. भाजपा से ही डॉ रमन सिंह तीन बार रिपीट हुए. तब भी प्रदेश में यह चर्चा थी कि रमन सिंह को रिपीट करने के बजाय क्या प्रदेश को एक आदिवासी सीएम दिया जा सकता है ? 15 साल सत्ता में रहने के बाद भाजपा 5 साल सत्ता से बाहर रही, लेकिन वापसी के बाद आदिवासी सीएम की मांग को भाजपा ने ही पूरा किया."
"जब विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया गया, तब भी कई तरह की चर्चा थी. तब से ही चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आदिवासी बाहुल्य प्रदेश में आदिवासी वोटर को साधने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने यह दांव खेला है. एकदम सीधे और सरल नेता विष्णुदेव को सीएम बनाया गया. सीएम ने रामपुर में आज खुले मंच से जो कहा, उससे कहीं न कहीं इन बातों की पुष्टि होती दिख रही है." - प्रकाश साहू, वरिष्ठ पत्रकार
सीएम के बयान में छिपा हुआ संदेश: वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश साहू का मानना है कि उनके इस बात में एक छिपा हुआ संदेश भी है कि आदिवासी मुख्यमंत्री देने के बाद भी प्रदेश में अगर भाजपा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता, तो वह अपनी रणनीति में कहीं न कहीं असफल हो जाएंगे. इसका दुष्परिणाम भी किसी न किसी रूप में सामने आ सकता है.
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण अंतर्गत 7 मई को मतदान होंगे. छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के तहत सात सीटों पर वोटिंग होनी है. जिनमें कोरबा सहित रायपुर, रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और जांजगीर चांपा शामिल है. इसलिए इन सातों लोकसभा सीटों पर जीत पक्का करने के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं.