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'हिमाचल में 7 सौर परियोजनाओं का होगा आवंटन, 200 पंचायतों को बनाया जाएगा हरित पंचायत' - SOLAR PROJECTS HIMACHAL

प्रदेश में 72 मैगावॉट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. पढ़ें पूरी खबर.

हिमाचल में 7 सौर परियोजनाओं का होगा आवंटन
हिमाचल में 7 सौर परियोजनाओं का होगा आवंटन (कॉन्सेप्ट फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 7:40 PM IST

शिमला: प्रदेश में 72 मैगावॉट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है. इनका कार्य जल्द ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त 325 मैगावॉट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है.

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, 'राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है. सरकार पहली बार राज्य की 200 पंचायतों को 'हरित पंचायत' के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है, जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे और इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा.'

सीएम ने कहा कि, 'सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावॉट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल 2024 को जनता को समर्पित किया गया था, जिससे अप्रैल से अक्तूबर तक साढ़े छह महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है. इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावॉट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, वहीं 10 मैगावॉट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है. हिमाचल को 2026 तक देश का पहला 'हरित ऊर्जा' राज्य बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो.'

सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'हरित ऊर्जा के दोहन से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी. इसके साथ ही कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा. हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी. ये जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है. इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों और वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे.'

ये भी पढ़ें: ऊना में सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य रिकॉर्ड समय में हुआ पूरा, 32 मेगावाट की विद्युत का होगा उत्पादन

शिमला: प्रदेश में 72 मैगावॉट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है. इनका कार्य जल्द ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त 325 मैगावॉट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है.

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, 'राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है. सरकार पहली बार राज्य की 200 पंचायतों को 'हरित पंचायत' के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है, जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे और इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा.'

सीएम ने कहा कि, 'सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावॉट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल 2024 को जनता को समर्पित किया गया था, जिससे अप्रैल से अक्तूबर तक साढ़े छह महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है. इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावॉट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, वहीं 10 मैगावॉट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है. हिमाचल को 2026 तक देश का पहला 'हरित ऊर्जा' राज्य बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो.'

सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'हरित ऊर्जा के दोहन से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी. इसके साथ ही कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा. हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी. ये जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है. इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों और वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे.'

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