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"पहला राज्य बना हिमाचल, मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराकर पेश की भाईचारे की मिसाल"

सीएम सुक्खू ने संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को मुस्लिम पक्ष द्वारा गिराने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा हिमाचल ने भाईचारे की मिसाल दी.

संजौली मस्जिद विवाद
संजौली मस्जिद विवाद (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 6 hours ago

शिमला: संजौली में मस्जिद की अवैध मंजिलों को गिराने के मामले में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने कहा "हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जिसने आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की है. मुस्लिम पक्ष खुद ही मस्जिद को तोड़ने के लिए आगे आया है जिसके बाद आज कानून के तहत मस्जिद तोड़ने का काम शुरू हो गया है. हिमाचल प्रदेश में सभी धर्मों के लोग बड़े सम्मान से रहते हैं. सभी जाति और धर्मों के लोगों को हिमाचल में काम करने का अधिकार है."

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश राज्य वक्फ बोर्ड ने संजौली मस्जिद कमेटी को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) दे दिया है. संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से मस्जिद के अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने की अनुमति मांगी थी. वक्फ बोर्ड की ओर से इस संबंध में नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है.

ऐसे सामने आया मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का मामला

इसी साल मल्याणा क्षेत्र में 30 अगस्त को दो समुदायों के बीच मारपीट की घटना हुई थी. आरोप है कि मारपीट करने वाले विशेष समुदाय के 6 आरोपियों में कुछ लोगों ने भागकर इसी मस्जिद में शरण ली थी जिसके विरोध में कांग्रेस पार्षद नीटू ठाकुर ने सैकड़ों लोगों के साथ संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया.

मामले ने तूल पकड़ा और संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण की बात निकल कर सामने आई. वहीं, विधानसभा सत्र के दौरान सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया और प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या के अवैध घुसपैठ को प्रदेश के लिए खतरा बताया.

मंत्री ने सदन में खुलासा किया था कि 14 सालों से मस्जिद विवाद के मामले को लेकर 44 पेशियां हो गईं, लेकिन कोई फैसला नहीं आया. उन्होंने संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग सदन में कर डाली थी. उसके बाद यह मामला हिमाचल सहित राष्ट्रीय स्तर पर गूंजा.

बता दें कि इस मामले को लेकर 5 अक्टूबर को शिमला में कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई के दौरान संजौली मस्जिद की 3 अवैध मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए 2 महीने का समय दिया था. साथ ही कहा अवैध मंजिलों को गिराने का खर्च मस्जिद कमेटी को खुद उठाना होगा. गौरतलब है कि 12 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध ढांचे को गिराने के लिए निगम कोर्ट से अनुमति मांगी थी. वहीं, बचे हुए ग्राउंड फ्लोर और पहले हिस्से को लेकर अब मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.

ये भी पढ़ें: "समय रहते गिराया जाए मस्जिद का अवैध हिस्सा, फंड की कमी को लेकर कमेटी कोर्ट में दे सकती है एप्लीकेशन"

ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद विवाद: HC का एमसी कमिश्नर को आदेश, आठ हफ्ते में पूरी की जाए मुख्य केस की प्रोसीडिंग्स

शिमला: संजौली में मस्जिद की अवैध मंजिलों को गिराने के मामले में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने कहा "हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जिसने आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की है. मुस्लिम पक्ष खुद ही मस्जिद को तोड़ने के लिए आगे आया है जिसके बाद आज कानून के तहत मस्जिद तोड़ने का काम शुरू हो गया है. हिमाचल प्रदेश में सभी धर्मों के लोग बड़े सम्मान से रहते हैं. सभी जाति और धर्मों के लोगों को हिमाचल में काम करने का अधिकार है."

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश राज्य वक्फ बोर्ड ने संजौली मस्जिद कमेटी को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) दे दिया है. संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से मस्जिद के अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने की अनुमति मांगी थी. वक्फ बोर्ड की ओर से इस संबंध में नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है.

ऐसे सामने आया मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का मामला

इसी साल मल्याणा क्षेत्र में 30 अगस्त को दो समुदायों के बीच मारपीट की घटना हुई थी. आरोप है कि मारपीट करने वाले विशेष समुदाय के 6 आरोपियों में कुछ लोगों ने भागकर इसी मस्जिद में शरण ली थी जिसके विरोध में कांग्रेस पार्षद नीटू ठाकुर ने सैकड़ों लोगों के साथ संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया.

मामले ने तूल पकड़ा और संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण की बात निकल कर सामने आई. वहीं, विधानसभा सत्र के दौरान सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया और प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या के अवैध घुसपैठ को प्रदेश के लिए खतरा बताया.

मंत्री ने सदन में खुलासा किया था कि 14 सालों से मस्जिद विवाद के मामले को लेकर 44 पेशियां हो गईं, लेकिन कोई फैसला नहीं आया. उन्होंने संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग सदन में कर डाली थी. उसके बाद यह मामला हिमाचल सहित राष्ट्रीय स्तर पर गूंजा.

बता दें कि इस मामले को लेकर 5 अक्टूबर को शिमला में कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई के दौरान संजौली मस्जिद की 3 अवैध मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए 2 महीने का समय दिया था. साथ ही कहा अवैध मंजिलों को गिराने का खर्च मस्जिद कमेटी को खुद उठाना होगा. गौरतलब है कि 12 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध ढांचे को गिराने के लिए निगम कोर्ट से अनुमति मांगी थी. वहीं, बचे हुए ग्राउंड फ्लोर और पहले हिस्से को लेकर अब मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.

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