शिमला: हिमाचल साल 2027 तक आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्धशाली राज्य होगा.सुक्खू सरकार राज्य को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार लगातार इस दिशा में प्रयास कर रही हैं, जिसके लिए कई प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं.
सरकार ने रखा ग्रीन एवं समृद्ध हिमाचल का लक्ष्य: सीएम सुक्खू ने कहा, "ग्रीन हिमाचल, समृद्ध हिमाचल के लक्ष्य को केंद्रित करते हुए प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन राज्य के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत यहां के प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन करने की दिशा में कार्य कर रही है. प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और लघु एवं सूक्ष्म उद्योग स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. ताकि युवा आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में अपना योगदान दे सकें".
युवाओं को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर: सीएम ने कहा, "युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जा रहे हैं. इसमें ड्रोन तकनीक आधारित सेवाएं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को केंद्रित करते हुए निर्माण, कृषि, चिकित्सा, आपदा के दौरान खाद्य वस्तुओं का वितरण इत्यादि सेवाएं ड्रोन तकनीक के तहत महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती हैं. ड्रोन तकनीक के माध्यम से प्रदेश में करीब 15 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं. युवाओं को ड्रोन तकनीक आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम आरंभ किए गए हैं. जिनमें कृत्रिम मेधा जैसे विषय भी शामिल हैं".
16 लाख सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे: सीएम सुक्खू ने कहा, "सोलर एनर्जी के माध्यम से भी प्रदेश में लगभग तीन हजार से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं. प्रदेश में घरों की छतों पर करीब 16 लाख सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे. सरकार के इस कदम से प्रदेश को हरित राज्य बनाने का सपना साकार करने में सहायता मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे".
पर्यटन से 3 लाख लोगों को मिला रोजगार: मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, "हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य भी है. प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का करीब सात फीसदी योगदान है. वर्ष 2023 में प्रदेश में करीब 1.6 करोड़ पर्यटक पहुंचे. पर्यटन के माध्यम से प्रदेश के करीब तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में ई-व्हीकल्स को प्राथमिकता दी जा रही है. प्रदेश में 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है. इसके अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने और निजी भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है".
प्राकृतिक खेती उत्पादों का समर्थन मूल्य: सीएम सुक्खू ने कहा, "प्रदेश में प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाई जाने वाली मक्की की खरीद के लिए राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये निर्धारित किया गया है. वहीं, सरकार एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से आने वाले समय में एवोकाडो और ड्रैगन फल की भी खेती करने की संभावनाएं तलाश रही है".
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