शिमला: हरियाणा के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. मीडिया से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा "किसी भी टेक्नोलॉजी को हैक किया जा सकता है. टेक्नोलॉजी के ज्ञाता एलन मस्क ने ये बोला है. देश में जब ईवीएम बनना बंद हो गई है तो शक को दूर करने के लिए जनता की मांग पर बैलेट पेपर पर भी चुनाव करवाए जाने चाहिए जिससे ईवीएम को लेकर पैदा हुआ शक दूर हो जाएगा."
वहीं, हिमाचल भवन को कुर्क करने को लेकर आए फैसले पर सीएम सुक्खू ने कहा कि 64 करोड़ का आर्बिट्रेशन का फैसला सिंगल बैंच से आया है. इसका एक नियम होता है जिसमें पैसा जमा किए जाने तक अपील नहीं सुनी जाती है. उन्होंने कहा कि पैसा जमा करने में थोड़ी देर जरूर हुई है.
चुनावों में ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर का प्रयोग होना चाहिए, ताकि लोकतंत्र की मौलिकता और निष्पक्षता बनी रहे। pic.twitter.com/oIF8Orofih
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) November 25, 2024
राजस्थान सरकार के खिलाफ भी बीकानेर हाउस को कुर्क करने का फैसला आया था. ये व्यवस्था ही ऐसी है, जिसको ज्यादा सीरियस लेने की जरूरत नहीं है. जब हमने आसानी से 280 करोड़ रुपये जमा किए थे, तब भी सरकार के खिलाफ फैसला आया था. हमने उसको भी जीता है. हम 64 करोड़ वाले केस को भी जीतेंगे.
भाजपा ने व्यक्तिगत और पार्टी हित में लिए फैसले
हिमाचल सरकार के 11 दिसंबर को दो साल पूरा होने पर पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार का दो साल का जश्न नहीं है बल्कि कार्यकाल पूरा होने को लेकर कार्यक्रम है. इस दौरान हम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सक्षम हुए हैं. इन दो सालों में हमने कई विभागों में व्यवस्था परिवर्तन किया है. उन्होंने कहा कि मैं कई बार कह चुका हूं कि हम सत्ता सुख नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं इसलिए हम हिमाचल के हित में फैसला लेते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने व्यक्तिगत और पार्टी हित में फैसले लेकर संपदा को लुटाने का काम किया है लेकिन हमारी सरकार उस संपदा को ना तो लूटने देगी और ना लुटाने देगी.
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