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हिमाचल में होगा 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का दोहन, हरित उद्योग को बढ़ावा दे रही सरकार: CM सुक्खू - Solar Energy in Himachal - SOLAR ENERGY IN HIMACHAL

CM Sukhu meeting with Energy Department: शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को राज्य में सौर उर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के निर्देश दिए. पढ़िए पूरी खबर...

सीएम सुक्खू ने ऊर्जा विभाग के साथ  की बैठक
सीएम सुक्खू ने ऊर्जा विभाग के साथ की बैठक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 8:36 PM IST

शिमला: हिमाचल में अगले छह महीने में 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का दोहन होगा. ये जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की समीक्षा करते हुए दी. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के भी निर्देश दिए.

सीएम सुक्खू ने कहा, "जिला ऊना के पेखुबेला में 32 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की गई है. कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में 10 मेगावाट और गगरेट विधानसभा क्षेत्र में 5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं निर्माणाधीन है. अधिकारियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने और समयबद्ध पूर्ण करने के साथ-साथ नई परियोजनाओं के लिए स्थान चिन्हित करने के भी निर्देश दिए गए हैं".

हरित उद्योग को बढ़ावा दे रही सरकार: सीएम सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश के लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ताकि इन परियोजनाओं से प्रदेश के लोग आजीविका कमा सके. उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं बोनाफाइड हिमाचलियों को आवंटित की जाएगी. प्रदेश के लोगों को सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

सीएम सुक्खू ने कहा कि बिजली की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है. इसलिए जल विद्युत के साथ-साथ सौर ऊर्जा का अधिकतम दोहन सुनिश्चित किया जा रहा है. सौर ऊर्जा पर्यावरण हितैषी और ऊर्जा का नवीकरणीय साधन है. इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है. सौर ऊर्जा परियोजनाओं का रख रखाव आसानी से किया जा सकता है और इनका जीवनकाल भी लंबा होता है.

सीएम सुक्खू ने प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा प्रदान कर रही है. वर्तमान में जलवायु परिवर्तन विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है. प्रदेश सरकार हरित पहल के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम करने की दिशा में कार्य रही है. सरकार ई-वाहनों के संचालनों को बढ़ावा प्रदान कर रही है. हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में परिवर्तित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: खजाने में 6500 करोड़ रुपए लाने को जी-जान लगा रही सुखविंदर सरकार, सुप्रीम कोर्ट दे चुका है हिमाचल के हक में फैसला

शिमला: हिमाचल में अगले छह महीने में 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का दोहन होगा. ये जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की समीक्षा करते हुए दी. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के भी निर्देश दिए.

सीएम सुक्खू ने कहा, "जिला ऊना के पेखुबेला में 32 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की गई है. कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में 10 मेगावाट और गगरेट विधानसभा क्षेत्र में 5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं निर्माणाधीन है. अधिकारियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने और समयबद्ध पूर्ण करने के साथ-साथ नई परियोजनाओं के लिए स्थान चिन्हित करने के भी निर्देश दिए गए हैं".

हरित उद्योग को बढ़ावा दे रही सरकार: सीएम सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश के लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ताकि इन परियोजनाओं से प्रदेश के लोग आजीविका कमा सके. उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं बोनाफाइड हिमाचलियों को आवंटित की जाएगी. प्रदेश के लोगों को सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

सीएम सुक्खू ने कहा कि बिजली की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है. इसलिए जल विद्युत के साथ-साथ सौर ऊर्जा का अधिकतम दोहन सुनिश्चित किया जा रहा है. सौर ऊर्जा पर्यावरण हितैषी और ऊर्जा का नवीकरणीय साधन है. इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है. सौर ऊर्जा परियोजनाओं का रख रखाव आसानी से किया जा सकता है और इनका जीवनकाल भी लंबा होता है.

सीएम सुक्खू ने प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा प्रदान कर रही है. वर्तमान में जलवायु परिवर्तन विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है. प्रदेश सरकार हरित पहल के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम करने की दिशा में कार्य रही है. सरकार ई-वाहनों के संचालनों को बढ़ावा प्रदान कर रही है. हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में परिवर्तित किया जा रहा है.

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