शिमला: हिमाचल प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और अब बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. जिसको लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा जब ये निर्दलीय विधायक आजाद प्रत्याशी थे तो उनको रिजाइन नहीं करना चाहिए था. उनको जनता की भावना के अनुरुप कार्य करना चाहिए था. कहीं ऐसा तो नहीं है कि इन्होंने नोटों के दम पर तो अपना ईमान गिरवी रख दिया हो. तीनों निर्दलीय विधायक न कांग्रेस के थे और न ही भाजपा से थे, तो फिर उन पर किस प्रकार का दवाब था.
'कुछ गलत किया होगा, तभी दिया इस्तीफा': उन्होंने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायकों ने कुछ गलत किया होगा, तभी अपने पद से इस्तीफा दिया है. सुक्खू ने सवाल उठाया कि ऐसी कौन सी वजह है, जो तीनों निर्दलीय एमएलए सीआरपीएफ के पहरे में है और उनका आना जाना भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से हो रहा है. इतने धन का प्रयोग लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. ये जनभावना के साथ खिलवाड़ है. हिमाचल की जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी. भाजपा देखती है कि जब इन्हें जनता के वोट पर सत्ता नहीं मिलती है तो वे कोशिश करते हैं की नोट के दम पर सत्ता को हथियाया जाए.
'भाजपा अपनाती है हथकंडे': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा लोकसभा चुनाव आते ही भाजपा सरकार कई तरह के हथकंडे अपनाती है. उन्होंने कहा पार्टी को चंदे और कांग्रेस मेंबरशिप फॉर्म भरने से भी पैसा आता है. उसे भी ट्रेजरी में जमा किया जाता है. इस पैसे को चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी के प्रचार और प्रसार पर खर्च किया जाता है. लेकिन इनकम टैक्स विभाग ने खातों को सीज कर दिया है. चुनाव के वक्त इस तरह के हथकंडे अपना ठीक नहीं है.
'कांग्रेस पर दबाव नहीं डाला जा सकता': उन्होंने कहा भाजपा ये दर्शाने का प्रयास कर रही है कि इस तरह के प्रतिबंध लगाकर सत्ता प्राप्त करेगी. ये लोकतंत्र के मूल्यों का हनन है. कांग्रेस इसका विरोध करती है. इस तरह की राजनीतिक सोच से कांग्रेस पर दबाव नहीं डाला जा सकता है और न ही पार्टी इससे घबराने वाली है. इस तरह की परिस्थितियों का डटकर मुकाबला किया जाएगा. अरविंद केजरीवाल को लेकर पूछे गए सवाल पर सुक्खू ने कहा कि सीएम को जेल भेजना गलत है. ये एक राजनीतिक प्रतिशोध के चलते हुआ है.
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