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उत्तराखंड में राजस्व बढ़ाने को लेकर बैठक, नवाचार और कर संग्रहण में वृद्धि पर जोर

देहरादून में सीएम धामी ने राजस्व वृद्धि को लेकर बैठक की. बैठक में नवाचार और कर संग्रहण पर जोर दिया गया.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

CM Pushkar Singh Dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (फोटो सोर्स- Information Department)

देहरादून: सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वित्तीय मितव्ययता को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की गई. इसी दौरान सीएम धामी ने सभी विभागों को राजस्व संग्रहण में वृद्धि करने के लिए नए तरीके और रणनीति पर काम करने के निर्देश दिए गए. सीएम ने कहा कि कर संग्रहण प्रक्रिया में और सुधार के साथ-साथ कर चोरी रोकने के लिए नियमित कड़े कदम उठाये जाएं. ये सुनिश्चित किया जाए कि विकास और जनहित से जुड़े तमाम कार्यों का आमजन को पूरा लाभ मिले. कार्यों में मितव्ययता के साथ गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए, क्योंकि सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन राज्य सरकार का मूल मंत्र है.

खनन क्षेत्र में राजस्व वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों की सीएम ने सराहना की, क्योंकि इस वर्ष खनन क्षेत्र में पहली छमाही में पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 फीसदी है. सीएम धामी ने कहा कि एसजीएसटी, परिवहन, आबकारी, वानिकी और ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में राजस्व वृद्धि के लिए और प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था से निवेश, आर्थिक गतिविधियां और राज्य के कर एवं करेत्तर आय में वृद्धि होती है. इसी प्रकार पॉलिसी इंटरवेंशन से भी राज्य की आय में वृद्धि हो सकती है और मितव्ययता सुनिश्चित की जा सकती है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नई नीतियों और जिन नीतियों में संशोधन किया गया है, उनका असर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखे.

CM Pushkar Singh Dhami
राजस्व वृद्धि के संंबध में बैठक (फोटो सोर्स- Information Department)

होलिस्टिक एप्रोच के तहत काम करने के निर्देश: सीएम धामी ने कहा कि नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए होलिस्टिक एप्रोच (Holistic Approach) के साथ कार्य किए जाएंं. मितव्ययता से आशय यह नहीं है कि हम कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करें. हमारी रणनीति होगी कि हम लोक कल्याण के कार्यों को और बेहतर ढंग से कर सकें. उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और लोक कल्याणकारी कार्यों को करने के लिए आवश्यक है कि हम राज्य के संसाधनों में वृद्धि करें. बड़ी परियोजनाओं का सही ढ़ंग से लागत और लाभ का विश्लेषण करें. मितव्ययता के लिए उत्पादकता में सुधार, अनावश्यक व्यय में कटौती, और संसाधनों का सही उपयोग करना है.

पिछले 20 महीने में राज्य की जीएसडीपी में 1.3 गुना वृद्धि हुई है. दो सालों में राज्य के प्रति व्यक्ति आय में 26 फीसदी की वृद्धि हुई है. 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 5 हजार रुपए थी. 2023-24 में यह बढ़कर 2 लाख 60 हजार रुपए हो गई है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य ने 34 प्रतिशत की वृद्धि पूंजीगत कार्यों में की है. पहली बार 10 हजार करोड़ से अधिक के पूंजीगत काम प्रदेश में हुए. वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के कर राजस्व में 12.52 फीसदी की वृद्धि हुई है. इस साल 16.96 फीसदी की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है.

बैठक में राज्य राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिये किये जा रहे प्रयासों, प्रतिबद्ध और गैर प्रतिबद्ध व्यय की प्रवृत्ति, महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता, राजकोषीय संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई. बैठक में डीपीआर बनाने से लेकर परियोजना पूरा करने तक पूंजीगत परियोजनाओें के कार्य की ई-मॉनिटरिंग, ई-गवर्नेंस का उपयोग और राजस्व स्रोतों की डिजिटल निगरानी, रिकार्ड, दस्तावेज और सेवाएं देने हेतु पेपरलेस विधि का उपयोग और ई-वाहन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई. मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए कि जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात में हो उनको अधिक प्राथमिकता दी जाए. नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए.

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खनन क्षेत्र में राजस्व वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों की सीएम ने सराहना की, क्योंकि इस वर्ष खनन क्षेत्र में पहली छमाही में पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 फीसदी है. सीएम धामी ने कहा कि एसजीएसटी, परिवहन, आबकारी, वानिकी और ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में राजस्व वृद्धि के लिए और प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था से निवेश, आर्थिक गतिविधियां और राज्य के कर एवं करेत्तर आय में वृद्धि होती है. इसी प्रकार पॉलिसी इंटरवेंशन से भी राज्य की आय में वृद्धि हो सकती है और मितव्ययता सुनिश्चित की जा सकती है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नई नीतियों और जिन नीतियों में संशोधन किया गया है, उनका असर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखे.

CM Pushkar Singh Dhami
राजस्व वृद्धि के संंबध में बैठक (फोटो सोर्स- Information Department)

होलिस्टिक एप्रोच के तहत काम करने के निर्देश: सीएम धामी ने कहा कि नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए होलिस्टिक एप्रोच (Holistic Approach) के साथ कार्य किए जाएंं. मितव्ययता से आशय यह नहीं है कि हम कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करें. हमारी रणनीति होगी कि हम लोक कल्याण के कार्यों को और बेहतर ढंग से कर सकें. उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और लोक कल्याणकारी कार्यों को करने के लिए आवश्यक है कि हम राज्य के संसाधनों में वृद्धि करें. बड़ी परियोजनाओं का सही ढ़ंग से लागत और लाभ का विश्लेषण करें. मितव्ययता के लिए उत्पादकता में सुधार, अनावश्यक व्यय में कटौती, और संसाधनों का सही उपयोग करना है.

पिछले 20 महीने में राज्य की जीएसडीपी में 1.3 गुना वृद्धि हुई है. दो सालों में राज्य के प्रति व्यक्ति आय में 26 फीसदी की वृद्धि हुई है. 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 5 हजार रुपए थी. 2023-24 में यह बढ़कर 2 लाख 60 हजार रुपए हो गई है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य ने 34 प्रतिशत की वृद्धि पूंजीगत कार्यों में की है. पहली बार 10 हजार करोड़ से अधिक के पूंजीगत काम प्रदेश में हुए. वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के कर राजस्व में 12.52 फीसदी की वृद्धि हुई है. इस साल 16.96 फीसदी की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है.

बैठक में राज्य राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिये किये जा रहे प्रयासों, प्रतिबद्ध और गैर प्रतिबद्ध व्यय की प्रवृत्ति, महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता, राजकोषीय संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई. बैठक में डीपीआर बनाने से लेकर परियोजना पूरा करने तक पूंजीगत परियोजनाओें के कार्य की ई-मॉनिटरिंग, ई-गवर्नेंस का उपयोग और राजस्व स्रोतों की डिजिटल निगरानी, रिकार्ड, दस्तावेज और सेवाएं देने हेतु पेपरलेस विधि का उपयोग और ई-वाहन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई. मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए कि जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात में हो उनको अधिक प्राथमिकता दी जाए. नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए.

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