देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी कैंपस सीमाद्वार, देहरादून में आईटीबीपी उत्तरी सीमांत मुख्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित 'रेजिंग डे' कार्यक्रम में शिरकत की.जहां सीएम धामी ने जवानों के साथ ना केवल भोजन किया, बल्कि उनके साथ खूब समय भी बिताया और उनकी कुशलक्षेम पूछी. इसके साथ ही जवानों ने भी धामी का दिल खोल कर स्वागत किया.इस मौके पर कई रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस दौरान जवानों के साथ बेहद उत्साहित दिखे. उन्होंने आईटीबीपी के शहीद जवानों के परिजनों एवं सेवानिवृत्त सैनिकों को सम्मानित भी किया. उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आईटीबीपी जवानों से बातचीत की और उनसे उनका अनुभव भी जाना. बाद में सीएम धामी ने उन सभी को सम्मानित किया. आईटीबीपी के अधिकारियों ने कुछ चौकियों को लेकर सीएम को पत्र भी सौंपा था. इसके बाद सीएम धामी ने इस पर भी मुहर लगाते हुए कहा कि राज्य में जल्द आईटीबीपी की 16 नई गठित अग्रिम चौकियों के लिए सरकार स्थान उपलब्ध कराएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आईटीबीपी 6 दशकों से देश की सेवा कर रही है. विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी आईटीबीपी के जवान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं. विपरीत परिस्थिति में सीमाओं पर चौकस रहने के लिए अनुशासन और वीरता की भावना अहम होती है. आईटीबीपी के जवानों का अनुशासन, उनकी वीरता और देश सेवा की भावना सराहनीय है.
सीएम धामी ने आगे कहा कि आईटीबीपी के जवान हिमालयी क्षेत्रों में आयी विभिन्न आपदाओं में राहत अभियानों में सबसे आगे रहते हैं. शीतकाल में कपाट बंद होने के बाद हमारे चारों धामों, केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी आईटीबीपी के हाथों में होती है.कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है. उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का भी निर्णय लिया है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई है.
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