ETV Bharat / state

सीएम धामी ने की हिमवीरों की जमकर तारीफ, कहा- जल्द चौकियां खोलने के लिए राज्य सरकार देगी जगह

TBP Foundation Day सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने आईटीबीपी के शहीद जवानों के परिजनों एवं सेवानिवृत्त सैनिकों को सम्मानित किया.सीएम धामी सिलक्यारा रेस्क्यू टनल ऑपरेशन में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले आइटीबीपी जवानों को सम्मानित किया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 5, 2024, 2:05 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 2:44 PM IST

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी कैंपस सीमाद्वार, देहरादून में आईटीबीपी उत्तरी सीमांत मुख्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित 'रेजिंग डे' कार्यक्रम में शिरकत की.जहां सीएम धामी ने जवानों के साथ ना केवल भोजन किया, बल्कि उनके साथ खूब समय भी बिताया और उनकी कुशलक्षेम पूछी. इसके साथ ही जवानों ने भी धामी का दिल खोल कर स्वागत किया.इस मौके पर कई रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस दौरान जवानों के साथ बेहद उत्साहित दिखे. उन्होंने आईटीबीपी के शहीद जवानों के परिजनों एवं सेवानिवृत्त सैनिकों को सम्मानित भी किया. उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आईटीबीपी जवानों से बातचीत की और उनसे उनका अनुभव भी जाना. बाद में सीएम धामी ने उन सभी को सम्मानित किया. आईटीबीपी के अधिकारियों ने कुछ चौकियों को लेकर सीएम को पत्र भी सौंपा था. इसके बाद सीएम धामी ने इस पर भी मुहर लगाते हुए कहा कि राज्य में जल्द आईटीबीपी की 16 नई गठित अग्रिम चौकियों के लिए सरकार स्थान उपलब्ध कराएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आईटीबीपी 6 दशकों से देश की सेवा कर रही है. विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी आईटीबीपी के जवान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं. विपरीत परिस्थिति में सीमाओं पर चौकस रहने के लिए अनुशासन और वीरता की भावना अहम होती है. आईटीबीपी के जवानों का अनुशासन, उनकी वीरता और देश सेवा की भावना सराहनीय है.

सीएम धामी ने आगे कहा कि आईटीबीपी के जवान हिमालयी क्षेत्रों में आयी विभिन्न आपदाओं में राहत अभियानों में सबसे आगे रहते हैं. शीतकाल में कपाट बंद होने के बाद हमारे चारों धामों, केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी आईटीबीपी के हाथों में होती है.कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है. उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का भी निर्णय लिया है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई है.

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी कैंपस सीमाद्वार, देहरादून में आईटीबीपी उत्तरी सीमांत मुख्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित 'रेजिंग डे' कार्यक्रम में शिरकत की.जहां सीएम धामी ने जवानों के साथ ना केवल भोजन किया, बल्कि उनके साथ खूब समय भी बिताया और उनकी कुशलक्षेम पूछी. इसके साथ ही जवानों ने भी धामी का दिल खोल कर स्वागत किया.इस मौके पर कई रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस दौरान जवानों के साथ बेहद उत्साहित दिखे. उन्होंने आईटीबीपी के शहीद जवानों के परिजनों एवं सेवानिवृत्त सैनिकों को सम्मानित भी किया. उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आईटीबीपी जवानों से बातचीत की और उनसे उनका अनुभव भी जाना. बाद में सीएम धामी ने उन सभी को सम्मानित किया. आईटीबीपी के अधिकारियों ने कुछ चौकियों को लेकर सीएम को पत्र भी सौंपा था. इसके बाद सीएम धामी ने इस पर भी मुहर लगाते हुए कहा कि राज्य में जल्द आईटीबीपी की 16 नई गठित अग्रिम चौकियों के लिए सरकार स्थान उपलब्ध कराएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आईटीबीपी 6 दशकों से देश की सेवा कर रही है. विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी आईटीबीपी के जवान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं. विपरीत परिस्थिति में सीमाओं पर चौकस रहने के लिए अनुशासन और वीरता की भावना अहम होती है. आईटीबीपी के जवानों का अनुशासन, उनकी वीरता और देश सेवा की भावना सराहनीय है.

सीएम धामी ने आगे कहा कि आईटीबीपी के जवान हिमालयी क्षेत्रों में आयी विभिन्न आपदाओं में राहत अभियानों में सबसे आगे रहते हैं. शीतकाल में कपाट बंद होने के बाद हमारे चारों धामों, केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी आईटीबीपी के हाथों में होती है.कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है. उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का भी निर्णय लिया है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई है.

पढ़ें-

सीएम धामी ने पंचायती राज के 350 कर्मियों को बांटे नियुक्ति पत्र, GPDO को बताया लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव

उत्तराखंड को मिले 27 डिप्टी जेलर, 285 बंदी रक्षकों की भी हुई नियुक्ति, सीएम धामी ने बांटे अपॉइंटमेंट लेटर

Last Updated : Mar 5, 2024, 2:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.