देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून कभी भी दस्तक दे सकता है. उत्तराखंड में मॉनसून हर साल आफत की बारिश लेकर आता है. यहीं कारण है कि हर साल सरकार समय से मॉनसून की तैयारी में जुट जाती है, ताकी मॉनसूनी बारिश के दौरान को जानमाल का कम से कम नुकसान हो. वहीं मंगलवार 11 जून को भी मॉनसून की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सचिवालय में समीक्षा बैठक की.
बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हुए कहा कि मॉनसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसे में सभी अधिकारी अलर्ट मोड पर रहने के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी कार्यों को तय समय के दौरान पूरा कर ले.
सीएम ने कहा कि आपदा के लिहाज से पूरा प्रदेश संवेदनशील है, लेकिन अल्मोड़ा जिला अति संवेदनशील क्षेत्र में आता है. ऐसे में अल्मोड़ा जिले में विशेष रूप से एसडीआरएफ की तैनाती की जाए. पर्वतीय राज्य होने के चलते मॉनसून सीजन हमेशा ही सरकार के लिए एक चुनौती रहती है, जिसके चलते अतिवृष्टि और आपदा से निपटने के लिए तय समय के भीतर सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं.
इसके साथ ही पिछले साल जिन क्षेत्रों में अधिक आपदा आई थी, उन क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए वहां पर आपदा से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं. आपदा विभाग से जुड़े अधिकारियों को निर्देश देते हुए सीएम धामी ने कहा कि 15 जून से पूर्व नालियों, सिंचाई गूलों और नहरों की साफ सफाई कर ली जाए. नगर निगम और पालिका क्षेत्रों में भी अगर कहीं जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है तो उन क्षेत्रों में भी जलभराव की समस्या से निदान संबंधित कार्य किए जाए.
इसके अलावा आपदा और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरती जाए. मॉनसून सीजन के दौरान बाधित होने वाली सड़कों को खोलने के लिए जगह-जगह जेसीबी की तैनाती की जाए. सभी जिलाधिकारी आपदा मद के तहत होने वाले कार्यों के लिए जल्द से जल्द धनराशि भी जारी करे.
सीएम ने कहा कि आपदा के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों से कई बार गर्भवती महिलाओं को एयर लिफ्ट करने की जरूरत पड़ती है, उसके लिए पहले से ही व्यवस्था की जाए. इसके अलावा जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर दवाइयों का छिड़काव और तय मानकों के अनुसार कार्रवाही की जाए.
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