देहरादूनः उत्तराखंड के तमाम जिलों में स्थानीय निवासियों की समस्या का समाधान बेहतर तरीके से हो, इसके लिए धामी सरकार ने राज्य के 13 सचिव स्तर के अधिकारियों को अलग-अलग जिले का प्रभारी नियुक्त किया है. इसके साथ ही ये प्रभारी अधिकारी जिले के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर विकास कार्यों को बेहतर अंजाम देंगे.
उत्तराखंड की धामी सरकार के इस फैसले से जनता की आवाज सरकार तक आसानी से पहुंच सकेगी. साथ ही विकास कार्यों को भी गति मिलेगी. सरकार का यह मानना है कि यह अधिकारी जिले स्तर के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर बेहतर काम करेंगे. इसके साथ ही ये अधिकारी अपने-अपने जिलों की समय-समय समीक्षा करेंगे. जबकि मुख्यमंत्री धामी जिले की समीक्षा संबंधित प्रभारी अधिकारियों के साथ करेंगे.
बता दें कि मुख्यमंत्री धामी पहले भी अधिकारियों को दो टूक कह चुके हैं उन्हें सिर्फ सचिवालय में रहते हुए ही काम नहीं करना है. जबकि बाहर निकल कर भी व्यवस्थाओं को और लोगों की परेशानियों के साथ-साथ हर वह काम देखना है जो राज्य के हित में हो. इसी क्रम में राज्य सरकार ने बीते दिनों चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को बनाने के लिए सचिव स्तर के अधिकारियों को एक-एक मंदिर का प्रभारी बनाकर भी भेजा था.
इन सचिव स्तर के अधिकारियों को दिया गया जिले का जिम्मा: दीपेंद्र कुमार चौधरी- चमोली, चंद्रेश कुमार यादव- चंपावत, वी षणमुगम- उत्तरकाशी, बृजेश कुमार संत-हरिद्वार, एल फैनई-नैनीताल, डॉ आर राजेश कुमार- रुद्रप्रयाग, राधिका झा-देहरादून, दिलीप जावलकर- पौड़ी गढ़वाल, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम- उधमसिंह नगर, डॉ. पंकज कुमार पांडे- अल्मोड़ा, विनोद कुमार सुमन- बागेश्वर, सचिन कुर्वे- टिहरी गढ़वाल, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा- पिथौरागढ़.
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