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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं कर रहे माननीय! CM ने दिया रिमाइंडर, केवल एक मंत्री ही कसौटी पर उतरे खरा - Minister Performance in Uttarakhand

Cabinet Ministers Performance Report in Uttarakhand उत्तराखंड के तमाम कैबिनेट मंत्री मुख्यमंत्री की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं. दरअसल, मंत्रियों की ओर से हर महीने दी जाने वाली रिपोर्ट मुख्यमंत्री को नहीं मिल रही है, जिस पर मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को रिमाइंडर भेजा है. हालांकि, केवल एक मंत्री ही रिपोर्ट भेज पाए हैं. जानिए क्या कहते हैं रिपोर्ट न भेज पाने वाले मंत्री?

Minister Performance Report in Uttarakhand
उत्तराखंड में मंत्रियों की रिपोर्ट ग्राफिक्स (फोटो- ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 14, 2024, 11:55 AM IST

मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं कर रहे माननीय! (वीडियो- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के क्रियान्वयन विभाग की ओर से सरकार के सभी मंत्रियों को पत्र लिखा गया है जिसमें याद दिलाया गया है कि वो आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी रिपोर्ट जमा नहीं करवा रहे हैं. यही वजह है कि उन्हें रिमाइंडर भेजना पड़ रहा है.

सभी मंत्रियों को सीएम को देनी होती है महीने भर की रिपोर्ट: मुख्यमंत्री क्रियान्वयन विभाग के सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर 2022 में एक पहल शुरू की थी, जिसमें सभी मंत्रियों को अपने महीने भर की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को पेश करनी थी. इस रिपोर्ट में मंत्रियों के अपने प्रभारी जिलों में दौरे, सरकार जनता के द्वार, अनुशासित प्रदेश, भय मुक्त समाज जैसी तमाम योजनाएं शामिल हैं, जिन्हें मंत्रियों की ओर से जिलों में इंप्लीमेंट करवाया जाता है. वहीं, इसके अलावा जिला योजनाओं में भी मंत्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

जानकारी देते मुख्यमंत्री क्रियान्वयन विभाग के सचिव दीपक कुमार (वीडियो- ETV Bharat)

मंत्रियों ने जनवरी और फरवरी तक ही भेजी रिपोर्ट: उन्होंने बताया कि इस साल जनवरी और फरवरी तक सभी मंत्रियों की रिपोर्ट क्रियान्वयन कार्यालय को मिली, लेकिन आचार संहिता लगने के बाद केवल कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की रिपोर्ट ही क्रियान्वयन में विभाग को मिली है. इसके अलावा किसी मंत्री ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, जिसे देखते हुए सभी मंत्रियों को रिमाइंडर भेजा गया है.

केवल प्रेमचंद अग्रवाल ने भेजी रिपोर्ट: उत्तराखंड में फरवरी महीने में लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगाई गई. जो लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद हटा ली गई. ऐसे में लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगते ही मुख्यमंत्री क्रियान्वयन कार्यालय को जाने वाली सभी मंत्रियों की रिपोर्ट में भी विराम लग गया. केवल एक मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी है.

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल बताते हैं कि सरकार के तमाम मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार दिया गया है. उनसे अपेक्षा की गई है कि वो जिले का प्रवास करें और रात्रि विश्राम करें. साथ ही लोगों से मिलकर उन्हें सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी दे. इसके अलावा उसे धरातल पर उतारने में अपनी भूमिका भी निभाएं.

वहीं, इसके साथ-साथ मंत्रियों से ये भी अपेक्षा की गई है कि उनकी ओर से जिलों में प्रवास के दौरान क्या कुछ किया गया है? इसकी रिपोर्ट वो मुख्यमंत्री कार्यालय को भिजवाएं. उन्होंने कहा कि वो सौभाग्यशाली है कि उनकी ओर से लगातार रिपोर्ट भेजी जा रही है. साथ ही अन्य मंत्रियों पर उन्होंने कहा कि अन्य मंत्री भी रिपोर्ट भेजने वाले होंगे.

Cabinet Ministers Performance Report in Uttarakhand
सीएम धामी की ओर से जारी पत्र (फोटो सोर्स- CM Office)

अन्य मंत्री बना रहे बहाने, बोले- हम तो लगातार फील्ड में हैं: मुख्यमंत्री कार्यालय को अपने जिलों के प्रवास को लेकर मासिक रिपोर्ट ना भेजे जाने पर अन्य मंत्रियों से भी जानकारी ली गई. जिस पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि ऐसा नहीं है, वो लगातार हर महीने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि जितना वो अपने प्रभारी जिले में रहते हैं, उनसे ज्यादा कोई दूसरा मंत्री अपने प्रभारी जिले में रहता होगा. मंत्री जोशी ने कहा कि वो मंगलौर चुनाव में थे, उस समय उधमसिंह नगर जिले में आपदा आई. ऐसे में वो सुबह 6:30 बजे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में गए. जिसके बाद शाम को मुख्यमंत्री भी आए और उन्होंने लगातार वहां पर आपदा राहत के लिए लोगों की मदद की.

सौरभ बहुगुणा बोले- अधिकारी कर रहे हैं गुमराह: वहीं, इस मामले में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा से पूछा गया कि क्या उन्होंने कोई रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी है? जिस पर उनका कहना था कि उन्होंने अपने कार्यालय से पता करवाया है और उनकी रिपोर्ट लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय को जा रही है. उनके अधिकारियों ने उन्हें बताया है कि जनवरी आखिर में ही उनके जिलों के प्रवास की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा चुकी है.

सौरभ बहुगुणा का कहना है कि उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो मुख्यमंत्री कार्यालय को एक और पत्र भेजें. उसमें बताएं कि उनकी ओर से रिपोर्ट भेजी गई है. साथ ही उनका ये ही कहना है कि जो अधिकारी इस तरह की बातें कर रहे हैं, वो कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री कार्यालय को गुमराह कर रहे हैं.

मंत्रियों के साथ है संगठन, महेंद्र भट्ट बोले- हमारे मंत्री बेहद सक्रिय: मंत्रियों की जिलों में प्रवास की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को न दिए जाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से भी बातचीत की गई. जिसमें पूछा गया कि क्या मंत्री अनुशासित नहीं हैं? जिस पर महेंद्र भट्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है, हमारे मंत्री बेहद अनुशासित और क्रियाशील है. सरकार के सभी मंत्री लगातार जिलों में जा रहे हैं.

सभी जिलों में जिला योजनाओं की बैठक हो चुकी है. लगातार मंत्री इस बात की सूचना संगठन और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज रहे हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय से ऐसी कोई बात की जा रही है तो उस पर उन्होंने किसी भी तरह की टिप्पणी की जाने पर मना किया. उन्होंने कहा कि इसका सही जवाब मुख्यमंत्री कार्यालय ही दे सकता है.

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मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं कर रहे माननीय! (वीडियो- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के क्रियान्वयन विभाग की ओर से सरकार के सभी मंत्रियों को पत्र लिखा गया है जिसमें याद दिलाया गया है कि वो आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी रिपोर्ट जमा नहीं करवा रहे हैं. यही वजह है कि उन्हें रिमाइंडर भेजना पड़ रहा है.

सभी मंत्रियों को सीएम को देनी होती है महीने भर की रिपोर्ट: मुख्यमंत्री क्रियान्वयन विभाग के सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर 2022 में एक पहल शुरू की थी, जिसमें सभी मंत्रियों को अपने महीने भर की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को पेश करनी थी. इस रिपोर्ट में मंत्रियों के अपने प्रभारी जिलों में दौरे, सरकार जनता के द्वार, अनुशासित प्रदेश, भय मुक्त समाज जैसी तमाम योजनाएं शामिल हैं, जिन्हें मंत्रियों की ओर से जिलों में इंप्लीमेंट करवाया जाता है. वहीं, इसके अलावा जिला योजनाओं में भी मंत्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

जानकारी देते मुख्यमंत्री क्रियान्वयन विभाग के सचिव दीपक कुमार (वीडियो- ETV Bharat)

मंत्रियों ने जनवरी और फरवरी तक ही भेजी रिपोर्ट: उन्होंने बताया कि इस साल जनवरी और फरवरी तक सभी मंत्रियों की रिपोर्ट क्रियान्वयन कार्यालय को मिली, लेकिन आचार संहिता लगने के बाद केवल कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की रिपोर्ट ही क्रियान्वयन में विभाग को मिली है. इसके अलावा किसी मंत्री ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, जिसे देखते हुए सभी मंत्रियों को रिमाइंडर भेजा गया है.

केवल प्रेमचंद अग्रवाल ने भेजी रिपोर्ट: उत्तराखंड में फरवरी महीने में लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगाई गई. जो लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद हटा ली गई. ऐसे में लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगते ही मुख्यमंत्री क्रियान्वयन कार्यालय को जाने वाली सभी मंत्रियों की रिपोर्ट में भी विराम लग गया. केवल एक मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी है.

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल बताते हैं कि सरकार के तमाम मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार दिया गया है. उनसे अपेक्षा की गई है कि वो जिले का प्रवास करें और रात्रि विश्राम करें. साथ ही लोगों से मिलकर उन्हें सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी दे. इसके अलावा उसे धरातल पर उतारने में अपनी भूमिका भी निभाएं.

वहीं, इसके साथ-साथ मंत्रियों से ये भी अपेक्षा की गई है कि उनकी ओर से जिलों में प्रवास के दौरान क्या कुछ किया गया है? इसकी रिपोर्ट वो मुख्यमंत्री कार्यालय को भिजवाएं. उन्होंने कहा कि वो सौभाग्यशाली है कि उनकी ओर से लगातार रिपोर्ट भेजी जा रही है. साथ ही अन्य मंत्रियों पर उन्होंने कहा कि अन्य मंत्री भी रिपोर्ट भेजने वाले होंगे.

Cabinet Ministers Performance Report in Uttarakhand
सीएम धामी की ओर से जारी पत्र (फोटो सोर्स- CM Office)

अन्य मंत्री बना रहे बहाने, बोले- हम तो लगातार फील्ड में हैं: मुख्यमंत्री कार्यालय को अपने जिलों के प्रवास को लेकर मासिक रिपोर्ट ना भेजे जाने पर अन्य मंत्रियों से भी जानकारी ली गई. जिस पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि ऐसा नहीं है, वो लगातार हर महीने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि जितना वो अपने प्रभारी जिले में रहते हैं, उनसे ज्यादा कोई दूसरा मंत्री अपने प्रभारी जिले में रहता होगा. मंत्री जोशी ने कहा कि वो मंगलौर चुनाव में थे, उस समय उधमसिंह नगर जिले में आपदा आई. ऐसे में वो सुबह 6:30 बजे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में गए. जिसके बाद शाम को मुख्यमंत्री भी आए और उन्होंने लगातार वहां पर आपदा राहत के लिए लोगों की मदद की.

सौरभ बहुगुणा बोले- अधिकारी कर रहे हैं गुमराह: वहीं, इस मामले में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा से पूछा गया कि क्या उन्होंने कोई रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी है? जिस पर उनका कहना था कि उन्होंने अपने कार्यालय से पता करवाया है और उनकी रिपोर्ट लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय को जा रही है. उनके अधिकारियों ने उन्हें बताया है कि जनवरी आखिर में ही उनके जिलों के प्रवास की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा चुकी है.

सौरभ बहुगुणा का कहना है कि उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो मुख्यमंत्री कार्यालय को एक और पत्र भेजें. उसमें बताएं कि उनकी ओर से रिपोर्ट भेजी गई है. साथ ही उनका ये ही कहना है कि जो अधिकारी इस तरह की बातें कर रहे हैं, वो कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री कार्यालय को गुमराह कर रहे हैं.

मंत्रियों के साथ है संगठन, महेंद्र भट्ट बोले- हमारे मंत्री बेहद सक्रिय: मंत्रियों की जिलों में प्रवास की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को न दिए जाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से भी बातचीत की गई. जिसमें पूछा गया कि क्या मंत्री अनुशासित नहीं हैं? जिस पर महेंद्र भट्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है, हमारे मंत्री बेहद अनुशासित और क्रियाशील है. सरकार के सभी मंत्री लगातार जिलों में जा रहे हैं.

सभी जिलों में जिला योजनाओं की बैठक हो चुकी है. लगातार मंत्री इस बात की सूचना संगठन और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज रहे हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय से ऐसी कोई बात की जा रही है तो उस पर उन्होंने किसी भी तरह की टिप्पणी की जाने पर मना किया. उन्होंने कहा कि इसका सही जवाब मुख्यमंत्री कार्यालय ही दे सकता है.

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