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जब सदन में बोले सीएम धामी- मां ने भी यूसीसी की सराहना की, कहा- पहले हो जाना चाहिए था ये काम

CM Pushkar Dhami Mention His Mother on UCC विधानसभा सत्र के कार्यवाही के दौरान यूसीसी विधेयक पर संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी मां का भी जिक्र किया. सीएम धामी ने कहा कि उनकी मां ने भी 'समान नागरिक संहिता' की सराहना की है.

CM Pushkar Singh Dhami
सीएम पुष्कर सिंह धामी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 7, 2024, 9:46 PM IST

Updated : Feb 7, 2024, 10:02 PM IST

देहरादून/काशीपुर: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक विधानसभा में पारित हो गया है. सदन में विधेयक पर दो दिनों तक चर्चा हुई. विधेयक के प्रावधानों को लेकर सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए. आखिरकार विधेयक को पारित कर दिया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड विधानसभा यूसीसी विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई. यूसीसी विधेयक के संबंध में सत्र को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने अपनी मां का भी जिक्र किया. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि उनकी माताजी ने भी यूसीसी की सराहना की है.

सीएम धामी ने साझा की मां की बात: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के कार्यवाही के दौरान यूसीसी विधेयक पर बोलते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, उनकी माताजी इनदिनों गांव में है. कल यानी 6 फरवरी को उनके पास मां का फोन आया था. फोन पर मां ने पूछा कि 'विधानसभा तो बाद में होने वाली थी, पहले कैसे हो रही है और क्या हो रहा है?' इस पर उन्होंने यूसीसी विधेयक लेकर आने की बात कही. साथ ही विस्तार से यूसीसी की जानकादी दी. जिस पर उनकी मां ने कहा कि 'यह काम बहुत अच्छा कर रहे हो. यह काम तो पहले हो जाना चाहिए था.'

इन देशों से अभिग्रहण किया गया यूसीसी: बता दें कि 'समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक' का अभिग्रहण विभिन्न देशों से किया गया है. जिसमें सऊदी अरब, तुर्की, इंडोनेशिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, नेपाल, अजरबैजान, कनाडा देश शामिल हैं. विधानसभा में यूसीसी पारित होने के बाद अब राज्यपाल और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलनी बाकी है. जिसके बाद यह कानून बन जाएगा. बता दें कि सीएम धामी ने 6 फरवरी को समान नागरिक संहिता विधेयक विधानसभा में पेश किया था.

इस विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान किया गया है. महिला और पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है. हालांकि, अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी की परिधि से बाहर रखा गया है. समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी तमाम सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे.

यूसीसी बिल पास होने काशीपुर में जश्न: उत्तराखंड में यूसीसी बिल पास होने पर बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. बीजेपी कार्यकर्ता जगह-जगह मिठाई बांटकर और आतिशबाजी कर जश्न मना रहे हैं. काशीपुर में बीजेपी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम धामी ने जनता से किए वादे पूरे किए.

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देहरादून/काशीपुर: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक विधानसभा में पारित हो गया है. सदन में विधेयक पर दो दिनों तक चर्चा हुई. विधेयक के प्रावधानों को लेकर सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए. आखिरकार विधेयक को पारित कर दिया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड विधानसभा यूसीसी विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई. यूसीसी विधेयक के संबंध में सत्र को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने अपनी मां का भी जिक्र किया. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि उनकी माताजी ने भी यूसीसी की सराहना की है.

सीएम धामी ने साझा की मां की बात: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के कार्यवाही के दौरान यूसीसी विधेयक पर बोलते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, उनकी माताजी इनदिनों गांव में है. कल यानी 6 फरवरी को उनके पास मां का फोन आया था. फोन पर मां ने पूछा कि 'विधानसभा तो बाद में होने वाली थी, पहले कैसे हो रही है और क्या हो रहा है?' इस पर उन्होंने यूसीसी विधेयक लेकर आने की बात कही. साथ ही विस्तार से यूसीसी की जानकादी दी. जिस पर उनकी मां ने कहा कि 'यह काम बहुत अच्छा कर रहे हो. यह काम तो पहले हो जाना चाहिए था.'

इन देशों से अभिग्रहण किया गया यूसीसी: बता दें कि 'समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक' का अभिग्रहण विभिन्न देशों से किया गया है. जिसमें सऊदी अरब, तुर्की, इंडोनेशिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, नेपाल, अजरबैजान, कनाडा देश शामिल हैं. विधानसभा में यूसीसी पारित होने के बाद अब राज्यपाल और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलनी बाकी है. जिसके बाद यह कानून बन जाएगा. बता दें कि सीएम धामी ने 6 फरवरी को समान नागरिक संहिता विधेयक विधानसभा में पेश किया था.

इस विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान किया गया है. महिला और पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है. हालांकि, अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी की परिधि से बाहर रखा गया है. समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी तमाम सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे.

यूसीसी बिल पास होने काशीपुर में जश्न: उत्तराखंड में यूसीसी बिल पास होने पर बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. बीजेपी कार्यकर्ता जगह-जगह मिठाई बांटकर और आतिशबाजी कर जश्न मना रहे हैं. काशीपुर में बीजेपी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम धामी ने जनता से किए वादे पूरे किए.

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Last Updated : Feb 7, 2024, 10:02 PM IST
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