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उत्तराखंड में सेतु आयोग की कार्ययोजना को लेकर बैठक, सीएम धामी ने दिए ये निर्देश - SETU Commission Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 23, 2024, 7:55 PM IST

SETU Meeting in Dehradun देहरादून में सीएम धामी ने सेतु यानी स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के समग्र विकास और स्वरोजगार की संभावनाओं को ध्यान में रखकर 2 सालों के लिए प्रभावी नीति बनाने के लिए निर्देश दिए.

SETU Meeting in Dehradun
सेतु आयोग की कार्ययोजना को लेकर बैठक (फोटो सोर्स- DIPR Uttarakhand)

देहरादून: नवगठित सेतु आयोग की कार्ययोजना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक की. बैठक में सीएम धामी ने सेतु आयोग की कार्ययोजना को लेकर अधिकारियों को अहम दिशा निर्देश दिए. उन्होंने अगले 2 सालों के लिए प्रभावी नीति बनाने के निर्देश दिए. सेतु, कौशल विकास और स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष ध्यान देने को कहा. ताकि, राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए अन्य राज्यो में न जाना पड़े. वहीं, स्किल डेवलपमेंट प्लान और योजनाओं को सरल बनाने की दिशा में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सेतु आयोग की ओर से जो भी कार्ययोजना बनाई जा रही है, वो अगले दो सालों में धरातल पर दिखाई दें. इसके साथ ही प्रदेश के जिलों की विकास के लिए संबंधित जिलों के भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल विकास की योजनाओं पर काम किया जाए. सीएम धामी ने कहा कि सेतु आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में मजबूत और सुदृढ़ नीतियां बनाना, योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना, प्रभावी कार्य संस्कृति को विकसित करना, विकास और पर्यावरण में संतुलन बना है. ताकि, योजनाओं को लागू करने और उन पर लगातार निगरानी रखी जा सके.

सीएम धामी ने कहा कि सेतु आयोग (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) ऐसी योजनाओं पर काम करें, जिससे राज्य के समग्र विकास की प्राथमिकता हो. सभी विभागों के लिए रिजल्ट ओरिएंटेशन और गुड गवर्नेंस आधारित कार्य योजनाओं पर काम किया जाए. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर वर्ग और लोगों को योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचे, इसके लिए तमाम माध्यमों से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए. साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए सुलभ तरीके अपनाए जाएं.

इसके अलावा सीएम धामी ने कहा कि अगर जरूरत है तो यूजर फ्रेंडली पोर्टल (यूजर फ्रेंडली एप्लीकेशन) भी बनाया जाए. आम जनता को अपनी योजनाओं के बारे में आसानी से पता हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में डाटा इकोसिस्टम बनाने पर भी कार्य किया जाए, जिससे योजनाओं की मॉनिटरिंग करने में आसानी हो और विभागों के आउटकम की मॉनिटरिंग भी हो सके.

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देहरादून: नवगठित सेतु आयोग की कार्ययोजना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक की. बैठक में सीएम धामी ने सेतु आयोग की कार्ययोजना को लेकर अधिकारियों को अहम दिशा निर्देश दिए. उन्होंने अगले 2 सालों के लिए प्रभावी नीति बनाने के निर्देश दिए. सेतु, कौशल विकास और स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष ध्यान देने को कहा. ताकि, राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए अन्य राज्यो में न जाना पड़े. वहीं, स्किल डेवलपमेंट प्लान और योजनाओं को सरल बनाने की दिशा में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सेतु आयोग की ओर से जो भी कार्ययोजना बनाई जा रही है, वो अगले दो सालों में धरातल पर दिखाई दें. इसके साथ ही प्रदेश के जिलों की विकास के लिए संबंधित जिलों के भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल विकास की योजनाओं पर काम किया जाए. सीएम धामी ने कहा कि सेतु आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में मजबूत और सुदृढ़ नीतियां बनाना, योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना, प्रभावी कार्य संस्कृति को विकसित करना, विकास और पर्यावरण में संतुलन बना है. ताकि, योजनाओं को लागू करने और उन पर लगातार निगरानी रखी जा सके.

सीएम धामी ने कहा कि सेतु आयोग (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) ऐसी योजनाओं पर काम करें, जिससे राज्य के समग्र विकास की प्राथमिकता हो. सभी विभागों के लिए रिजल्ट ओरिएंटेशन और गुड गवर्नेंस आधारित कार्य योजनाओं पर काम किया जाए. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर वर्ग और लोगों को योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचे, इसके लिए तमाम माध्यमों से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए. साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए सुलभ तरीके अपनाए जाएं.

इसके अलावा सीएम धामी ने कहा कि अगर जरूरत है तो यूजर फ्रेंडली पोर्टल (यूजर फ्रेंडली एप्लीकेशन) भी बनाया जाए. आम जनता को अपनी योजनाओं के बारे में आसानी से पता हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में डाटा इकोसिस्टम बनाने पर भी कार्य किया जाए, जिससे योजनाओं की मॉनिटरिंग करने में आसानी हो और विभागों के आउटकम की मॉनिटरिंग भी हो सके.

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