पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार कानून-व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में राज्य के कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव और राज्य पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) समेत सभी शीर्ष अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा सीएम की समीक्षा बैठक के दौरान जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ गये हैं.
एक्शन मोड में नीतीश कुमार : कहा जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार सख्त निर्देश अधिकारियों को दे सकते हैं. मुख्यमंत्री हमेशा ही ट्रिपल C यानी क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं. ऐसे में जिस प्रकार से आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, उसपर सीएम नीतीश कुमार एक्शन मोड में दिखाई पड़ रहे हैं.
क्राइम पर कंट्रोल करना मकसद : मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की निर्मम हत्या और राज्य के विभिन्न जिलों में फिलिस्तीनी झंडा लहराए जाने की खबर ने सवालिया निशान खड़ा किया है. नीतीश कुमार को सुशासन बाबू इसलिए कहा गया था क्योंकि 2005 में सत्ता संभालने के बाद उन्होंने क्राइम पर कंट्रोल किया था. ऐसे में जिस वजह से उनकी साख बढ़ी थी वह किसी कीमत पर इसमें आंच नहीं आने देना चाहते हैं.
कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक पर राजद का तंज: इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राज्य के अपराध बढ़ रहा है और अपराध बढ़ने की प्रतीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री समीक्षा कर रहे हैं. इससे कुछ होनेवाला नहीं है. कई बार मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक कर चुके हैं नतीजा कुछ नहीं निकला है. इस बार भी चाय बिस्कुट पर समीक्षा बैठक होगी और सभी अधिकारी चाय नाश्ता कर मुख्यमंत्री की बात को सुनेंगे.
कल इंडिया गठबंधन प्रतिरोध मार्च निकालेगी: मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि "राज्य में बढ़ रहे अपराध को लेकर इंडिया गठबंधन प्रतिरोध मार्च निकालेगी कल हमलोग सड़क पर उतरेंगे और विरोध जतायेंगे और आम लोगो का जो समस्या है उसके खिलाफ हमलोग सड़क पर उतरेंगे." उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का खौफ इतना बढ़ गया है कि अब सत्ता पक्ष के लोग भी कह रहे हैं कि बिहार में अपराधियों से डर लग रहा है. जब इतना कुछ हो गया तो अब मुख्यमंत्री को समीक्षा करना सूझ रहा है.
सत्ता के संरक्षण में हो रहा अपराध: उन्होंने साफ साफ कहा कि जब राज्य में सत्ता के संरक्षण में अपराध हो रहा है तो फिर समीक्षा बैठक करने से कोई फायदा नहीं होगा. सिर्फ दिखावे के लिए मुख्यमंत्री ये सब कर रहे हैं. उनका इकबाल साफ खत्म हो गया है. नीतीश कुमार कितना भी प्रयास कर लें यहां अपराध नहीं रुकने वाला है. समीक्षा बैठक से बिहार में अब कुछ होनेवाला नहीं है.
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