किशनगंजः बिहार के किशनगंज में सीएम नीतीश कुमार ने मुजाहित आलम के समर्थन में रैली की. इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए लालू परिवार पर निशाना साधा. नीतीश कुमार ने लालू राज की याद दिलाते हुए कहा कि उनलोगों को बहुत मौका मिला लेकिन कोई काम नहीं किया. हमने कई बार मौका दिया लेकिन ये लोग काम नहीं कर रहे थे तो हम 1994 में अलग हो गए. 2005 में हम पूरी तरह से भाजपा के साथ आ गए. उसके बाद भी हमने कई बार मौका देने का काम किया लेकिन ये लोग कुछ नहीं करते थे.
'पहले सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम में झगड़ा होता था': नीतीश कुमार ने जंगलराज की ओर इशारा करते हुए कहा कि 2005 के पहले क्या हाल था? उससे पहले कोई घर से नहीं निकलता था. हिंदू-मुस्लिम के बीच झगड़ा होता था. नीतीश कुमार ने कहा कि ये लोग (राजद) मुस्लिम का वोट लेंगे. ये लोग हिन्दू मुस्लिक के बीच झगड़ा क्यों खत्म नहीं किए थे. मेरी सरकार में कोई झगड़ा नहीं हुआ. शिक्षा को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि पहले कोई पढ़ाई नहीं होती थी. स्वास्थ्य की स्थिति खराब थी. इन लोगों को इतना मौका मिला लेकिन कोई काम नहीं किए. जब हमलोगों को मौका मिला तो शुरू से ही काम करना शुरू किए.
"उनको जब मौका दिए तो उन्होंने कोई काम नहीं किया. कई बार मौका दिए अंत में हम अलग हो गए. 2005 से पहले कोई घर से नहीं निकलता था. हिन्दू-मुस्लिम के बीच झगड़ा होता था उसे क्यों खत्म नहींं किया गया. लेकिन हम सरकार में आए तो सब कुछ ठीक किए. अब हिन्दू-मुस्लिम में कोई झगड़ा नहीं होता है." -नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
रोजगार के मुद्दों को उठायाः सीएम नीतीश कुमार ने किशनगंज के 68 फीसदी मुस्लिम बहुल इलाके में सभा को संबोधित किया. शेरशाहबादी समुदाय को जदयू के पक्ष में गोलबंद किया. बिहार में रोजगार के मुद्दा पर कहा कि हमने 2020 तक 8 लाख नौकरी दी. 2025 तक और दस लाख नौकरी देंगे जिसमे 4 लाख नौकरी दे चुके हैं.
तेजस्वी यादव के बयान का दिया जवाबः और कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर निशाना साधते हुए कहा की दोनों ही पार्टियों में परिवार का कब्जा है. हमने अपने घर के बच्चों को कुछ नहीं बनाया. तेजस्वी यादव द्वारा नेताओं के भाई बहनों की संख्या को लेकर दिए गए बयान पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. कहा कि हमारे जन्म से पहले क्या था उससे क्या मतलब है.
नौकरी को बार-बार दोहरायाः उन्होंने कहा की शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सभी क्षेत्रों में हमारे द्वारा काम किया गया है. इस मौके पर मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, मों जमा खान, मुजाहिद आलम सहित अन्य नेता मौजूद थे. अपने संबोधन में सीएम नीतीश कुमार ने मुस्लिम कार्ड भी जमकर खेला. मदरसा शिक्षक से लेकर माइनॉरिटी महिलाओं के लिए किए गए काम और दिए गए नौकरी को बार-बार दोहराया.