चंडीगढ़: हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन नंद लाल शर्मा ने शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की और बिजली क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की. इस बैठक में बिजली क्षेत्र में सुधार, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, थर्मल पावर प्लांट में सुधार और बिजली क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.
सीएम नायब सैनी और एचईआरसी चेयरमैन की बैठक: शनिवार को सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में एटी एंड सी (एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल) घाटे को कम करने के महत्व पर भी चर्चा की गई, जिसमें बिजली वितरण दक्षता बढ़ाने, राजस्व अंतर को कम करने और हरियाणा में अधिक विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में इसकी भूमिका पर जोर दिया गया.
सौर ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में होगा सुधार: उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 86 (2) के तहत राज्य विद्युत विनियामक आयोग बिजली के पुनर्गठन, उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण जैसे मामलों पर राज्य सरकार को तकनीकी सलाह प्रदान करता है. इस संदर्भ में, एचईआरसी चेयरमैन की मुख्यमंत्री के साथ बैठक में हरियाणा के थर्मल प्लांटों में सुधार, सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने तथा छतों पर सौर ऊर्जा पहलों को अधिक कुशलता से लागू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया.
हर घर सूर्य योजना होगी लागू: इस चर्चा में प्रधानमंत्री की "हर घर सूर्य योजना" के क्रांतिकारी कार्यान्वयन पर भी जोर दिया गया. शर्मा ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के सीएमडी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उनके योगदान से तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के सहयोग से इस योजना को सफलतापूर्वक तैयार किया गया था. यह योजना 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पन्न करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगी.
लोगों को मिलेगी मुफ्त बिजली! शर्मा ने "हर घर सूर्य योजना" के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की एक पहल है जिसके तहत घरों पर मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर पैनल लगाए जाएंगे. इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी, 2024 को किया था. इस पहल का उद्देश्य वंचित परिवारों के जीवन में रोशनी लाना है.
सौर पैनल लगाने पर मिलेगी सब्सिडी: अंत्योदय परिवारों को सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है, जिससे केंद्र सरकार को सालाना लगभग 75,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है. बैठक में बिजली क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों और उनके समाधान पर भी चर्चा की गई. इस साल 31 जुलाई को राज्य की अधिकतम बिजली मांग 14,662 मेगावाट तक पहुंच गई, जिसका प्रभावी प्रबंधन किया गया. वर्तमान में, हरियाणा में 14,943.92 मेगावाट की स्थापित बिजली क्षमता है और राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 8.1 मिलियन हो गई है.
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