भोपाल। मध्य प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निदेश के बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. प्रदेश के देवास, सीहोर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, खरगौन, हरदा, शहडोल सहित प्रदेश भर में करीबन 200 प्रकरण पंजीबद्ध कर डंपर, पोकलिन मशीन, पनडुब्बी जब्त की गई है. इसमें एक करोड़ 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. प्रदेश भर में इस तरह की कार्रवाई 15 जून तक चलेगी. उधर प्रदेश में अवैध खनन के मामले में पुलिस और पटवारी कार्रवाई नहीं कर सकेंगे. खनिज विभाग ने कार्रवाई के लिए अधिकृत अधिकारियों की सूची से इन्हें हटा दिया है.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद हरकत में आया प्रशासन
मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही प्रदेश भर में अवैध खनन पर सख्ती करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि इन स्ट्रीम माइनिंग पर प्रभावी रोक लगाई जाए. जितनी मात्रा में ईटीपी जारी की गई है. उससे अधिक परिवहन नहीं होना चाहिए. साथ ही स्वीकृत क्षेत्र के बार उत्खनन कार्य नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ 15 जून तक अभियान चलाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्रवाई का असर दिखाई देना चाहिए. अवैध खनन को सख्ती से रोकने के लिए कलेक्टर और खनिज अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही प्रशासन एक्शन मोड में आ गया और पहले ही दिन अलग-अलग जिलों में 200 प्रकरण पंजीबद्ध कर लिए.
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अब पुलिस खुद नहीं करेगी कार्रवाई
उधर तय किया गया है कि खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण के मामे में पुलिस अपने स्तर पर कार्रवाई नहीं करेगी. नियमों को उल्लंघन पाए जाने पर पुलिस इसकी सूचना एसडीएम को देगी और एसडीएम के निर्देश पर ही कार्रवाई की जाएगी. खनिज विभाग ने पुलिस द्वारा सीधे कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अब प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा ही कार्रवाई की जा सकेगी. कार्रवाई में जरूरी होने पर पुलिस की मदद ली जाएगी. कार्रवाई का अधिकार प्राप्त अधिकारियों की सूची में पटवारी, सहायक उपनिरीक्षक को नहीं रखा गया है. इसका निर्णय पिछले दिनों ही घटनाओं और शिकायतों को देखते हुए लिया गया है.