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शिवराज के खिलाफ मोहन यादव, पलटेंगे एक और बड़ा फैसला, CM के निर्देश पर बुलाई गई बैठक - Mohan Change Shivraj Govt Decisions

मध्य प्रदेश में एक बार फिर मोहन सरकार पूर्व की शिवराज सरकार के फैसले को पलटने जा रही है. सीएम मोहन यादव ने समीक्षा बैठक बुलाकर सीपीए यानि की राजधानी परियोजना प्रशासन को फिर से अस्तित्व में लाने के निर्देश दिए हैं. बता दें इससे पहले अवैध कॉलोनी वाले फैसले को भी मोहन सरकार पलट चुकी है.

MOHAN CHANGE SHIVRAJ GOVT DECISION
शिवराज के फैसले के खिलाफ मोहन यादव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 22, 2024, 5:43 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार अपनी ही पार्टी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के एक और फैसले को पटलने की तैयारी कर रही है. मोहन यादव की सरकार एक बार फिर सरकारी निर्माण एजेंसी राजधानी परियोजना प्रशासन को अस्तित्व में लाने जा रही है. प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने दो साल पहले इस एजेंसी को खत्म कर दिया था. इसके बाद से ही सरकार के एक फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अब डॉ. मोहन यादव की सरकार ने सीपीए (Capital Project Administration) को लेकर अधिकारियों के बैठक बुलाई है.

सीपीए खत्म कर बांट दिया था काम

सीपीए (राजधानी परियोजना प्रशासन) का काम राजधानी भोपाल को बेहतर तरीके से विकसित करने और शहरों की सड़कों के निर्माण, पार्कों को विकसित और देखरेख करने का था. भोपाल में सीपीए के अलावा दो अन्य निर्माण एजेंसी नगर निगम, पीडब्ल्यूडी द्वारा भी सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी होती है. इन तीनों एजेंसियों में बेहतर तालमेल न होने के कारण लंबे समय से सवाल उठते आ रहे थे. इन निर्माण एजेंसियों के बीच सामंजस्य न बैठ पाने के कारण 3 मार्च 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल में इसे बंद कर दिया गया. इसके कामों को नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और वन विभाग में बांट दिया गया था. सीपीए का उपयोग लोक निर्माण विभाग के एक डिवीजन के रूप में हो रहा है.

MOHAN CHANGE SHIVRAJ GOVT DECISION
सीएम मोहन यादव फाइल फोटो (ETV Bharat)

अब होगी इस निर्णय की समीक्षा

सीपीए के बंद करने के बाद शहर के पार्कों और फॉरेस्ट एरिया की बेहतर ढंग से देखरेख नहीं हो रही है. पिछले दिनों इसको लेकर मंत्री कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा था और सीपीए को फिर अस्तित्व में लाने की मांग की है. उधर अब मुख्य सचिव वीरा राणा ने इसको लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई है. नगरीय विकास और आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई का कहना है कि 'बैठक में सीपीए की समीक्षा का विषय भी शामिल किया गया है.'

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पहले भी पलट चुके शिवराज के फैसले

हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के फैसले को पलटा जा रहा हो. इसके पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले पर भी रोक लगा दी थी. सीएम मोहन यादव ने निर्देश दिए थे कि कोई भी अवैध कॉलोनी को वैध नहीं किया जाएगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार अपनी ही पार्टी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के एक और फैसले को पटलने की तैयारी कर रही है. मोहन यादव की सरकार एक बार फिर सरकारी निर्माण एजेंसी राजधानी परियोजना प्रशासन को अस्तित्व में लाने जा रही है. प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने दो साल पहले इस एजेंसी को खत्म कर दिया था. इसके बाद से ही सरकार के एक फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अब डॉ. मोहन यादव की सरकार ने सीपीए (Capital Project Administration) को लेकर अधिकारियों के बैठक बुलाई है.

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सीपीए (राजधानी परियोजना प्रशासन) का काम राजधानी भोपाल को बेहतर तरीके से विकसित करने और शहरों की सड़कों के निर्माण, पार्कों को विकसित और देखरेख करने का था. भोपाल में सीपीए के अलावा दो अन्य निर्माण एजेंसी नगर निगम, पीडब्ल्यूडी द्वारा भी सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी होती है. इन तीनों एजेंसियों में बेहतर तालमेल न होने के कारण लंबे समय से सवाल उठते आ रहे थे. इन निर्माण एजेंसियों के बीच सामंजस्य न बैठ पाने के कारण 3 मार्च 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल में इसे बंद कर दिया गया. इसके कामों को नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और वन विभाग में बांट दिया गया था. सीपीए का उपयोग लोक निर्माण विभाग के एक डिवीजन के रूप में हो रहा है.

MOHAN CHANGE SHIVRAJ GOVT DECISION
सीएम मोहन यादव फाइल फोटो (ETV Bharat)

अब होगी इस निर्णय की समीक्षा

सीपीए के बंद करने के बाद शहर के पार्कों और फॉरेस्ट एरिया की बेहतर ढंग से देखरेख नहीं हो रही है. पिछले दिनों इसको लेकर मंत्री कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा था और सीपीए को फिर अस्तित्व में लाने की मांग की है. उधर अब मुख्य सचिव वीरा राणा ने इसको लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई है. नगरीय विकास और आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई का कहना है कि 'बैठक में सीपीए की समीक्षा का विषय भी शामिल किया गया है.'

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पहले भी पलट चुके शिवराज के फैसले

हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के फैसले को पलटा जा रहा हो. इसके पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले पर भी रोक लगा दी थी. सीएम मोहन यादव ने निर्देश दिए थे कि कोई भी अवैध कॉलोनी को वैध नहीं किया जाएगा.

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