रांची: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की प्रस्तावित पुनर्विकास और विस्तार योजनाओं की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह से ली. शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) रांची के पुनर्विकास और संबंधित प्रस्तावित कार्य योजना से विस्तार से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से कार्य योजना की जानकारी लेकर सीएम ने दिए कई दिशा निर्देश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के बीच राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के नए क्षेत्र के विकास और पुनर्विकास प्रस्ताव के तहत पुराने ओपीडी, इंडोर और एकेडमिक ब्लॉक के जीर्णोद्धार, साथ ही रिम्स निदेशक,अधीक्षक,सहायक निदेशक और डीन के लिए नए आवास, नया फोरेंसिक विभाग भवन और आज की जरूरत के हिसाब से नए ओपीडी का निर्माण, कवर्ड पाथ वे, ड्रेनेज,चहारदीवारी और अन्य विकास कार्यों पर विस्तृत चर्चा की गई. वहीं मुख्यमंत्री ने कार्य योजना की बिंदुवार जानकारी लेते हुए विभागीय प्रधान सचिव को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए. इस मौके पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार उपस्थित रहे.
1960 के दशक में राजेंद्र मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का हुआ था निर्माण
बताते चलें कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ रिम्स को माना जाता है.1960 के दशक में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर 1960 में बना राजेंद्र मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (RMCH) को झारखंड बनने के बाद इसे दिल्ली AIIMS की तर्ज पर विकसित करने की योजना के तहत स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में तब्दील किया गया और यह संस्थान RMCH से RIMS(राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस) में तब्दील हो गया. 1960 के दशक में बना यह संस्थान आज भी राज्य का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान है, जबकि देवघर में AIIMS भी खुल गया है. बावजूद इसके आज भी राज्य भर के गंभीर बीमारियों के मरीज इलाज कराने के लिए रिम्स ही पहुंचते हैं.
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