रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में भारी बारिश के बाद आई आपदा से बाद से राहत और बचाव का कार्य जारी है. मंगलवार 6 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी रुद्रप्रयाग पहुंचे. यहां उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और केदारनाथ यात्रा को दोबारा से शुरू करने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा भी की. इससे पहले सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया.
#WATCH | Rudraprayag: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says " the disaster has caused a lot of loss of life and property in the state. road connectivity has been disrupted at 29 places and landslides have taken place too. district administration, ndrf, sdrf, local police and… pic.twitter.com/LqId4z7E9U
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 6, 2024
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक के दौरान यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए बारिश के चलते हुई क्षति की जानकारी ली. वहीं, सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों और तैयारियों की जानकारी ली.
29 स्थानों सड़क मार्ग कट गया: मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम धामी ने कहा कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भूस्खलन की चपेट में आने से पैदल और सड़क मार्ग कट हुआ है. इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा. कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं.
#WATCH | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami met and interacted with local public representatives and disaster-affected persons at Garhwal Mandal Development Corporation Guest House in Rampur, Rudraprayag.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 6, 2024
In the meeting, the Chief Minister said that the safety of every tourist… pic.twitter.com/0k11TcD0qH
उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से अभिनव प्रयास करते हुए इस रेस्क्यू अभियान में फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है.
12 हजार से अधिक लोगों को किया गया रेस्क्यू: उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों के सुझाव और सहायता लेने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में 12 हजार से अधिक यात्री और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है. रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है.
वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस: इसके बाद सरकार व जिला प्रशासन का अतिवृष्टि से प्रभावित हुए जनजीवन, प्रभावित क्षेत्र, सड़क मार्ग और भूस्खलन की चपेट में आए हैं, उन्हें दुरुस्त करने पर है. इसके साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस किया जा रहा है. साथ ही राज्य सरकार भी पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है.
स्थानीय लोगों की समस्या भी सुनी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर जीएमवीएन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान कठिन परिस्थितियों में प्रशासन और सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर रेस्क्यू अभियान में योगदान देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया. वहीं चौमासी प्रधान मुलायम सिंह सहित रुद्रप्रयाग प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुभाष रावत, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी सहित राहत कार्यों में सहयोग देने वाले अन्य लोगों का विशेष धन्यवाद दिया.
केंद्र सरकार ने की हर तरीके मदद: इस अवसर पर उन्होंने प्रभावितों की सारी समस्याओं का समाधान करने का दिया आश्वासन. केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही केंद्र सरकार ने चिनूक व एमआई हेलीकॉप्टर सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई गई.
इसके अलावा केदारघाटी में आई अतिवृष्टि के बाद राज्य सरकार द्वारा भी हर तरह से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन को तत्परता से सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन करने के निर्देश दिए गए. उन्होंने जनपद प्रभारी मंत्री सहित स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधियों एवं सभी विभागीय अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि आपदा के बाद सामान्य जनजीवन के लिए सभी को आगे आकर सामूहिक योगदान देने की आवश्यकता है.
बुधवार सात अगस्त से शुरू होगी केदारनाथ यात्रा: उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को पुनः संचालित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बताया कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा बुधवार से हैली के माध्यम से पुनः संचालित हो जाएगी.
हैली सेवा में 25 प्रतिशत की छूट: हेली सेवा के माध्यम से केदारनाथ दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.
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