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खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी, सीएम धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि - ANNIVERSARY OF KHATIMA GOLIKAND

Anniversary of Khatima Golikand आज खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी है. 1 सितंबर 1994 को खटीमा की सड़कों पर हजारों आंदोलनकारियों का हुजूम अलग राज्य की मांग के लिए उमड़ा था. तब उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोलियों की बौछार कर दी गई थी. इस घटना में 7 लोग शहीद हो गए थे.

Anniversary of Khatima Golikand
सीएम धामी ने खटीमा में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि (Etv BharatPHOTO- @pushkardhami)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2024, 4:26 PM IST

खटीमाः सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 1 सितबंर खटीमा गोलीकांड के बरसी पर उधमसिंह नगर के खटीमा में पहुंचकर शहीद स्मारक पर उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले राज्य आंदोलनकारियों की याद में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान सीएम ने आंदोलनकारियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'राज्य आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में मैं सभी शहीद आंदोलनकारियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. इन आंदोलनकारियों की बदौलत ही हमें उत्तराखंड राज्य मिला है. मैं सभी आंदोलनकारियों को नमन करता हूं'. उन्होंने आगे कहा, 'राज्य निर्माण में आपके द्वारा दिया गया बलिदान अविस्मरणीय है. हमारी सरकार शहीदों के सपनों के अनुरूप निरंतर कार्य कर रही है. हमारी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों से किए गए वादे को पूरा किया. राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों के सशक्तिकरण के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है. हम राज्य आंदोलनकारियों के स्वप्न के अनुरूप नव्य-दिव्य उत्तराखण्ड के निर्माण हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं'.

उन्होंने कहा कि, हमारे शहीद राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड का सर्वांगीण विकास चाहते थे और हम प्रदेश को विकसित राज्य बनाकर उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करेंगे. राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्कृष्ट उत्तराखंड बनाना ही हमारा लक्ष्य है.

खटीमा गोलीकांड: 1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन अपने चरम पर था. तत्कालीन यूपी के इस पूरे हिस्से में उत्तराखंड आंदोलन का जोर था. लोग 'आज दो-अभी दो', 'उत्तराखंड राज्य दो' के नारे लगा रहे थे. इसी दौरान खटीमा में राज्य निर्माण की मांग को लेकर 1 सितंबर 1994 को सड़कों पर हजारों आंदोलनकारियों का हुजूम उमड़ा हुआ था. मुलायम सिंह यादव तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री मुलायम सिंह उत्तराखंड राज्य आंदोलन पर कठोर थे. उस दौरान मुलायम सिंह की पुलिस ने खटीमा में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी. अनेक लोगों को पुलिस की गोली लग गई. गोली लगने से सात लोग तो शहीद हो गए. बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे. तब से हर साल 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड की बरसी मनाई जाती है.

ये भी पढ़ेंः मसूरी गोलीकांड की 29वीं बरसी आज, 1994 के वो जख्म याद कर भावुक हो जाते हैं आंदोलनकारी

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खटीमाः सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 1 सितबंर खटीमा गोलीकांड के बरसी पर उधमसिंह नगर के खटीमा में पहुंचकर शहीद स्मारक पर उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले राज्य आंदोलनकारियों की याद में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान सीएम ने आंदोलनकारियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'राज्य आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में मैं सभी शहीद आंदोलनकारियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. इन आंदोलनकारियों की बदौलत ही हमें उत्तराखंड राज्य मिला है. मैं सभी आंदोलनकारियों को नमन करता हूं'. उन्होंने आगे कहा, 'राज्य निर्माण में आपके द्वारा दिया गया बलिदान अविस्मरणीय है. हमारी सरकार शहीदों के सपनों के अनुरूप निरंतर कार्य कर रही है. हमारी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों से किए गए वादे को पूरा किया. राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों के सशक्तिकरण के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है. हम राज्य आंदोलनकारियों के स्वप्न के अनुरूप नव्य-दिव्य उत्तराखण्ड के निर्माण हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं'.

उन्होंने कहा कि, हमारे शहीद राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड का सर्वांगीण विकास चाहते थे और हम प्रदेश को विकसित राज्य बनाकर उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करेंगे. राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्कृष्ट उत्तराखंड बनाना ही हमारा लक्ष्य है.

खटीमा गोलीकांड: 1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन अपने चरम पर था. तत्कालीन यूपी के इस पूरे हिस्से में उत्तराखंड आंदोलन का जोर था. लोग 'आज दो-अभी दो', 'उत्तराखंड राज्य दो' के नारे लगा रहे थे. इसी दौरान खटीमा में राज्य निर्माण की मांग को लेकर 1 सितंबर 1994 को सड़कों पर हजारों आंदोलनकारियों का हुजूम उमड़ा हुआ था. मुलायम सिंह यादव तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री मुलायम सिंह उत्तराखंड राज्य आंदोलन पर कठोर थे. उस दौरान मुलायम सिंह की पुलिस ने खटीमा में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी. अनेक लोगों को पुलिस की गोली लग गई. गोली लगने से सात लोग तो शहीद हो गए. बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे. तब से हर साल 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड की बरसी मनाई जाती है.

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