देहरादून: प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने को लेकर राज्य सरकार तमाम दावें कर रही है, लेकिन धरातल पर इसका असर कुछ खास देखने को नहीं मिल रहा है. ऐसे में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बेहतर सुधार के साथ ही शिक्षा व्यवस्था को विद्यार्थी केंद्रित बनाए जाने को लेकर सीएम धामी ने आज समीक्षा बैठक की. इसी बीच सीएम ने संबंधित अधिकारियों को गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा पर ध्यान देने की बात कही.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए और स्कूलों में घटती बालिकाओं की संख्या बढ़ाने के लिए आवासीय छात्रावासों को और अधिक बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएम ने अधिकारियों को बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम करने, सप्ताह में बस्ता मुक्त दिवस पर विद्यार्थियों को नैतिकता आधारित शिक्षा देने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, माध्यमिक शिक्षा में व्यावसायिक आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान देने, सभी स्कूलों में फर्नीचर की पर्याप्त व्यवस्था करने, स्कूलों में जहां-जहां संभव है, वहा सोलर पैनल लगाने के निर्देश दिए हैं.
बैठक में शिक्षा सचिव ने शिक्षकों के ट्रांसफर में आ रही तमाम दिक्कतों और शिक्षा विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल करने के लिए बनाई जा रही है. नीति संबंधित जानकारी भी दी. इसी बीच सीएम धामी ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से ट्रांसफर को सरल करने के लिए जो नीति बनाई जा रही है. उसका कार्मिक विभाग के स्तर पर परीक्षण कर लिया जाए. राज्य हित में जो निर्णय सही होगा, वो निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जाए, जिससे अभिभावक सरकारी स्कूलों में ही अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए खुद से ही प्रेरित हों.
सीएम ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को पूरी तरह से लागू करने के लिए तेजी से काम किए जाए. स्मार्ट और वर्चुअल क्लास पर विशेष ध्यान दें. शिक्षा के क्षेत्र में नई चीजों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में चलाई जा रही मुख्यमंत्री गौरवशाली भारत भ्रमण योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों और उत्कृष्ट शिक्षकों को वैज्ञानिक और तकनीकि संस्थानों में घुमाने की व्यवस्था को लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि छात्र शैक्षिक भ्रमण योजना के तहत सभी विकासखंड से 50 मेधावी भारत भ्रमण पर भेजे जाएंगे, जिसमें 50 प्रतिशत छात्राएं भी शामिल हो.
सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री विद्यार्थी उपहार योजना के तहत क्लास 01 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क नोटबुक उपलब्ध कराई जाए. विद्यालयों में सभी भौतिक और मानव संसाधन उपलब्ध कराने, तकनीकी और डिजिटल शिक्षा, आवासीय छात्रावास, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कलस्टर और पीएम श्री स्कूलों की स्थापना पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि हमारी विरासत के तहत उत्तराखंड के आंदोलन का इतिहास, लोक संस्कृति के तमाम आयामों, भारतीय ज्ञान परंपरा मूल्यों एवं संस्कृति और स्थानीयता को समाहित करते हुए छात्र-छात्राओं को इसकी अधिक से अधिक जानकारी दी जाए.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमांऊ मंडल में एक- एक एक्सीलेंस सेंटर बनाए जाएं. साथ ही सरकारी तकनीकी संस्थानों से पासआउट होने वाले छात्रों को अधिक से अधिक कैंपस प्लेसमेंट मिले. औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता के अनुसार तकनीकि संस्थानों में आधुनिक कोर्स और आधुनिक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. तकनीकि संस्थानों से प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को कितने फीसदी रोजगार मिला और कितने फीसदी छात्रों ने उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लिया इसका पूरा डाटा रखा जाए.
राज्य में युवाओं के कौशल विकास के लिए प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डिंग और अन्य मैकेनिकल प्रशिक्षण भी कराएं जाएं, ताकि तकनीकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद युवाओं को प्रदेश में रोजगार मिल सके, ताकि उन्हें रोजगार के लिए राज्य से बाहर ना जाना पड़े. पिछले तीन सालों में पॉलिटेक्निक के माध्यम से 6490, सरकारी क्षेत्र में 369 और पॉलिटेक्निक के जरिए सामुदायिक विकास योजना के तहत 552 युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मिला है। अगले एक साल में आईआईटी रुड़की की मदद से तमाम राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं में वर्चुअल लैब की स्थापना और प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही उत्तराखंड राज्य करियर काउंसिलिंग सेंटर की स्थापना की जायेगी। पॉलिटेक्निक संस्थाओं को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में विकसित कर बेरोजगार युवाओं को व्यवसाय से जोड़ा जायेगा।
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