देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के चलते प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता से तमाम विकास कार्य ठप पड़े हुए थे. ऐसे में आचार संहिता हटने और केंद्र में सरकार के गठन के बाद अब उत्तराखंड सरकार विकास कार्यों पर जोर देने की कवायद में जुट गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी विभागों की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की. मीटिंग के दौरान सीएम धामी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से पिछले 3 सालों में किए गए 10 महत्वपूर्ण कार्य और अगले दो सालों में किए जाने वाले 10 कार्यों का ब्यौरा तलब किया.
बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि लोगों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने और स्टॉल मिलने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो. आरटीओ ऑफिस के आसपास कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था भी किया जाए. साथ ही शासन के वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर जन सुविधाओं से जुड़े कार्यालय का आवश्यक निरीक्षण भी करें.
परिवहन विभाग से जुड़े ऑनलाइन सेवाओं को और अधिक सरल बनाने का प्रयास करने, सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने, ऑनलाइन माध्यम से चालान की प्रक्रियाओं पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है. इसके साथ ही यातायात के नियमों का सही ढंग से पालन हो इस पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सभी संबंधित विभाग बेहतर तालमेल बनाकर काम करें. साथ ही परिवहन निगम की बसों के बेड़े के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके अलावा पुरानी बसों की जगह पर नई बसों की व्यवस्था के साथ ही मैदानी मार्गों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि राज्य में वाहनों की फिटनेस के लिए चार आटोमेटिड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना की गई है, जबकि वर्तमान समय में सात आटोमेटिड टेस्टिंग स्टेशन पर कार्रवाई गतिमान है. सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 13 इंटरसेप्टर वाहनों और 30 बाइक स्क्वैड की तैनाती की गई है. हल्द्वानी जिले में चालक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है.
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