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टैक्सी की छत पर शव ले जाने के मामले की सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश, सख्त कार्रवाई करने को कहा - DEAD BODY ON ROOF OF TAXI HALDWANI

हल्द्वानी में बेरीनाग के युवक की मौत होने पर नहीं मिली थी एंबुलेंस, बहन, भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर ले गई

DEAD BODY ON ROOF OF TAXI HALDWANI
टैक्सी की छत पर शव मामले की जांच के आदेश (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 9, 2024, 10:24 AM IST

Updated : Dec 9, 2024, 12:11 PM IST

बेरीनाग: उत्तराखंड में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना के बाद सीएम धामी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. दरअसल शनिवार 7 दिसंबर को एक युवती को अपने भाई के शव को हल्द्वानी से पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिली थी. एंबुलेंस वालों ने मनमाने पैसे मांगे थे, जो उसके पास नहीं थे. जिसके बाद उसने अपने भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधा और अपने घर तक लेकर आई.

सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश: सीएम धामी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी. इस मामले में जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को मामले की विस्तृत जांच करने तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत देते हुए कहा है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.

स्वास्थ्य सचिव से मांगी पूरी रिपोर्ट: पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल हरीश पंत ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कुमाऊं मंडल में जितने भी मोर्चरी केंद्र हैं, वहां पर शवों को लाने ले जाने के लिए कितने एंबुलेंस उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी दी जाए. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी मोर्चरी केंद्र में कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है, इसकी जानकारी दी गई है. भविष्य में इस तरह की घटना का पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए एंबुलेंस तैनात करने की व्यवस्था की जा रही है. आइए हम आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है.

ये है पूरा मामला: पिथौरागढ़ के बेरीनाग क्षेत्र के तमोली ग्वीर गांव की रहने वाली शिवानी हल्द्वानी काम करने आई थी. शिवानी के बुजुर्ग पिता गोविंद प्रसाद पहाड़ में खेती-बाड़ी करते हैं. परिवार में उसके अलावा माता-पिता भाई अभिषेक और एक बहन है. शिवानी 6 महीने पहले हल्दूचौड़ में एक कंपनी में काम करने आई थी. वह यहां एक किराए के कमरे पर रह रही थी.

अभिषेक ने सिर दर्द बताया था: शिवानी को काम ठीक लगा और काम में मन लगा तो उसने अपने भाई अभिषेक को भी कंपनी में काम करने के लिए बुला लिया. 2 महीने पहले ही अभिषेक हल्दूचौड़ पहुंचा था. इसके बाद शुक्रवार सुबह वह और भाई काम पर गए थे. थोड़ी देर काम करने के बाद अभिषेक ने सर में दर्द होने की बात बताई थी. इसके बाद उसने उस दिन की छुट्टी ले ली और कमरे पर चला आया. थोड़ी देर बाद शिवानी ने जब उसे कॉल किया तो अभिषेक ने कॉल नहीं उठाई. इसके बाद शिवानी ने कई फोन किये, पर जवाब नहीं मिला.

फिर पुलिस का आया फोन: लंच टाइम में शिवानी कमरे पर आई तो उसे वहां किसी प्रकार की बदबू आ रही थी, लेकिन कमरे पर कोई नहीं था. थोड़ी देर बाद शिवानी के पास पुलिस फोन आया. पुलिस ने बताया कि उसका भाई अभिषेक रेलवे पटरी के पास गिरा हुआ है. जैसे तैसे शिवानी भाई को पुलिस के साथ सुशीला तिवारी हॉस्पिटल लेकर आई. अभिषेक को भर्ती किया गया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. शिवानी ने घर पर भी फोन कर दिया था, तो कुछ रिश्तेदार बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंच गए. अभिषेक का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जा चुका था.

195 किमी तक गाड़ी की छत पर लाना पड़ा शव: इसके बाद शिवानी ने एंबुलेंस वालों से भाई के शव को हल्दूचौड़ से बेरीनाग ले जाने की बात की, तो एंबुलेंस वालों ने किसी ने 10, किसी ने 12, तो किसी ने 15 हजार रुपए मांगे. इतने पैसे ना होने के कारण शिवानी ने गांव के किसी टैक्सी वाले को फोन किया. पहाड़ों में ऐसे ही गाड़ियां कम चलती हैं. टैक्सी में लोग भरे थे. इसके बाद बहन को भाई अभिषेक के शव को गाड़ी के ऊपर छत पर बांधकर घर लाना पड़ा. खबर सुनकर घर वालों ने खाना पीना छोड़ दिया है. गांव में गमगीन माहौल है. घर का इकलौता बेटा अभिषेक अब जा चुका है.

तीमारदारों ने लगाया ये आरोप: जिस अस्पताल में अभिषेक को ले जाया गया था और जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया था, वहां मौजूद तीमारदारों ने आरोप लगाया कि निजी एंबुलेंस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है. वे रोगियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए उनसे मनमाफिक किराया वसूलते हैं.

अभिषेक के परिजनों को प्रशासन ने सौंपी राहत राशि: डीएम विनोद गोस्वामी के निर्देश पर एसडीएम श्रेष्ठ गुनसौला, स्वास्थ्य विभाग और तहसील प्रशासन की टीम अभिषेक के घर पहुंची. माता पिता को ढांढस बंधाया और युवक की मौत पर दुख जताया. टीम ने 10 हजार की आर्थिक मदद करने के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने का भरोसा दिलाया.
ये भी पढ़ें: इंसानियत शर्मिंदा! भाई की लाश को एंबुलेंस से ले जाने के लिए नहीं थे पैसे, टैक्सी की छत पर बांधकर ले गई बहन

बेरीनाग: उत्तराखंड में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना के बाद सीएम धामी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. दरअसल शनिवार 7 दिसंबर को एक युवती को अपने भाई के शव को हल्द्वानी से पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिली थी. एंबुलेंस वालों ने मनमाने पैसे मांगे थे, जो उसके पास नहीं थे. जिसके बाद उसने अपने भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधा और अपने घर तक लेकर आई.

सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश: सीएम धामी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी. इस मामले में जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को मामले की विस्तृत जांच करने तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत देते हुए कहा है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.

स्वास्थ्य सचिव से मांगी पूरी रिपोर्ट: पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल हरीश पंत ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कुमाऊं मंडल में जितने भी मोर्चरी केंद्र हैं, वहां पर शवों को लाने ले जाने के लिए कितने एंबुलेंस उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी दी जाए. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी मोर्चरी केंद्र में कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है, इसकी जानकारी दी गई है. भविष्य में इस तरह की घटना का पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए एंबुलेंस तैनात करने की व्यवस्था की जा रही है. आइए हम आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है.

ये है पूरा मामला: पिथौरागढ़ के बेरीनाग क्षेत्र के तमोली ग्वीर गांव की रहने वाली शिवानी हल्द्वानी काम करने आई थी. शिवानी के बुजुर्ग पिता गोविंद प्रसाद पहाड़ में खेती-बाड़ी करते हैं. परिवार में उसके अलावा माता-पिता भाई अभिषेक और एक बहन है. शिवानी 6 महीने पहले हल्दूचौड़ में एक कंपनी में काम करने आई थी. वह यहां एक किराए के कमरे पर रह रही थी.

अभिषेक ने सिर दर्द बताया था: शिवानी को काम ठीक लगा और काम में मन लगा तो उसने अपने भाई अभिषेक को भी कंपनी में काम करने के लिए बुला लिया. 2 महीने पहले ही अभिषेक हल्दूचौड़ पहुंचा था. इसके बाद शुक्रवार सुबह वह और भाई काम पर गए थे. थोड़ी देर काम करने के बाद अभिषेक ने सर में दर्द होने की बात बताई थी. इसके बाद उसने उस दिन की छुट्टी ले ली और कमरे पर चला आया. थोड़ी देर बाद शिवानी ने जब उसे कॉल किया तो अभिषेक ने कॉल नहीं उठाई. इसके बाद शिवानी ने कई फोन किये, पर जवाब नहीं मिला.

फिर पुलिस का आया फोन: लंच टाइम में शिवानी कमरे पर आई तो उसे वहां किसी प्रकार की बदबू आ रही थी, लेकिन कमरे पर कोई नहीं था. थोड़ी देर बाद शिवानी के पास पुलिस फोन आया. पुलिस ने बताया कि उसका भाई अभिषेक रेलवे पटरी के पास गिरा हुआ है. जैसे तैसे शिवानी भाई को पुलिस के साथ सुशीला तिवारी हॉस्पिटल लेकर आई. अभिषेक को भर्ती किया गया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. शिवानी ने घर पर भी फोन कर दिया था, तो कुछ रिश्तेदार बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंच गए. अभिषेक का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जा चुका था.

195 किमी तक गाड़ी की छत पर लाना पड़ा शव: इसके बाद शिवानी ने एंबुलेंस वालों से भाई के शव को हल्दूचौड़ से बेरीनाग ले जाने की बात की, तो एंबुलेंस वालों ने किसी ने 10, किसी ने 12, तो किसी ने 15 हजार रुपए मांगे. इतने पैसे ना होने के कारण शिवानी ने गांव के किसी टैक्सी वाले को फोन किया. पहाड़ों में ऐसे ही गाड़ियां कम चलती हैं. टैक्सी में लोग भरे थे. इसके बाद बहन को भाई अभिषेक के शव को गाड़ी के ऊपर छत पर बांधकर घर लाना पड़ा. खबर सुनकर घर वालों ने खाना पीना छोड़ दिया है. गांव में गमगीन माहौल है. घर का इकलौता बेटा अभिषेक अब जा चुका है.

तीमारदारों ने लगाया ये आरोप: जिस अस्पताल में अभिषेक को ले जाया गया था और जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया था, वहां मौजूद तीमारदारों ने आरोप लगाया कि निजी एंबुलेंस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है. वे रोगियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए उनसे मनमाफिक किराया वसूलते हैं.

अभिषेक के परिजनों को प्रशासन ने सौंपी राहत राशि: डीएम विनोद गोस्वामी के निर्देश पर एसडीएम श्रेष्ठ गुनसौला, स्वास्थ्य विभाग और तहसील प्रशासन की टीम अभिषेक के घर पहुंची. माता पिता को ढांढस बंधाया और युवक की मौत पर दुख जताया. टीम ने 10 हजार की आर्थिक मदद करने के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने का भरोसा दिलाया.
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Last Updated : Dec 9, 2024, 12:11 PM IST
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