बाड़मेर. विधानसभा में बजट को लेकर बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी के बयान के बाद राज्य की सियासत गरमाई हुई है. सोमवार शाम को विधानसभा में बोलते हुए सूबे के मुखिया भजनलाल शर्मा ने हरीश चौधरी के ठाकुर के कुएं वाले बयान पर चौधरी के अंदाज में ही करारा जवाब दिया है.
विपक्ष की मानसिकता पर उठाया सवाल : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में बजट पर रिप्लाई में कई घोषणाएं करने के साथ ही विपक्ष को निशाने पर लिया. विधायक हरीश चौधरी के 'ठाकुरों के कुएं' वाले बयान पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष की मानसिकता बायतु से आने विधायक की ओर से सुनाई गई जाति और राजनीति से ओतप्रोत कविता से स्पष्ट हो जाती है.
सीएम ने दिया जवाब : सीएम शर्मा ने कहा कि बायतु विधायक ने अपने वक्तव्य के अंत में प्रश्न किया था कि गांव किसका, शहर किसका और देश किसका है. ये गांव, शहर और देश मजदूर का, किसान का, वीर जवान और नारी के सम्मान का है. ये गांव, शहर और देश युवा के कल्याण का और सबके उत्थान का है.
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चौधरी ने दिया था यह बयान : हाल ही में विधानसभा में अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने बजट की तुलना ठाकुर का कुआं कविता से की. हरीश चौधरी ने ठाकुर का कवि कविता के जरिए भेदभाव का दर्द बयां किया था. चौधरी ने कविता की पंक्तियां पढ़ते हुए बजट पर तीखा व्यंग्य किया था कि 'चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का. भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का. बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी. फसल ठाकुर की, कुआं ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के. आपके लिए क्या है? गांव? शहर? देश?" बजट को देखकर तो लगता है कि यह बड़े-बड़े महल ठाकुरों के लिए है. विधानसभा में हरीश चौधरी के दिए इसी बयान के बाद से नेताओं के बयानबाजी का सिलसिला जारी है.