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महाराणा प्रताप जयंती समारोह : सीएम भजनलाल ने किया शुभारंभ, बोले- प्रताप के संदेशों को दुनिया तक पहुंचाना है - Maharana Pratap Jayanti 2024

Maharana Pratap Jayanti celebrations in Udaipur, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को उदयपुर में महाराणा प्रताप जयंती समारोह का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है.

MAHARANA PRATAP JAYANTI 2024
महाराणा प्रताप जयंती 2024 (Photo : Etv bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 9, 2024, 9:55 AM IST

उदयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप न केवल राजस्थान और भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनकी वीरता, शौर्य और देशभक्ति को काल और भौगोलिक सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है. महाराणा प्रताप के जीवन से विषम परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटने और सदैव, सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है. महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और इस दिशा में 100 करोड़ रुपयों की लागत से महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री शनिवार देर शाम उदयपुर के टाइगर हिल स्थित प्रताप गौरव केंद्र, राष्ट्रीय तीर्थ परिसर में आयोजित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप गौरव केंद्र पर आकर जिस गौरव की अनुभूति हो रही है उसे शब्दों में कहना असंभव है. रविवार का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा हुआ है. रविवार को जेष्ठ शुक्ल तृतीया है. मेवाड़ मुकुट, सनातन धर्म की आन-बान-शान, वीर शिरोमणि और हिंदुआ सूरज महाराणा प्रताप जी की जयंती है. उन्होंने महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि रविवार को ही नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं.

MAHARANA PRATAP JAYANTI 2024
सीएम ने महाराणा प्रताप की शौर्यगाथा को याद किया (Photo : Etv bharat)

उन्होंने वीर प्रसूता मेवाड़ धरा को नमन करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में राजपूताने का गौरवपूर्ण स्थान रहा है और इस राजपूताने में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है. कवि श्यामनारायण पाण्डे की कविता की पंक्तियां उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का नाम सुनते ही धमनियों में शौर्य और पराक्रम का रक्त प्रवाहित होने लगता है. मस्तक गर्व और स्वाभिमान से ऊंचा हो उठता है. उन्होंने वियतनाम और अमरीका के बीच 20 वर्ष तक चले युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि जब वियतनाम ने 20 साल लड़कर दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका को उल्टे पांव लौटने पर मजबूर कर दिया था, तब वियतनाम के राष्ट्रपति से इतनी लंबी जंग के प्रेरणा स्रोत के बारे में पूछा गया था. तब वियतनाम के राष्ट्रपति ने कहा था कि मैंने भारत के एक महापुरुष का जीवन चरित्र पढ़ा है और वह मेरे लिए प्रेरणा स्रोत हैं. वह महापुरूष मेवाड़ के महाराणा प्रताप हैं.

इसे भी पढ़ें : महाराणा प्रताप अवार्ड को भूली सरकारें, खिलाड़ियों को सम्मान का इंतजार - Maharana Pratap Award

मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की शौर्यगाथा, मां पन्नाधाय के बलिदान, भामाशाह के सर्वस्व अर्पण और बप्पा रावल, महाराणा कुंभा और महाराणा सांगा की वीरता, पराक्रम को भी याद किया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के त्याग, बलिदान और स्वाभिमान की गौरवगाथा सुनाई. उन्होंने कहा कि आज आप और संस्कृति, सभ्यता व धर्म रक्षित हैं तो उसका कारण यही है कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरुष हुए, जो अपना राज्य बचाने के लिए नहीं बल्कि धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए लड़े. सर्वस्व त्याग कर जंगलों में रहकर और अभावों में जीवनयापन करके भी समर्पण नहीं किया. उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया.

MAHARANA PRATAP JAYANTI 2024
सीएम भजनलाल ने किया महाराणा प्रताप जयंती समारोह का शुभारंभ (Photo : Etv bharat)

महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट पर खर्च होंगे 100 करोड़ : मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें किसी भी कीमत पर संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करना सिखाता है. नई पीढ़ी में ऐसे संस्कारों का संचार होना चाहिए. हम महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहते हैं. प्रदेश में जो भी पर्यटक आए, वह अपने साथ महाराणा प्रताप की शौर्य की गाथा साथ लेकर जाए. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों चावंड, हल्दीघाटी, गोगुंदा, कुंभलगढ़, दिवेर, उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

इसे भी पढ़ें : बचपन से संघर्ष भरा रहा मुगल सल्तनत के घमंड को चूर करने वाले महाराणा प्रताप का जीवन - Maharana Pratap Jayanti 2024

प्रताप गौरव केंद्र आकर होता है नई ऊर्जा का संचार : मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति, उदयपुर ने प्रताप गौरव केंद्र, राष्ट्रीय तीर्थ बनाकर इतिहास के गर्त में छिपे मेवाड़ के त्याग, बलिदान, भक्ति को उद्घाटित करने का काम किया है. महाराणा प्रताप की 57 फीट की अष्टधातु से बनी प्रतिमा और विभिन्न दीर्घाएं इस स्थान को पुण्य भूमि का स्वरूप दे रहे हैं. यहां आने वाला हर पर्यटक नई ऊर्जा और संकल्प के साथ राष्ट्र भक्ति से सराबोर हो जाता है. महाराणा प्रताप हम सब के प्रेरणा स्रोत हैं और आने वाले हजारों वर्षों तक देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे.

संस्कृति को आने वाले पीढ़ी के लिए सहेना है : मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति, इतिहास, विरासत पर गर्व होना चाहिए, किस तरह से हमारे महापुरुषों ने तमाम विपरित परिस्थितियों के बावजूद अपने स्वाभिमान, अपनी स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया. उस गौरवपूर्ण थाती को सहेज कर आने वाले पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहिए. इतिहास को जिस प्रकार तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया और बाहरी आक्रांताओं की पीढ़ी रटवाई गई, उन गलतियों को भी सुधारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम, संस्थाएं और पैनोरमा युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने में सहायक हैं.

उदयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप न केवल राजस्थान और भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनकी वीरता, शौर्य और देशभक्ति को काल और भौगोलिक सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है. महाराणा प्रताप के जीवन से विषम परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटने और सदैव, सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है. महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और इस दिशा में 100 करोड़ रुपयों की लागत से महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री शनिवार देर शाम उदयपुर के टाइगर हिल स्थित प्रताप गौरव केंद्र, राष्ट्रीय तीर्थ परिसर में आयोजित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप गौरव केंद्र पर आकर जिस गौरव की अनुभूति हो रही है उसे शब्दों में कहना असंभव है. रविवार का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा हुआ है. रविवार को जेष्ठ शुक्ल तृतीया है. मेवाड़ मुकुट, सनातन धर्म की आन-बान-शान, वीर शिरोमणि और हिंदुआ सूरज महाराणा प्रताप जी की जयंती है. उन्होंने महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि रविवार को ही नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं.

MAHARANA PRATAP JAYANTI 2024
सीएम ने महाराणा प्रताप की शौर्यगाथा को याद किया (Photo : Etv bharat)

उन्होंने वीर प्रसूता मेवाड़ धरा को नमन करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में राजपूताने का गौरवपूर्ण स्थान रहा है और इस राजपूताने में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है. कवि श्यामनारायण पाण्डे की कविता की पंक्तियां उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का नाम सुनते ही धमनियों में शौर्य और पराक्रम का रक्त प्रवाहित होने लगता है. मस्तक गर्व और स्वाभिमान से ऊंचा हो उठता है. उन्होंने वियतनाम और अमरीका के बीच 20 वर्ष तक चले युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि जब वियतनाम ने 20 साल लड़कर दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका को उल्टे पांव लौटने पर मजबूर कर दिया था, तब वियतनाम के राष्ट्रपति से इतनी लंबी जंग के प्रेरणा स्रोत के बारे में पूछा गया था. तब वियतनाम के राष्ट्रपति ने कहा था कि मैंने भारत के एक महापुरुष का जीवन चरित्र पढ़ा है और वह मेरे लिए प्रेरणा स्रोत हैं. वह महापुरूष मेवाड़ के महाराणा प्रताप हैं.

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मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की शौर्यगाथा, मां पन्नाधाय के बलिदान, भामाशाह के सर्वस्व अर्पण और बप्पा रावल, महाराणा कुंभा और महाराणा सांगा की वीरता, पराक्रम को भी याद किया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के त्याग, बलिदान और स्वाभिमान की गौरवगाथा सुनाई. उन्होंने कहा कि आज आप और संस्कृति, सभ्यता व धर्म रक्षित हैं तो उसका कारण यही है कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरुष हुए, जो अपना राज्य बचाने के लिए नहीं बल्कि धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए लड़े. सर्वस्व त्याग कर जंगलों में रहकर और अभावों में जीवनयापन करके भी समर्पण नहीं किया. उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया.

MAHARANA PRATAP JAYANTI 2024
सीएम भजनलाल ने किया महाराणा प्रताप जयंती समारोह का शुभारंभ (Photo : Etv bharat)

महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट पर खर्च होंगे 100 करोड़ : मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें किसी भी कीमत पर संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करना सिखाता है. नई पीढ़ी में ऐसे संस्कारों का संचार होना चाहिए. हम महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहते हैं. प्रदेश में जो भी पर्यटक आए, वह अपने साथ महाराणा प्रताप की शौर्य की गाथा साथ लेकर जाए. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों चावंड, हल्दीघाटी, गोगुंदा, कुंभलगढ़, दिवेर, उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

इसे भी पढ़ें : बचपन से संघर्ष भरा रहा मुगल सल्तनत के घमंड को चूर करने वाले महाराणा प्रताप का जीवन - Maharana Pratap Jayanti 2024

प्रताप गौरव केंद्र आकर होता है नई ऊर्जा का संचार : मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति, उदयपुर ने प्रताप गौरव केंद्र, राष्ट्रीय तीर्थ बनाकर इतिहास के गर्त में छिपे मेवाड़ के त्याग, बलिदान, भक्ति को उद्घाटित करने का काम किया है. महाराणा प्रताप की 57 फीट की अष्टधातु से बनी प्रतिमा और विभिन्न दीर्घाएं इस स्थान को पुण्य भूमि का स्वरूप दे रहे हैं. यहां आने वाला हर पर्यटक नई ऊर्जा और संकल्प के साथ राष्ट्र भक्ति से सराबोर हो जाता है. महाराणा प्रताप हम सब के प्रेरणा स्रोत हैं और आने वाले हजारों वर्षों तक देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे.

संस्कृति को आने वाले पीढ़ी के लिए सहेना है : मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति, इतिहास, विरासत पर गर्व होना चाहिए, किस तरह से हमारे महापुरुषों ने तमाम विपरित परिस्थितियों के बावजूद अपने स्वाभिमान, अपनी स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया. उस गौरवपूर्ण थाती को सहेज कर आने वाले पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहिए. इतिहास को जिस प्रकार तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया और बाहरी आक्रांताओं की पीढ़ी रटवाई गई, उन गलतियों को भी सुधारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम, संस्थाएं और पैनोरमा युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने में सहायक हैं.

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