नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में बस मार्शल को हटाए जाने वाले मुद्दे पर AAP विधायक दिलीप पांडे ने गुरुवार को संकल्प प्रस्ताव पेश किया. जिस पर करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल और बीजेपी पर जमकर बरसे. दिल्ली सरकार की योजनाओं में अड़ंगा लगाने वाले अधिकारियों के रवैया का जिक्र करते हुए विधानसभा में मौजूद नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी से केजरीवाल ने कहा कि अगर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है तो वह साथ चले और उपराज्यपाल से बात करें.
मुख्यमंत्री बोलें, "वह सरकार प्रदत्त सेवा और योजनाओं को लागू करने के लिए जहां भी बोलेंगे हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं. सिविल डिफेंस वालंटियर को डीटीसी की बसों में वर्ष 2015 में तैनाती की गई थी. मकसद था महिलाओं की सुरक्षा को पुख्ता करना. तब से लेकर अक्टूबर 2022 तक सरकार के तीन विभागों परिवहन, रेवेन्यू और फाइनेंस के अधिकारियों को कोई दिक्कत नहीं थी. नियुक्ति भी हो रही थी और समय से उन्हें वेतन भी दिया जा रहा था. नवंबर 2022 से अचानक अधिकारियों ने काम बंद कर दिया."
केजरीवाल बोले, "बस मार्शल के जरिए बच्चे का अपहरण कर ले जा रहे एक शख्स को पकड़वाया गया. कई चोर जो चोरी का सामान लेकर जा रहे थे उन्हें पकड़वाया गया. 2015 से 2022 तक शांतिपूर्वक तरीके से काम करते रहे, किसी विभाग और अधिकारी को कोई दिक्कत नहीं हुई. 2023 से अचानक अधिकारी ने फाइल पर लिखना चालू कर दिया कि सिविल डिफेंस वालंटियर का यह काम नहीं है."
केजरीवाल का आरोप अधिकारियों को धमकी देते हैं LG: केजरीवाल बोले, "8 साल तक काम था, अचानक तीनों विभागों ने लिखना बंद कर दिया. कमिश्नर ट्रांसपोर्ट बार-बार मार्शल की मांग कर रहे थे. आशीष कुंद्रा को अचानक अगस्त 2023 में क्या हो गया? जब अधिकारी से पूछा तो वे बोले एलजी ने उन्हें बुलाकर धमकाया कि यह स्कीम बंद नहीं की तो तुम्हें सस्पेंड कर दूंगा, तुम्हें जेल भेज दूंगा, यह इसके पीछे की कहानी है."
केजरीवाल ने कहा, "अधिकारी रो रहे हैं. ऐसा कैसे हो सकता है कि जो अधिकारी 8 साल से सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स की मांग कर रहा था अचानक वह मना कर दें. क्या यह पूरी दुनिया बेवकूफ है. उनको बुला- बुलाकर धमकाया गया और स्कीम बंद कर दी गई. महिलाओं को लगता था कि वर्दी में बैठा आदमी हमारी सुरक्षा करेगा इसलिए इन्हें लगाया गया था."
एलजी से मुलाकात का केजरीवाल ने किया जिक्र: मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एलजी से मिलने गए हैं तो एलजी साहब ने कहा, अरविंद जी बसों के अंदर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं, पैनिक बटन भी लगे हुए हैं, क्या जरूरत है मार्शलों की. हमलोग 280 करोड़ रुपए इस पर खर्च कर रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोग मेरे हैं. वे 280 करोड़ पर खर्च करेंगे, उनकी मर्जी. उन्हें लोगों ने चुनकर भेजा है, वे लोगों की सुरक्षा के लिए 280 तो क्या 2800 करोड़ रुपए खर्च करेंगे.
मार्शलों के प्रति सहानुभूति दिखाने वाले बीजेपी पर हमला: केजरीवाल ने कहा कि अब धरने पर बैठे बस मार्शलों को हटाकर बीजेपी वाले उनके धरने पर जाकर शामिल हुए हैं. मगरमच्छ के आंसू वहां बहा रहे हैं. केजरीवाल ने नेता विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि खुद हटवाते हो और खुद धरने पर जाकर बैठते हो. केजरीवाल ने नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को कहा कि चलो मेरे साथ एलजी के पास. मार्शलों की बहाली के लिए वे साइन करने के लिए तैयार हैं.
उपराज्यपाल की चिट्ठी का ज़िक्र: उपराज्यपाल द्वारा लिखी गई चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि यह चिट्ठी बहुत गंदी है. इसमें भाषा बहुत ही गंदी है. ऐसी चिट्ठी नहीं लिखनी चाहिए केजरीवाल ने कहा कि वे तीन बार चुनाव जीते हैं. कारण जो भी हो लेकिन हमें शब्दों की मर्यादा और भाषा की गरिमा और सीमा नहीं लांघना चाहिए. बातचीत से सभी समस्या का समाधान निकलता है.
केजरीवाल ने अपने जवाबी पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि जब से वीके सक्सेना एलजी बने हैं तब से काम बंद है. जो पुराने एलजी थे उन्होंने पुरानी व्यवस्था को कभी नहीं रोका. केजरीवाल ने कहा कि अगर अधिकारी काम नहीं कर रहे, सरकार की नहीं सुन रहे तो एलजी इनको सस्पेंड क्यों नहीं करते?