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यूट्यूबर ध्रुव राठी का वीडियो रीट्वीट करने के मामले में अरविंद केजरीवाल को पेशी से छूट मिली

यूट्यूबर ध्रुव राठी के यूट्यूब वीडियो को रीट्वीट करने के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेशी से छूट दे दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 फरवरी को होगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 7, 2024, 2:08 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के यूट्यूब वीडियो को रीट्वीट करने के मामले में दायर आपराधिक मानहानि के मामले में बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेशी से छूट दे दी है. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 फरवरी को करने का आदेश दिया है.

बुधवार को सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने बजट का हवाला देते हुए पेशी से छूट मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया और मामले की सुनवाई 29 फरवरी तक के लिए टाल दी गई. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी के बारे में अपमानजनक सामग्री को रीट्वीट करना मानहानि के बराबर है. अरविंद केजरीवाल के अच्छी-खासी संख्या में फॉलोअर्स हैं और वो वीडियो को रीट्वीट करने के नतीजों को बखूबी समझते हैं. अगर एक राज्य का मुख्यमंत्री किसी ट्वीट को बिना वेरिफाई किये रिट्वीट करता है तो ये मानहानि वाले कंटेट को बढ़ावा देना ही है.

इससे पहले 30 अक्टूबर 2019 को राउज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने विकास सांकृत्यायन की आपराधिक मानहानि शिकायत पर समन किए जाने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देनेवाली केजरीवाल की अर्जी खारिज कर दी थी. कोर्ट के आदेश को केजरीवाल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. ट्रायल कोर्ट में शिकायत में विकास ने सांकृत्यायन कहा कि उनके खिलाफ गलत आरोप वाले ट्वीट को केजरीवाल ने भी रिट्वीट किया था.

विकास ने कहा कि वो आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी नाम का सोशल मीडिया पेज को चलाते हैं और उसके संस्थापक हैं. इस पेज में तथ्यपरक जानकारी दी जाती है जिसकी वजह से ये पेज सोशल मीडिया पर करोड़ों लोगों की पसंद है. याचिका में कहा गया है कि ध्रुव राठी नामक एक व्यक्ति जो अपने को इंजीनियर कहता है जर्मनी में रहता है. वो देश विदेश में यूट्यूब चैनल चलाता है जिसके 16 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं.

ये भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के वकील से पूछा- साफ-साफ बताए खालिद सैफी की दंगों में क्या भूमिका थी?

याचिका में कहा गया है कि 6 मई 2018 को ध्रुव राठी के यू-ट्यूब चैनल पर पर बीजेपी आईटी सेल पार्ट-2 नामक एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें कई झूठी और अपमानजनक बातें कही गई थी. उसमें कहा गया था कि विकास सांकृत्यायन बीजेपी आईटी सेल का सेकंड-इन-कमांड है. उसमें विकास पर आरोप लगाया गया है कि आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी के पेज के जरिये फेक यानि झूठी खबरें प्रसारित की जाती है.

वीडियो में कहा गया है कि विकास पांडे ने किसी अभिषेक मिश्रा के जरिये महावीर प्रसाद को 50 लाख रुपये रिश्वत की पेशकश की थी. विकास ने अपनी याचिका में कहा कि वीडियो में लगाए गए आरोप झूठे हैं और उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है. इन आरोपों से समाज में उनकी छवि खराब हुई है. इस वीडियो को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिना उसकी तहकीकात किए उसे रिट्वीट कर दिया. केजरीवाल के देश और विदेश में बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं. इस मामले में विकास और अभिषेक कुलश्रेष्ठ ने अपने बयान दर्ज कराए थे. विकास ने अपनी याचिका के पक्ष में ट्वीट किए गए वीडियो की पूरी ट्रांसक्रिप्ट कोर्ट में पेश किए थे. जिसके आधार पर ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को समन करने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें : केजरीवाल को हाईकोर्ट से झटका, यूट्यूबर ध्रुव राठी का वीडियो रीट्वीट करने पर कोर्ट में होना होगा पेश

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के यूट्यूब वीडियो को रीट्वीट करने के मामले में दायर आपराधिक मानहानि के मामले में बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेशी से छूट दे दी है. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 फरवरी को करने का आदेश दिया है.

बुधवार को सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने बजट का हवाला देते हुए पेशी से छूट मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया और मामले की सुनवाई 29 फरवरी तक के लिए टाल दी गई. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी के बारे में अपमानजनक सामग्री को रीट्वीट करना मानहानि के बराबर है. अरविंद केजरीवाल के अच्छी-खासी संख्या में फॉलोअर्स हैं और वो वीडियो को रीट्वीट करने के नतीजों को बखूबी समझते हैं. अगर एक राज्य का मुख्यमंत्री किसी ट्वीट को बिना वेरिफाई किये रिट्वीट करता है तो ये मानहानि वाले कंटेट को बढ़ावा देना ही है.

इससे पहले 30 अक्टूबर 2019 को राउज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने विकास सांकृत्यायन की आपराधिक मानहानि शिकायत पर समन किए जाने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देनेवाली केजरीवाल की अर्जी खारिज कर दी थी. कोर्ट के आदेश को केजरीवाल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. ट्रायल कोर्ट में शिकायत में विकास ने सांकृत्यायन कहा कि उनके खिलाफ गलत आरोप वाले ट्वीट को केजरीवाल ने भी रिट्वीट किया था.

विकास ने कहा कि वो आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी नाम का सोशल मीडिया पेज को चलाते हैं और उसके संस्थापक हैं. इस पेज में तथ्यपरक जानकारी दी जाती है जिसकी वजह से ये पेज सोशल मीडिया पर करोड़ों लोगों की पसंद है. याचिका में कहा गया है कि ध्रुव राठी नामक एक व्यक्ति जो अपने को इंजीनियर कहता है जर्मनी में रहता है. वो देश विदेश में यूट्यूब चैनल चलाता है जिसके 16 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं.

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याचिका में कहा गया है कि 6 मई 2018 को ध्रुव राठी के यू-ट्यूब चैनल पर पर बीजेपी आईटी सेल पार्ट-2 नामक एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें कई झूठी और अपमानजनक बातें कही गई थी. उसमें कहा गया था कि विकास सांकृत्यायन बीजेपी आईटी सेल का सेकंड-इन-कमांड है. उसमें विकास पर आरोप लगाया गया है कि आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी के पेज के जरिये फेक यानि झूठी खबरें प्रसारित की जाती है.

वीडियो में कहा गया है कि विकास पांडे ने किसी अभिषेक मिश्रा के जरिये महावीर प्रसाद को 50 लाख रुपये रिश्वत की पेशकश की थी. विकास ने अपनी याचिका में कहा कि वीडियो में लगाए गए आरोप झूठे हैं और उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है. इन आरोपों से समाज में उनकी छवि खराब हुई है. इस वीडियो को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिना उसकी तहकीकात किए उसे रिट्वीट कर दिया. केजरीवाल के देश और विदेश में बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं. इस मामले में विकास और अभिषेक कुलश्रेष्ठ ने अपने बयान दर्ज कराए थे. विकास ने अपनी याचिका के पक्ष में ट्वीट किए गए वीडियो की पूरी ट्रांसक्रिप्ट कोर्ट में पेश किए थे. जिसके आधार पर ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को समन करने का आदेश दिया था.

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