जयपुर. गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सचिवालय कर्मचारी संघ की और से आयोजित समारोह शामिल हुए और ध्वजारोहण किया. इससे पहले सीएम ने सचिवालय स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया. समारोह को संबोधित करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने कर्मचारियों को जिम्मेदारी के साथ काम करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सचिवालय कोई बिल्डिंग नहीं है, बल्कि आस्था का मंदिर है. सीधी लाइन से हट कर काम न करें. मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार कर्मचारी को समय पर सैलरी देती है और अन्य खर्च का लाभ भी, ऐसे में सीधी लाइन से हट कर काम न करें.
आठ करोड़ जनता के आस्था का मंदिर है सचिवालय : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शासन सचिवालय इस राष्ट्रीय पर्व को बड़े हर्षोल्लास के साथ मानता है, इसके लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं. ये पर्व हमें संविधान के साथ चलने के लिए प्रेरित करता है. सीएम ने कर्मचारियों से कहा कि हम अधिकारों की चिंता तो करते हैं, लेकिन कर्तव्यों की तरफ उतना ध्यान नहीं देते. अध्यक्ष सीताराम ने कुछ मांगों की तरफ इंगित किया है, उनका ध्यान हम रखेंगे. काम करते-करते कुछ आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति जरूरी है, इसलिए जो मांग उचित और जरूरी होगी उस पर ध्यान दिया जाएगा. सीएम ने कहा कि "सचिवालय के कर्मचारियों की तरफ प्रदेश की 8 करोड़ जनता देखती है, इसलिए आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सचिवालय वो केंद्र जहां तक पहुंचने में लोगों की उम्र गुजर जाती है, इसलिए ये समझना होगा कि कोई आप के पास जो व्यक्ति आ रहा है, वो अभाव में आ रहा है, इसलिए उसकी समस्या का ध्यान रखना जरूरी है."
सीएम ने कहा कि "कोई आपके पास उम्मीद के साथ आता है तो हमें उसका काम करना चाहिए. सचिवालय केंद्र बिंदु है, यहां से करोड़ो लोगों की आकांक्षा पूरी होती है. सचिवालय लोगों की समस्या का अंतिम पड़ाव है, अगर यहां भी उसकी समस्या का समाधान नहीं होगा, तो फिर वो कहां जाएंगे." सीएम ने कहा कि जिस समस्या का समाधान अगर जिले में नहीं हुआ और वो सचिवालय आए तो इसको देखना होगा कि आखिर क्या वजह है, कि समस्या का समाधान जिले में नहीं हुआ. भविष्य में इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि जिले की समस्या का समाधान जिले में ही हो, इसको लेकर भी काम करना होगा."
सीएम ने कहा कि 2047 तक देश विकसित राष्ट्र बने इसको लेकर पीएम मोदी काम कर रहे हैं. हमें भी उस दिशा में सोचना होगा और काम करना होगा. कर्मचारियों की जो जरूरी मांग है उस पर सरकार संवेदनशीलता के साथ काम करेगी. प्रदेश में लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे, उस पर हम सबको मिलकर काम करना है. सीएम ने कर्मचारियों को नसीहत देते हुए कहा कि "लोगों के विश्वास को बनाए रखना है, मैं किसान पुत्र हूं, पार्टी ने जो मुझ पर विश्वास किया है, उसे पूरा करूंगा, युवाओं के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं होगा. जो गड़बड़ी करेगा उसे सजा मिलेगी. राजस्थान शक्ति और भक्ति का प्रदेश है और वो वही रहेगा. सचिवालय कोई बिल्डिंग नहीं है, ये 8 करोड़ लोगों की आस्था का मंदिर है, इस दायित्व को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है."
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सीधी लाइन से हट कर काम नहीं करें : मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि "सचिवालय पूरे प्रदेश की धुरी है, हम जो यहां पर काम कर रहे हैं, करोड़ों में से कुछ लोगों को ये अवसर मिला है, इसलिए हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि करोड़ों लोग हमारी तरफ देख रहे हैं. हमे अवसर मिला है तो इसके दायित्व को समझें." पंत ने नसीहत देते हुए कहा कि "निष्ठा से काम करते रहें, पेंडिंग काम ना रखें, 1 तारीख को सैलरी मिल जाती है, अन्य खर्चों के भी पैसे मिल जाते हैं, तो हमारी जिम्मेदारी बन जाती है कि हम अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ करें. हमारे पास कोई कारण नहीं कि हम किसी काम को रोककर रखें. कर्मचारी को अगर समय पर सब सुविधा मिल रही है, तो वो ईमानदारी से काम करें, सीधी लाइन से हट कर काम ना करें." उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ ना करें जिससे हमें परिवार, प्रदेश और देश में शर्मिंदा होना पड़े. मुख्यमंत्री ने संकल्प लिया है कि 2047 तक राजस्थान को विकसित बनाना है, इसके लिए सभी को संकल्पित होकर काम करना होगा. जो भी कर्मचारी संघ ने मांग रखी है, उस पर सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे. छुट्टी, इंक्रीमेंट समय पर हो, ये भी हम पूरी संवेदनशीलता के साथ देखेंगे. राजकीय कार्यों में सभी एकजुट होकर टीम भावना के साथ विकसित राजस्थान की दिशा में काम करें.