Benifits of Climbing Vegetables: आमतौर पर किसान अनाज, दलहन और तिलहन की फसल अपने खेतों में लगाते हैं और आय प्राप्त करते हैं लेकिन कई किसान सब्जियों की खेती भी करते हैं. हालांकि सब्जियां की खेती का प्रबंधन थोड़ा कठिन भी होता है, खरपतवार प्रबंधन से लेकर कीट प्रबंधन तक कई कार्यों पर मेहनत करना होती है. यदि आप सब्जी लगाने का सोच रहे हैं तो बेल वाली सब्जियां लगाकर कम प्रबंधन से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. बेलवर्गीय फसल मतलब बेल पर लगने वाली सब्जियां जैसे करेला ,गिलकी, तुरई ,लौकी और कद्दू. इन फसलों को लगाने में प्रबंधन भी अधिक नहीं करना पड़ता है और कीटनाशकों की आवश्यकता भी बारिश के मौसम में कम पड़ती है. इन फसलों में रोग भी न के बराबर आते हैं. कम समय में ही इन फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त होना शुरू हो जाता है. बारिश के महीनों में यह जारी रहता है.
बेल वाली सब्जियों से हर दिन आय
बेल वाली सब्जियों का उत्पादन करना किसानों के लिए फायदा देने वाला है. प्रतिदिन सब्जियां तोड़कर मंडी में बेचकर किसान लगभग हर दिन इससे आय प्राप्त कर सकते हैं. जिन किसानों को वर्षा ऋतु के ठीक बाद जल्दी लहसुन, मटर और प्याज लगाना होता है. वह अपने खेत में खाली छोड़ी गई जगह पर इन बेल वाली सब्जियों को लगाकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है.
खाली पड़े खेत में करें बुआई
खास बात यह भी है कि इन बेल वर्गीय फसलों में किसानों को प्रबंधन के लिए अधिक मेहनत नहीं करना पड़ती है. केवल बीज की बुआई कर और बेल को कांटे इत्यादि पर चढ़ाने से एक ही पौधे से पर्याप्त मात्रा में सब्जियां प्राप्त होने लगती हैं. किसान भाई अपनी सुविधा अनुसार अपने खाली पड़े खेत में इनकी बुवाई कर सकता है. कई किसान कद्दू की खेती बड़े स्तर पर भी करते हैं और मुनाफा कमाते हैं.
बैकयार्ड और गमले में भी लगा सकते हैं सब्जियां
केवल किसान ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले आम लोग भी हरी सब्जियों की पूर्ति अपनी खाली पड़ी जगह, बैकयार्ड और गमले में लगाकर अपनी सब्जियों की पूर्ति घर पर ही कर सकते हैं. इन सब्जियों में अधिक रोग और कीट इत्यादि नहीं लगने की वजह से लोग जैविक सब्जियों का आनंद अपने घर पर ही उत्पादन कर ले सकते हैं. बेलवर्गीय फसलों को किसान भाई यदि अपनी खाली पड़ी जगह में लगाते हैं तो उन्हें न केवल प्रतिदिन आय प्राप्त होगी बल्कि अपने घर की सब्जी की पूर्ति भी वह स्वयं के खेत से कर सकते हैं.