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ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे लिपिक, बोले- मांगों पर विचार नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे - Clerks demand increase grade pay

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 13, 2024, 4:40 PM IST

Clerk's Indefinite Strike. देवघर में लिपिकों के धरने पर बैठने से पूरे जिले में कार्य बाधित हो रहा है. लिपिकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि धरना प्रदर्शन के बाद ग्रेड पे बढ़ाने पर विचार नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में जिले के सभी लिपिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

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धरने पर बैठे लिपिक (ETV BHARAT)

देवघर: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले लिपिकों में सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है. लिपिकों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करें ताकि चुनाव के बाद उनकी मांगें पूरी हो सके. इसी के मद्देनजर देवघर जिले के सभी विद्यालयों एवं अन्य विभागों में कार्यरत लिपिकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इस दौरान लिपिक अपने 'ग्रेड पे' को बढ़ाने की मांग को सरकार के सामने रखेंगे.

धरने को लेकर जानकारी देते लिपिक संघ के सदस्य (ETV BHARAT)

ग्रेड पे बढ़ाने और प्रमोशन की मांग

हड़ताल से पहले धरने पर बैठे लिपिकों ने कहा कि उनकी मांग है कि सभी विभागों के लिपिकों का एक सामान्य प्रमोशन हो. वहीं, सभी का ग्रेड पे में बढ़ोतरी हो. लिपिकों का कहना है कि शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और प्रसाशनिक कार्यालयों में काम कर रहे लिपिकों का प्रमोशन नहीं होता है. धरने पर बैठे लिपिक संघ के वरिष्ठ सदस्य सोभल सिंह बताते हैं कि देवघर जिले में कार्यरत सभी क्लर्क जिस पद पर ज्वाइन करते हैं उसी पद पर रिटायर्ड कर जाते हैं. जबकि समाहरणालय में कार्यरत क्लर्क या लिपिक को प्रत्येक तीन या चार वर्ष में प्रमोशन मिलता है, जिससे उनके सैलेरी सहित अन्य राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाती है. धरने पर बैठे लिपिकों ने कहा कि वर्तमान समय में लिपिकों को मात्र 1900 का ग्रेड पे मिल रहा है, जो काफी कम है. यदि उनके धरना प्रदर्शन के बाद लिपिकों के 2400 का ग्रेड देने पर विचार नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में देवघर जिले के सभी लिपिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे, जिसका जिम्मेदार राज्य सरकार होगी.

धरने पर बैठे लिपिक से कार्य हो रहा बाधित

गौरतलब है कि धरने पर बैठे लिपिकों की वजह से पूरे जिले में कार्य बाधित हो रहा है. कई विद्यालयों के साथ-साथ अन्य विभागों का कार्य भी बाधित हो रहा है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि क्या लिपिकों की मांग को लेकर जिला प्रशासन और राज्य सरकार कोई ठोस कदम उठाती है ताकि जिले के तमाम विभागों का कार्य सही तरीके से चलता रहे.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का हाल: शहरी श्रमिकों को रोजगार देने में हेमंत सरकार फिसड्डी

ये भी पढ़ें: विधानसभा गैर सरकारी संकल्प समिति के अध्यक्ष केदार हाजरा का हजारीबाग दौरा, दिए आवश्यक निर्देश

देवघर: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले लिपिकों में सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है. लिपिकों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करें ताकि चुनाव के बाद उनकी मांगें पूरी हो सके. इसी के मद्देनजर देवघर जिले के सभी विद्यालयों एवं अन्य विभागों में कार्यरत लिपिकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इस दौरान लिपिक अपने 'ग्रेड पे' को बढ़ाने की मांग को सरकार के सामने रखेंगे.

धरने को लेकर जानकारी देते लिपिक संघ के सदस्य (ETV BHARAT)

ग्रेड पे बढ़ाने और प्रमोशन की मांग

हड़ताल से पहले धरने पर बैठे लिपिकों ने कहा कि उनकी मांग है कि सभी विभागों के लिपिकों का एक सामान्य प्रमोशन हो. वहीं, सभी का ग्रेड पे में बढ़ोतरी हो. लिपिकों का कहना है कि शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और प्रसाशनिक कार्यालयों में काम कर रहे लिपिकों का प्रमोशन नहीं होता है. धरने पर बैठे लिपिक संघ के वरिष्ठ सदस्य सोभल सिंह बताते हैं कि देवघर जिले में कार्यरत सभी क्लर्क जिस पद पर ज्वाइन करते हैं उसी पद पर रिटायर्ड कर जाते हैं. जबकि समाहरणालय में कार्यरत क्लर्क या लिपिक को प्रत्येक तीन या चार वर्ष में प्रमोशन मिलता है, जिससे उनके सैलेरी सहित अन्य राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाती है. धरने पर बैठे लिपिकों ने कहा कि वर्तमान समय में लिपिकों को मात्र 1900 का ग्रेड पे मिल रहा है, जो काफी कम है. यदि उनके धरना प्रदर्शन के बाद लिपिकों के 2400 का ग्रेड देने पर विचार नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में देवघर जिले के सभी लिपिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे, जिसका जिम्मेदार राज्य सरकार होगी.

धरने पर बैठे लिपिक से कार्य हो रहा बाधित

गौरतलब है कि धरने पर बैठे लिपिकों की वजह से पूरे जिले में कार्य बाधित हो रहा है. कई विद्यालयों के साथ-साथ अन्य विभागों का कार्य भी बाधित हो रहा है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि क्या लिपिकों की मांग को लेकर जिला प्रशासन और राज्य सरकार कोई ठोस कदम उठाती है ताकि जिले के तमाम विभागों का कार्य सही तरीके से चलता रहे.

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