रुद्रप्रयाग: आखिरकार नगर पालिका और नगर पंचायतों में तैनात सफाई कर्मियों का सब्र का बांध टूट गया. आज पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कई सफाई कर्मी झाड़ू और कूड़े के वाहन लेकर सड़कों पर उतरे. इतना ही नहीं नारेबाजी करते हुए तहसील कार्यालय में भी गरजे. इस दौरान सफाई कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. वहीं, सरकार से उनकी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की.
अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के आह्वान पर रविवार को नगर पालिका रुद्रप्रयाग, नगर पंचायत तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ के सफाई नायकों ने तहसील रुद्रप्रयाग में जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान सफाई नायक कूड़े के वाहन लेकर भी तहसील में पहुंचे. राजमार्ग पर कूड़ा का वाहन खड़ा करने के बाद सफाई नायक तहसील में पहुंचे और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
आक्रोशित सफाई नायकों का कहना था कि नगर पालिका और नगर पंचायतों में उनका शोषण किया जा रहा है. सफाई मजदूर पूरी तन्मयता के साथ शहरी इलाकों की सफाई व्यवस्था में जुटे रहते हैं. घर-घर से कूड़ा उठाने का काम करते हैं. शहर में चारों ओर फैली गंदगी को उठाने का काम करते हैं. इसके सबके बावजूद सफाई कर्मियों की मांगों पर कार्रवाई करने में देरी की जा रही है. नगर पालिका और नगर पंचायतों में ठेका प्रथा से व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई हैं.
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इस प्रथा को समाप्त नहीं किया जा रहा है, जबकि ढांचे में संशोधन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में सफाई नायकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष मनीष गोडियाल ने कहा कि उनकी पांच मांगे पूरी नहीं की जा रही हैं. बार-बार आश्वासन के बाद भी मांगों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. बीते दो सालों से डॉक्टर ललित मोहन रयाल कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है. प्रदेश के सफाई कर्मियों के साथ धोखा करने का कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सफाई मजदरों की मांगों पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो जल्द ही बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा. शासन और प्रशासन सफाई मजदूरों की मांगों पर अमल करने के बजाय सिर्फ झूठे आश्वासन देने तक सीमित रह गया है. सफाई मजदूरों के मांग पत्र सौंपने पर उप जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल ने कार्रवाई को लेकर शासन को पत्र प्रेषित करने की बात कही.