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बुजुर्ग की अर्थी लेकर 4 घंटे चिलचिलाती धूप में बैठे रहे परिजन, पुलिस ने करवाया अंतिम संस्कार, जानें पूरा मामला - Funeral on Disputed Land

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 30, 2024, 4:20 PM IST

Updated : May 30, 2024, 4:45 PM IST

Ruckus During funeral, दौसा में बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. मृतक के परिजन जिस जमीन पर अंतिम संस्कार करना चाहते थे, उसे दूसरे पक्ष ने अपना बताकर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. विवाद बढ़ने पर पुलिस ने मामला शांत करवाया और अंतिम संस्कार करवाया.

अंतिम संस्कार को लेकर विवाद
अंतिम संस्कार को लेकर विवाद (ETV Bharat Dausa)
अंतिम संस्कार को लेकर विवाद (ETV Bharat Dausa)

दौसा. जिले में एक बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए परिवार को जद्दोजहद करनी पड़ी. वृद्ध की आकस्मिक मौत होने के बाद जब परिजन अर्थी को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट लेकर पहुंचे तो एक पक्ष ने खुद की जमीन बताते हुए वहां अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोग अर्थी को मौके पर ही रखकर भरी दोपहरी में बैठ गए और उसी जगह पर अंतिम संस्कार करने पर अड़ गए. विवाद बढ़ता देख सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बसवा एसडीएम और तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे. करीब 4 घंटे की समझाइश के बाद बुजुर्ग महिला के शव का पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार करवाया गया. मामला, दौसा जिले के बसवा थाना क्षेत्र में स्थित फुलेला गांव का है.

विवादित भूमि पर कोर्ट का स्टे : एसडीएम रेखा मीना ने बताया कि विवादित भूमि सिवायचक सरकारी भूमि है. ऐसे में वहां पर किसी पक्ष का मालिकाना हक नहीं है, जिसपर विवाद के कारण कोर्ट का स्टे लगा हुआ है. एक पक्ष की ओर से लंबे समय से यहां अंतिम संस्कार किया जा रहा था. इसके कारण बुजुर्ग महिला का वहीं पर अंतिम संस्कार करवाया गया है. हालांकि, आगे के लिए किसी भी पक्ष की ओर से विवादित भूमि को किसी भी रूप में काम में नहीं लिया जाएगा. इसके लिए दोनों पक्षों को पाबंद किया गया है. अंतिम संस्कार के लिए विवादित भूमि के पास ही मौजूद शमशान भूमि में अंतिम संस्कार करने की बात कही गई.

पढ़ें. बुजुर्ग की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिला रास्ता, ग्रामीणों ने शव रखकर किया प्रदर्शन

निजी जमीन बताकर अंतिम संस्कार करने से रोका : जानकारी के अनुसार, जिले के बसवा थाना क्षेत्र के फुलेला गांव में गुरुवार सुबह 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला भौरी देवी की आकस्मिक मौत हो गई थी. परिजन और रिश्तेदार महिला की अर्थी को अंतिम संस्कार के लिए फुलेला बस स्टैंड के पास बने शमशान घाट के पास लेकर पहुंचे, लेकिन दूसरे पक्ष के लोग वहां पहुंचे और शमशान घाट की जमीन को निजी जमीन बताते हुए महिला का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. ऐसे में विवाद बढ़ गया और अंतिम संस्कार करने पहुंचे लोग मौके पर अर्थी को रखकर बैठ गए. मृतका के परिजन जय सिंह ने बताया कि आजादी के समय से ही हम इस जगह पर अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं, लेकिन एक पक्ष इस पर खुद का मालिकाना हक जता रहा है.

एसडीएम और तहसीलदार को मौके पर बुलाया : विवाद की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बसवा थाना प्रभारी सचिन शर्मा ने ग्रामीणों ने समझाइश करने के प्रयास किए, लेकिन एक पक्ष महिला का अंतिम संस्कार उसी जगह पर करने के लिए अड़ गया. दूसरा पक्ष उस जगह को खुद की जगह बताते हुए वहां अंतिम संस्कार नहीं करने देने की बात पर अड़ गया. ऐसे में थाना प्रभारी ने मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया. साथ ही बसवा एसडीएम और तहसीलदार को भी मामले की सूचना दी गई.

पढ़ें. बेटा मोर्चरी में छोड़ गया पिता का शव, बेटियों ने अर्थी को दिया कंधा, मुखाग्नि देकर निभाया फर्ज - Daughters Performed Last Rites

4 घंटे बाद उसी जगह पर हुआ अंतिम संस्कार : इस दौरान मौके पर एसडीएम रेखा मीना और तहसीलदार अन्नू शर्मा राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचीं. जांच पड़ताल करने पर सामने आया कि विवादित भूमि सिवायचक सरकारी भूमि है, जिसपर किसी भी आम आदमी का मालिकाना हक नहीं है. ऐसे में एसडीएम ने 4 घंटे तक ग्रामीणों से समझाइश कर मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार उसी जगह पर करवाया.

अंतिम संस्कार को लेकर विवाद (ETV Bharat Dausa)

दौसा. जिले में एक बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए परिवार को जद्दोजहद करनी पड़ी. वृद्ध की आकस्मिक मौत होने के बाद जब परिजन अर्थी को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट लेकर पहुंचे तो एक पक्ष ने खुद की जमीन बताते हुए वहां अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोग अर्थी को मौके पर ही रखकर भरी दोपहरी में बैठ गए और उसी जगह पर अंतिम संस्कार करने पर अड़ गए. विवाद बढ़ता देख सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बसवा एसडीएम और तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे. करीब 4 घंटे की समझाइश के बाद बुजुर्ग महिला के शव का पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार करवाया गया. मामला, दौसा जिले के बसवा थाना क्षेत्र में स्थित फुलेला गांव का है.

विवादित भूमि पर कोर्ट का स्टे : एसडीएम रेखा मीना ने बताया कि विवादित भूमि सिवायचक सरकारी भूमि है. ऐसे में वहां पर किसी पक्ष का मालिकाना हक नहीं है, जिसपर विवाद के कारण कोर्ट का स्टे लगा हुआ है. एक पक्ष की ओर से लंबे समय से यहां अंतिम संस्कार किया जा रहा था. इसके कारण बुजुर्ग महिला का वहीं पर अंतिम संस्कार करवाया गया है. हालांकि, आगे के लिए किसी भी पक्ष की ओर से विवादित भूमि को किसी भी रूप में काम में नहीं लिया जाएगा. इसके लिए दोनों पक्षों को पाबंद किया गया है. अंतिम संस्कार के लिए विवादित भूमि के पास ही मौजूद शमशान भूमि में अंतिम संस्कार करने की बात कही गई.

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निजी जमीन बताकर अंतिम संस्कार करने से रोका : जानकारी के अनुसार, जिले के बसवा थाना क्षेत्र के फुलेला गांव में गुरुवार सुबह 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला भौरी देवी की आकस्मिक मौत हो गई थी. परिजन और रिश्तेदार महिला की अर्थी को अंतिम संस्कार के लिए फुलेला बस स्टैंड के पास बने शमशान घाट के पास लेकर पहुंचे, लेकिन दूसरे पक्ष के लोग वहां पहुंचे और शमशान घाट की जमीन को निजी जमीन बताते हुए महिला का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. ऐसे में विवाद बढ़ गया और अंतिम संस्कार करने पहुंचे लोग मौके पर अर्थी को रखकर बैठ गए. मृतका के परिजन जय सिंह ने बताया कि आजादी के समय से ही हम इस जगह पर अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं, लेकिन एक पक्ष इस पर खुद का मालिकाना हक जता रहा है.

एसडीएम और तहसीलदार को मौके पर बुलाया : विवाद की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बसवा थाना प्रभारी सचिन शर्मा ने ग्रामीणों ने समझाइश करने के प्रयास किए, लेकिन एक पक्ष महिला का अंतिम संस्कार उसी जगह पर करने के लिए अड़ गया. दूसरा पक्ष उस जगह को खुद की जगह बताते हुए वहां अंतिम संस्कार नहीं करने देने की बात पर अड़ गया. ऐसे में थाना प्रभारी ने मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया. साथ ही बसवा एसडीएम और तहसीलदार को भी मामले की सूचना दी गई.

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4 घंटे बाद उसी जगह पर हुआ अंतिम संस्कार : इस दौरान मौके पर एसडीएम रेखा मीना और तहसीलदार अन्नू शर्मा राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचीं. जांच पड़ताल करने पर सामने आया कि विवादित भूमि सिवायचक सरकारी भूमि है, जिसपर किसी भी आम आदमी का मालिकाना हक नहीं है. ऐसे में एसडीएम ने 4 घंटे तक ग्रामीणों से समझाइश कर मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार उसी जगह पर करवाया.

Last Updated : May 30, 2024, 4:45 PM IST
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