देहरादून: सल्ट विधायक महेश जीना और देहरादून नगर आयुक्त गौरव कुमार के बीच जमकर तू-तू मैं-मै हुई. इतना ही नहीं गाली गलौज भी हुई. जिससे माहौल गरमा गया. आरोप है कि विधायक जीना किसी परिचित का टेंडर से जुड़े मामले को लेकर अपने समर्थकों के साथ देहरादून नगर निगम पहुंचे थे. जहां उन्होंने हंगामा कर दिया. वहीं, देहरादून नगर आयुक्त गौरव कुमार का आरोप है कि उनके साथ अभद्रता और गाली गलौज की गई. इस मामले पर विधायक महेश जीना ने मामले में सफाई दी है. उधर, घटना के बाद नगर निगम के सफाई मजदूर संघ और नगर निकाय कर्मचारी महासंघ ने सभी काम ठप कर दिया है. वहीं, इस मामले में जिलाधिकारी ने गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय को जांच सौंप दी है.
दरअसल, सहस्त्रधारा रोड पर स्थित ट्रचिंग ग्राउंड बंद होने के बाद वहां से लिकेजी वेस्ट (पुराना कूड़ा निस्तारण) हटाने को लेकर प्रक्रिया चल रही है. जिसको लेकर पिछले दिनों टेंडर निकाले गए. इस टेंडर में सल्ट विधायक महेश जीना के परिचित की कंपनी ने हिस्सा लिया था, लेकिन टेंडर खुलने के बाद महेश जीना के परिचित की कंपनी को बाहर कर दिया गया. क्योंकि, टेंडर के अनुरूप महेश जीना के परिचित की कंपनी की शर्तें पूरी नहीं कर रहे थे. जिसके बाद आज विधायक महेश जीना अपने समर्थकों के साथ नगर निगम में पहुंचे और हंगामा कर दिया.
आरोप है कि विधायक जीना ने नगर निगम के ऑफिस में पहुंच कर नगर आयुक्त गौरव कुमार के साथ अभद्र व्यवहार की. आयुक्त गौरव कुमार का आरोप है कि उनके साथ गाली गलौज भी की गई. हालांकि, हंगामे के दौरान नगर आयुक्त बार-बार विधायक जीना को शांत करने की कोशिश करते नजर आए, लेकिन विधायक नहीं माने और लगातार हंगामा करते रहे. किसी तरह मामला शांत हुआ और उसके बाद नगर आयुक्त समेत निगम के सभी अधिकारी कार्यालय से बाहर निकल गए.
विधायक की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े निगम कर्मचारी: वहीं, विधायक के समर्थकों ने मीडियाकर्मियों का कैमरा भी बंद करा दिया. उधर, घटना के बाद निगम कर्मचारी भी काम ठप कर चलते बने. वहीं, हंगामे के बाद नगर निगम के सफाई मजदूर संघ और नगर निकाय कर्मचारी महासंघ ने साफतौर पर चेतावनी दी है कि जब तक विधायक नगर आयुक्त से माफी नहीं मांगते या विधायक की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक नगर निगम के सभी साफ सफाई का काम ठप रहेगा.
क्या बोले सल्ट विधायक महेश जीना: नगर आयुक्त गौरव कुमार से बहस और नोकझोंक का वीडियो बाहर आने के बाद विधायक महेश जीना ने अपना पक्ष रखा है. ईटीवी भारत से विधायक महेश जीना ने कहा कि वो किसी शख्स के कहने पर नगर निगम गए थे. शख्स ने उनसे आग्रह किया था कि देहरादून नगर निगम कार्यालय में एक टेंडर डाला गया है, लेकिन लगातार उस पर प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं. जिस पर बातचीत के लिए वो नगर आयुक्त के पास गए थे.
विधायक जीना का आरोप है कि नगर निगम कार्यालय में उनसे अजीब तरीके से बातचीत की गई. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि कार्यालय में कुछ प्राइवेट लोग बैठे हुए थे. जिनसे उन्होंने बातचीत की, लेकिन उन्होंने भी उनसे ठीक तरीके से बात नहीं की. विधायक जीना ने कहा कि सवाल ये खड़ा होता है कि जिस शख्स का टेंडर हुआ है, उसका नाम रवि दहिया है.
उसका इसी कागज पर पूरी फॉर्मेलिटी पर हरिद्वार में टेंडर हो गया, लेकिन यहां पर उसे रोका जा रहा है. उन्हें लगता है कि यहां पर कुछ मिलीभगत चल रही है. इसके अलावा विधायक महेश जीना ने कहा कि उन्होंने किसी तरह की कोई बदतमीजी नहीं की. अब वो इस बारे में अपने उच्च नेताओं से बात करेंगे. वहीं, अपने बेटे का टेंडर में नाम के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'यह टेंडर उनके बेटे का नहीं है. हां, एक परिचित का जरूर है. जिनके लिए वो नगर आयुक्त के पास गए थे.'
क्या बोलीं देहरादून डीएम सोनिका सिंह? सल्ट विधायक महेश जीना और नगर आयुक्त के बीच विवाद का मामला नगर प्रशासक सोनिका सिंह के पास पहुंच गया है. ईटीवी भारत से नगर निगम के प्रशासक सोनिका सिंह ने फोन पर बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. विधायक और नगर आयुक्त के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही मामले में जो भी निर्णय आएगा तो उसे बता दिया जाएगा. वहीं, विधायक और नगर आयुक्त के बीच नोक झोंक मामले में गढ़वाल कमिश्नर को जांच दी गई है. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय इसकी जांच करेंगे.
ये भी पढ़ें-