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अब बरेली के पुराने घर में मंदिर होने का दावा; चौकीदार पर मूर्तियों को खुर्दबुर्द करने का आरोप, जांच शुरू - BAREILLY NEWS

राकेश सिंह ने पुराने घर को बताया गंगा महारानी का मंदिर, मकान में रह रहे मुस्लिम परिवार पर कब्जा करने का आरोप

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पुराने मकान में जांच करने पहुंची टीम. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2024, 7:29 PM IST

बरेलीः किला थाना क्षेत्र के कटघर के मकान में गंगा महारानी का प्राचीन मंदिर से मूर्तियों को खुर्दबुर्द कर चौकीदार के द्वारा कब्जा करने का मामला सामने आया है. शिकायत पर गुरुवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों के बयान दर्ज किया और दस्तावेज खंगाले. वहीं, अवैध रूप से रह रहे मुस्लिम परिवार ने मकान खाली करने का भी आश्वासन दिया है. लेकिन मकान में मंदिर होने की बात को इनकार कर रहा है.

किला थाना क्षेत्र के कटघर में रहने वाले राकेश सिंह का आरोप है कि उनके वंशजों ने लगभग 150 वर्ष पहले गंगा महारानी का एक मंदिर बनवाया था. जहां कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की और आसपास के लोग आकर पूजा-अर्चना करते थे. इस पुजारी के द्वारा लगभग 50 वर्ष पहले एक कमरे को सरकारी समिति के लिए किराए पर दे दिया था. जिसमें स सहकारी समिति का एक चौकीदार वाजिद अली वहां रहने लगा. राकेश सिंह का आरोप है कि वाजिद अली ने धीरे-धीरे मंदिर के पूरे मकान पर कब्जा कर लिया. मंदिर में रखी मूर्तियों को गायब कर दिया. वहीं, वाजिद अली के बेटे साजिद अली ने बताया कि उसके पिता सहकारी समिति में चौकीदार के पद पर नौकरी करते थे. इसलिए नका परिवार यहां रहता है. साजिद ने कहा कि मकान में कभी मंदिर नहीं रहा ही नहीं. यहां कभी किसी देवी देवताओं की मूर्तियां नहीं थी.

मकान में गंगा महारानी का प्राचीन का दावा. (Video Credit; ETV Bharat)
नायब तहसीलदार बृजेश कुमार वर्मा ने बताया कि गंगा महारानी का मंदिर होने की बात कहकर उसे खाली करने की मांग करने वाले राकेश सिंह और मकान में रह रहे मुस्लिम परिवार के लिखित बयान दर्ज किए गए हैं. वह प्रारंभिक जांच करने आए हैं. जांच के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. सहकारी समिति के सचिव विकास ने बताया कि काफी लंबे समय पहले यहां पर सरकारी समिति की खाद की बिक्री की जाती थी. लेकिन अब दूसरा गोदाम बनने के चलते यहां से सब कुछ वहां शिफ्ट हो गया है. यहां अवैध रूप से चौकीदार का परिवार रह रहा है. जिसको पहले भी मकान खाली करने और किसी भी तरह का निर्माण न करने की हिदायत दी गई थी. सहकारी समिति के सचिव ने बताया कि वाजिद अली के परिवार से यह मकान खाली कराया जाएगा.इसे भी पढ़ें-संभल में एक और मंदिर मिला; मुस्लिम बाहुल्य इलाके में डेढ़ सौ साल पुराना बांके बिहारी मंदिर

बरेलीः किला थाना क्षेत्र के कटघर के मकान में गंगा महारानी का प्राचीन मंदिर से मूर्तियों को खुर्दबुर्द कर चौकीदार के द्वारा कब्जा करने का मामला सामने आया है. शिकायत पर गुरुवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों के बयान दर्ज किया और दस्तावेज खंगाले. वहीं, अवैध रूप से रह रहे मुस्लिम परिवार ने मकान खाली करने का भी आश्वासन दिया है. लेकिन मकान में मंदिर होने की बात को इनकार कर रहा है.

किला थाना क्षेत्र के कटघर में रहने वाले राकेश सिंह का आरोप है कि उनके वंशजों ने लगभग 150 वर्ष पहले गंगा महारानी का एक मंदिर बनवाया था. जहां कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की और आसपास के लोग आकर पूजा-अर्चना करते थे. इस पुजारी के द्वारा लगभग 50 वर्ष पहले एक कमरे को सरकारी समिति के लिए किराए पर दे दिया था. जिसमें स सहकारी समिति का एक चौकीदार वाजिद अली वहां रहने लगा. राकेश सिंह का आरोप है कि वाजिद अली ने धीरे-धीरे मंदिर के पूरे मकान पर कब्जा कर लिया. मंदिर में रखी मूर्तियों को गायब कर दिया. वहीं, वाजिद अली के बेटे साजिद अली ने बताया कि उसके पिता सहकारी समिति में चौकीदार के पद पर नौकरी करते थे. इसलिए नका परिवार यहां रहता है. साजिद ने कहा कि मकान में कभी मंदिर नहीं रहा ही नहीं. यहां कभी किसी देवी देवताओं की मूर्तियां नहीं थी.

मकान में गंगा महारानी का प्राचीन का दावा. (Video Credit; ETV Bharat)
नायब तहसीलदार बृजेश कुमार वर्मा ने बताया कि गंगा महारानी का मंदिर होने की बात कहकर उसे खाली करने की मांग करने वाले राकेश सिंह और मकान में रह रहे मुस्लिम परिवार के लिखित बयान दर्ज किए गए हैं. वह प्रारंभिक जांच करने आए हैं. जांच के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. सहकारी समिति के सचिव विकास ने बताया कि काफी लंबे समय पहले यहां पर सरकारी समिति की खाद की बिक्री की जाती थी. लेकिन अब दूसरा गोदाम बनने के चलते यहां से सब कुछ वहां शिफ्ट हो गया है. यहां अवैध रूप से चौकीदार का परिवार रह रहा है. जिसको पहले भी मकान खाली करने और किसी भी तरह का निर्माण न करने की हिदायत दी गई थी. सहकारी समिति के सचिव ने बताया कि वाजिद अली के परिवार से यह मकान खाली कराया जाएगा.इसे भी पढ़ें-संभल में एक और मंदिर मिला; मुस्लिम बाहुल्य इलाके में डेढ़ सौ साल पुराना बांके बिहारी मंदिर
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