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CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कड़कड़डूमा में तीन नए कोर्ट का किया शिलान्यास, जानें कब बनकर होंगी तैयार - courts in Karkardooma

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 2, 2024, 9:56 AM IST

Updated : Jul 2, 2024, 2:09 PM IST

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शास्त्री पार्क और रोहिणी सेक्टर 26 में अदालत परिसरों की आधारशिला रखी. कोर्ट की तीनों बिल्डिंग में 500 से ज्यादा वकीलों के चैंबर और एक हजार से ज्यादा गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी.

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कड़कड़डूमा में तीन नए कोर्ट का शिलान्यास (ETV Bharat)

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली के शास्त्री पार्क और रोहिणी सेक्टर 26 में अदालत परिसरों की आधारशिला रखी. दिल्ली सरकार ने मार्च में पेश किए गए अपने बजट में इन तीनों कोर्ट बिल्डिंग की योजना को शामिल किया था. कोर्ट की नई बिल्डिंग में कई तरह की सुविधा होगी. कोर्ट के तीनों बिल्डिंग में 500 से ज्यादा वकीलों के चैंबर और एक हजार से ज्यादा गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी.

इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायालय न्याय और कानून के शासन के गुणों को समझने के लिए बनाए गए हैं. जब हम अपने न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों की सुरक्षा, पहुंच और आराम में निवेश करते हैं, तो हम एक न्यायपूर्ण और समावेशी प्रणाली बनाते हैं. उन्होंने कहा कि 1993 में कड़कड़डूमा न्यायालय की स्थापना के बाद से, कई विस्तार परियोजनाएं और अतिरिक्त परिसरों का निर्माण कार्य को पूरा किया गया है. नए न्यायालय परिसर न्यायालय की दक्षता बढ़ाते हैं और निर्भरता कम करते हैं.

कानूनी और संवैधानिक प्रणाली बंधुत्व के गुणों पर आधारित

सीजेआई ने कहा कि न्यायालय कानूनी सिद्धांतों और विशिष्ट मामलों में उनके अनुप्रयोग पर गहन चर्चा और तर्क-वितर्क करते हैं. न्यायाधीश निर्णय पर पहुंचने से पहले प्रत्येक पक्ष के तर्कों के गुणों पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करते हैं, जिससे हाथ में मौजूद मुद्दों की गहन और संतुलित जांच सुनिश्चित होती है. जिस तरह से इमारतों की आधारशिला इसकी संरचना और अभिविन्यास को आकार देती है, उसी तरह न्याय और समानता की आधारशिला मामलों के प्रति न्यायालय के दृष्टिकोण के अभिविन्यास को आकार देना चाहिए. हमारी कानूनी और संवैधानिक प्रणाली मूल रूप से न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के गुणों पर आधारित है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "आज हमने तीन अदालतों की आधारशिला रखी है. यह आधारशिला समारोह दिल्ली के नागरिकों और अन्य लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो न्याय की तलाश में यहां आएंगे. मुझे उम्मीद है कि यह परियोजना तय समय पर पूरी हो जाएगी, ताकि सभी वादियों को बहुत जरूरी सुविधाएं मिल सके. सबसे बढ़कर, हमें वादियों को ध्यान में रखना होगा और उनके हितों की सेवा करनी होगी."

कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि हमारे जैसे विशाल लोकतंत्र में, कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कानून और न्याय के शासन की आवश्यकता है. असमानता की खाई को पाटने के लिए न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना और हमारे समाज के तेजी से बदलते स्वरूप में असमानता को कम करने के लिए सभी प्रयास करना अनिवार्य है.

उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश तेजी से वितरण के हित में भौतिक न्यायिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के मुद्दों को लगातार उठाते रहे हैं. उन्होंने न केवल मामलों के तेजी से निपटान के लिए, बल्कि जांच और सुनवाई में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर दिया है."

दिल्ली सरकार ने बजट बढ़ाया

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि आज खुशी का मौका है, सीजेआई चंद्रचूड़ ने आज तीन जिला अदालतों की शिलान्यास किया है. न्यायिक बुनियादी ढांचे और अदालत कक्षों की कमी है. दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है कि दिल्ली के लोगों को समय पर न्याय मिले. पिछले 10 वर्षों में हमने न्यायपालिका के लिए लगातार बजट बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि 2014-15 में यह 760 करोड़ रुपये था और पिछले कुछ वर्षों में इसमें लगातार वृद्धि हुई है, जिससे यह 2024-25 में चार गुना से ज्यादा बढ़कर करीब 3,000 करोड़ रुपये हो गया है.

बता दें कि अभी दिल्ली में सात कोर्ट कॉम्प्लेक्स में 11 जिला अदालतें संचालित हैं. तीन नई बिल्डिंग बन जाने से 10 कोर्ट कॉम्प्लेक्स में 11 जिला अदालतें संचालित होंगी. कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्लेक्स से पूर्वी और उत्तर पूर्वी जिले की जिला अदालतें शिफ्ट की जाएंगी. मौजूदा कोर्ट कॉम्लेक्स में सं सिर्फ शाहदरा जिले की कोर्ट चालित होगी.

ये भी पढ़ें: मानहानि मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 5 महीने की सजा, फिलहाल 30 दिनों की रोक

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली के शास्त्री पार्क और रोहिणी सेक्टर 26 में अदालत परिसरों की आधारशिला रखी. दिल्ली सरकार ने मार्च में पेश किए गए अपने बजट में इन तीनों कोर्ट बिल्डिंग की योजना को शामिल किया था. कोर्ट की नई बिल्डिंग में कई तरह की सुविधा होगी. कोर्ट के तीनों बिल्डिंग में 500 से ज्यादा वकीलों के चैंबर और एक हजार से ज्यादा गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी.

इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायालय न्याय और कानून के शासन के गुणों को समझने के लिए बनाए गए हैं. जब हम अपने न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों की सुरक्षा, पहुंच और आराम में निवेश करते हैं, तो हम एक न्यायपूर्ण और समावेशी प्रणाली बनाते हैं. उन्होंने कहा कि 1993 में कड़कड़डूमा न्यायालय की स्थापना के बाद से, कई विस्तार परियोजनाएं और अतिरिक्त परिसरों का निर्माण कार्य को पूरा किया गया है. नए न्यायालय परिसर न्यायालय की दक्षता बढ़ाते हैं और निर्भरता कम करते हैं.

कानूनी और संवैधानिक प्रणाली बंधुत्व के गुणों पर आधारित

सीजेआई ने कहा कि न्यायालय कानूनी सिद्धांतों और विशिष्ट मामलों में उनके अनुप्रयोग पर गहन चर्चा और तर्क-वितर्क करते हैं. न्यायाधीश निर्णय पर पहुंचने से पहले प्रत्येक पक्ष के तर्कों के गुणों पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करते हैं, जिससे हाथ में मौजूद मुद्दों की गहन और संतुलित जांच सुनिश्चित होती है. जिस तरह से इमारतों की आधारशिला इसकी संरचना और अभिविन्यास को आकार देती है, उसी तरह न्याय और समानता की आधारशिला मामलों के प्रति न्यायालय के दृष्टिकोण के अभिविन्यास को आकार देना चाहिए. हमारी कानूनी और संवैधानिक प्रणाली मूल रूप से न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के गुणों पर आधारित है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "आज हमने तीन अदालतों की आधारशिला रखी है. यह आधारशिला समारोह दिल्ली के नागरिकों और अन्य लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो न्याय की तलाश में यहां आएंगे. मुझे उम्मीद है कि यह परियोजना तय समय पर पूरी हो जाएगी, ताकि सभी वादियों को बहुत जरूरी सुविधाएं मिल सके. सबसे बढ़कर, हमें वादियों को ध्यान में रखना होगा और उनके हितों की सेवा करनी होगी."

कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि हमारे जैसे विशाल लोकतंत्र में, कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कानून और न्याय के शासन की आवश्यकता है. असमानता की खाई को पाटने के लिए न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना और हमारे समाज के तेजी से बदलते स्वरूप में असमानता को कम करने के लिए सभी प्रयास करना अनिवार्य है.

उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश तेजी से वितरण के हित में भौतिक न्यायिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के मुद्दों को लगातार उठाते रहे हैं. उन्होंने न केवल मामलों के तेजी से निपटान के लिए, बल्कि जांच और सुनवाई में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर दिया है."

दिल्ली सरकार ने बजट बढ़ाया

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि आज खुशी का मौका है, सीजेआई चंद्रचूड़ ने आज तीन जिला अदालतों की शिलान्यास किया है. न्यायिक बुनियादी ढांचे और अदालत कक्षों की कमी है. दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है कि दिल्ली के लोगों को समय पर न्याय मिले. पिछले 10 वर्षों में हमने न्यायपालिका के लिए लगातार बजट बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि 2014-15 में यह 760 करोड़ रुपये था और पिछले कुछ वर्षों में इसमें लगातार वृद्धि हुई है, जिससे यह 2024-25 में चार गुना से ज्यादा बढ़कर करीब 3,000 करोड़ रुपये हो गया है.

बता दें कि अभी दिल्ली में सात कोर्ट कॉम्प्लेक्स में 11 जिला अदालतें संचालित हैं. तीन नई बिल्डिंग बन जाने से 10 कोर्ट कॉम्प्लेक्स में 11 जिला अदालतें संचालित होंगी. कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्लेक्स से पूर्वी और उत्तर पूर्वी जिले की जिला अदालतें शिफ्ट की जाएंगी. मौजूदा कोर्ट कॉम्लेक्स में सं सिर्फ शाहदरा जिले की कोर्ट चालित होगी.

ये भी पढ़ें: मानहानि मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 5 महीने की सजा, फिलहाल 30 दिनों की रोक

Last Updated : Jul 2, 2024, 2:09 PM IST
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