भोपाल। एमपी के 413 नगर पालिका और नगर पंचायतों के लिए अच्छी खबर है. इन नगरीय निकायों में जल्द ही आक्सीजन बैंक बनाए जाएंगे. यानि इन शहरों में लोगों को शुद्ध आक्सीजन मिल सके, इसके लिए प्रबंध किए जाएंगे. यह सुझाव एमपी के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं. जिसके बाद अधिकारियों ने भी इस दिशा में काम करना शुरु कर दिया है. शुरुआती दौर में कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिससे मंत्री के निर्देशों का बेहतर क्रियान्वयन किया जा सके.
एमपी में बनाए जाएंगे 413 सिटी फॉरेस्ट
शहरों के बीच विकास के नाम पर अधाधुंध पेड़ काटे जा रहे हैं. जिससे ग्रीन कवर घटता जा रहा है. इससे गर्मी तो बढ़ ही रही है, लोगों को सांस लेने के लिए शुद्ध आक्सीजन भी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सुझाव दिया है कि प्रत्येक नगरीय निकाय में एक सिटी फॉरेस्ट की स्थापना की जाएगी. इसके लिए कम से कम एक एकड़ की जमीन आरक्षित की जाएगी.
जन्मदिवस और शादी की सालगिरह पर लगाएंगे पेड़
नगरीय निकायों में जो सिटी फॉरेस्ट बनाए जाएंगे, उनको जनभागीदारी से जोड़ा जाएगा. मंत्री विजयवर्गीय का कहना है कि लोग अपना या किसी परिजन का जन्मदिन मनाते हैं. शादी की सालगिरह मनाते हैं. कोई अपने परिजनों की मृत्यु को यादगार बनाना चाहते हैं. ऐसे लोगों को पेड़ लगाने के लिए जागरुक किया जाएगा. इसके सहयोग से ही सिटी फॉरेस्ट में पेड़ लगाए जाएंगे. जिससे लंबे समय तक लोग अपने यादगार पलों को संजो कर रख सकें.
सिटी फॉरेस्ट के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान
नगरीय निकायों में सिटी फॉरेस्ट बनाने का कांसेप्ट अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन अधिकारियों ने इसके लिए रुपरेखा तैयार कर ली है. विभागीय बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है. जिससे नगर पालिका और नगर पंचायतों में सिटी फॉरेस्ट बनाने में कोई अड़चन न आए. यानि कि प्रत्येक नगरीय निकायों को सिटी फॉरेस्ट के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जाएगी.
पांच लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य
नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने निर्देश दिया है, कि एमपी के प्रत्येक नगरीय निकाय में एक-एक सिटी फॉरेस्ट तैयार करना है. प्रत्येक सिटी फॉरेस्ट में एक हजार से 1200 के बीच पेड़ लगाए जाएंगे. इस प्रकार पूरे प्रदेश में 5 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे. इन पेड़ों के तैयार होने के बाद आसपास के लोगों को शुद्ध आक्सीजन मिल सकेगी. वहीं लोग पेड़-पौधे लगाकर अपने यादगार पलों को भी संजोकर रख सकते हैं.