नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बड़ी समस्या है. साल में 6 महीने दिल्ली एनसीआर प्रदूषण की गिरफ्त में रहता है. प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की कवायद की जा रही है. गाजियाबाद में मियावकी तकनीक से वन विकसित किए जा रहे हैं. प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. शुक्रवार को गाजियाबाद में नगर निगम द्वारा सिटी ईवी एक्सेलरेटर वर्कशॉप का आयोजन किया गया.
नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने बताया सिटी ईवी एक्सेलरेटर वर्कशॉप में नगर निगम समेत विभिन्न विभाग के अधिकारी शामिल हुए. यूएसआरटीसी, परिवहन विभाग, पॉल्यूशन कंट्रोल विभाग, विद्युत विभाग आवास विकास परिषद समेत अन्य सरकारी विभागों ने शिरकत की. कार्यक्रम में प्राइवेट सेक्टर से E व्हीकल बनाने वाली कंपनियों ने भी हिस्सा लिया. इसमें बजाज, हीरो, महिंद्रा, पिज्जो, बीएडी की रिप्रेजेंटेटिव उपस्थित हुए. ऐसी कंपनियां जो इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल का अधिक से अधिक इस्तेमाल करती हैं. उन्होंने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसमें जोमैटो, युलो आदि ने हिस्सा लेकर कार्यक्रम में एक्सपीरियंस भी सभी से साझा किया.
यह भी पढ़ें- दिल्ली सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, LG ने दो महीने तक अफसरों की छुट्टी को किया रद्द
विक्रमादित्य मलिक ने बताया कि गाजियाबाद को आने वाले 6 से 7 माह में इलेक्ट्रिक व्हीकल लाइटहाउस के रूप में तैयार किया जाएगा. इससे अन्य नगर निगम भी इसी तर्ज पर शहर में 50 ई बस भी कार्य कर रही है. गाजियाबाद नगर निगम के ई-रिक्शा भी कार्य कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश नगर निगम में गाजियाबाद पहला नगर निगम है जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल की कार्यशाला का आयोजन हुआ. लखनऊ कानपुर तथा गाजियाबाद में इलेक्ट्रिक व्हीकल के ऊपर विशेष रूप से कार्य चल रहा है. शहर में 25 से अधिक इलेक्ट्रिक पॉइंट और 110 से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट लगाने की तैयारी गाजियाबाद नगर निगम के द्वारा की जा रही है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली-एनसीआर में 3 जुलाई तक जमकर बारिश का पूर्वानुमान,पहली ही बारिश ने खोली तैयारियों की पोल