लखनऊ : लखनऊ सहित आस-पास के पांच जिलों में एक जैसी व्यवस्थाएं होंगी. लखनऊ से उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर, बाराबंकी तक सिटी बस और मेट्रो रेल सेवा संचालित की जाएंगी. जिससे लाखों नागरिकों को लाभ होगा. इन शहरों में जलापूर्ति व्यवस्था, मानचित्र पास करने की व्यवस्था, बिजली व्यवस्था और ऐसे ही अनेक इंतजाम एकरूप होंगे. जिससे लखनऊ सहित आसपास के शहरों का विकास राजधानी की तर्ज पर होगा. स्टेट कैपिटल रीजन में यह सब होना है, जिसको लेकर आपत्ति और सुझावों का निस्तारण कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
राजधानी लखनऊ सहित उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी को राज्य राजधानी क्षेत्र में शामिल करने को लेकर आवास विभाग ने बड़ा फैसला किया है. इस संबंध में यूपी सरकार ने आम लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे थे. आवास विभाग और आवास बंधु की वेबसाइट पर स्टेट कैपिटल रीजन का ड्राफ्ट डाल दिया गया था.
प्रस्तावित विधेयक के प्रमुख प्रावधान : राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन के माध्यम से स्टेट कैपिटल रीजन तथा अन्य रीजन्स का गठन किए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा स्टेट कैपिटल रीजन तथा अन्य रीजन्स के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी का गठन प्रस्तावित है. जिसमें मुख्य सचिव, उपाध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग पदेन सदस्य होंगे. इसके अतिरिक्त कार्यकारी समिति होगी. जिसके अध्यक्ष, रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी होंगे.
रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी द्वारा क्षेत्र का रीजनल प्लान बनाया जाएगा. इसके अलावा फंक्शनल प्लान, मास्टर प्लान, विकास योजना तथा प्रोजेक्ट प्लान बनाने के लिए अधीनस्थ अभिकरणों विभागों के साथ समन्वय, रीजनल प्लान के अनुसार इन्फास्ट्रक्चर प्लान का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए शासकीय फंड अथवा अन्य माध्यम से आर्थिक संसाधन की व्यवस्था की जाएगी. रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी द्वारा रीजन के अन्तर्गत स्थित विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र की घोषणा, मास्टर प्लान की स्वीकृति संशोधन, पुनरीक्षण के सम्बन्ध में शासन की शक्तियों का उपयोग किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर नियोजक रवि मिश्र ने ईटीवी भारत को बताया कि जल्द ही एससीआर की अधिसूचना मंत्रिमंडल के माध्यम से की जाएगी. जिसमें लखनऊ सहित पांच जिलों में एक जैसा नगरीय विकास किया जाएगा. मास्टर प्लान भी एक होगा. एक ही कार्यालय से अधिकांश काम हो सकेंगे. रीजनल मेट्रो का संचालन किया जा सकेगा. सिटी बस सेवा भी एक जैसी होगी. सड़कों की गुणवत्ता और चौड़ाई पर भी एकरूपता लाई जाएगी. जिससे लोग लखनऊ में न होकर भी अपने शहर में राजधानी जैसा अनुभव करेंगे. यह सब कुछ दिल्ली और उसके आसपास के शहर नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद और गाजियाबाद की तरह होगा.
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