हजारीबाग: ईसाई समाज ने ख्रीस्त राजा पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया. शहर में शोभा यात्रा निकाली गई. शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए शोभायात्रा वापस चर्च पहुंची. चर्च पर विशेष प्रार्थना हुई. फादर ने लोगों के खुशहाल जीवन और समृद्ध देश की कामना की. उन्होंने कहा कि तमाम लोग प्रभु की संगति करें, उनके प्रति समर्पित रहें. सभी ईसाई ख्रीस्त की ही प्रजा हैं और हमेशा उनके ही रहेंगे.
दरअसल, ईसाई समाज के महापर्व क्रिसमस के ठीक एक माह पहले ख्रीस्त राजा पर्व मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन से ही प्रभु ईसा मसीह का आगमन काल प्रारंभ होता है. जिसके बाद से ईसाइयत क्रिसमस की तैयारियों में जुट जाते हैं. ईसाई समाज का कहना है 'हे ख्रीस्त राजा, तू हमारा राजा है. तेरा राज आवे... हम सभी विश्वासी चाहते हैं कि तू इस राज्य में आवे और हमारे दुखों को दूर करे. तू इकलौता राजा है', जो सभी को समान भाव से देखता है.
धर्म को मानने वाले कहते हैं कि प्रभु यीशु हमारे दिलों के राजा हैं. उस दिलों के राजा की हम जय-जयकार करते हैं और यह बिल्कुल न्यायोचित है. राजा का नाम सुनते ही मन में एक ऐसे व्यक्ति का स्वरूप उभर कर आता है, जो पूरे राजसी ठाठ-बाट के साथ रहता है. एक ऊंचे सिंहासन पर विराजमान रहता है. लेकिन हमारे राजा ने कांटों का मुकुट पहना और कष्ट का जीवन स्वीकार किया. ताकि हमें बचाए जा सके और हमारा जीवन बेहतर बन सके. राजा की जय-जयकार करते हैं, तो प्रभु खुश होते हैं, लेकिन वे उससे ज्यादा खुश तब होंगे, जब हम प्रत्येक जन अपने जीवन में प्रभु की इच्छा पूरी करेंगे.
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