चित्तौड़गढ़. आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर नगर परिषद बोर्ड बैठक सभापति संदीप शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई. भाजपा पार्षदों ने शहर के कुछ मुद्दों पर सवाल किया, जिस पर सभापति शर्मा जवाब नहीं दे पाए. इसे लेकर विपक्षी पार्षदों ने हंगामा किया. इस हंगामे के बीच नगर परिषद द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए 222 करोड़ का बजट प्रस्ताव पारित कर लिया गया.
बैठक बमुश्किल एक घंटा भी नहीं चल पाई और बजट पारित होने के साथ ही समापन की घोषणा कर दी गई. नगर परिषद सभागार में अपरान्ह 3 बजे बाद बैठक शुरू हुई. चूंकि बोर्ड बैठक का मसौदा पहले ही तय था. ऐसे में बजट बैठक औपचारिकता में ही निपट गई. सभापति शर्मा ने शहर में पिछले दिनों कराए गए कामकाज का ब्योरा रखते हुए आगामी वर्ष का 222 करोड़ 32 लाख रुपए का बजट पेश किया. इस बीच, भाजपा पार्षद छोटू सिंह शेखावत और उनके सहयोगियों द्वारा नगर परिषद के पास चौपाल निर्माण का मामला उठाया गया. उनका आरोप था कि जहां पर चौपाटी का निर्माण कराया जा रहा है. उस जमीन का टाइटल ही क्लियर नहीं है. इसके बावजूद लाखों रुपए खर्च कर दिए गए.
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सभापति द्वारा टालमटोल जवाब दिया गया, तो विपक्षी पार्षद भड़क गए. विपक्षी पार्षदों का कहना था कि नगर परिषद की आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है. निर्माण ठेकेदारों के करीब 25 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया चल रहा है और सभापति शहर को बड़े-बड़े सपने दिखा रहे हैं. इन दोनों ही मसलों पर करीब 20 मिनट तक हंगामा होता रहा. इस दौरान सभापति ने बजट पेश कर अनुमोदित करवा लिया. बैठक में उपसभापति कैलाश पवार और नगर परिषद आयुक्त भी मौजूद रहे. बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए सभापति शर्मा ने कहा कि इस बजट में शहर में कई बड़े निर्माण कार्यों का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा शहर के सौंदरीकरण को भी अहमियत दी गई है.