मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूल जतन योजना के तहत स्कूलों के कायाकल्प करने की योजना बनाई थी.इसके लिए डीएमएफ मद से हर जिले में स्कूलों का उन्नयन का काम होना था. लेकिन आज भी प्रदेश के कई स्कूल ऐसे हैं जिनके पास खुद का भवन नहीं है.वहीं कुछ स्कूलों की स्थिति इतनी खराब है कि सिवाय जर्जर दीवारों और छत के अलावा वहां कुछ भी नहीं है. ऐसा ही एक स्कूल एमसीबी जिले में है.
स्कूल की छत से टपकता है पानी : नवगठित जिला एमसीबी के अंतर्गत आने वाले नवापारा पोड़ी शासकीय प्राथमिक शाला की हालत इन दिनों बद से बदतर है.इस स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे नौनिहाल जर्जर भवन में अपनी जान दांव पर लगाकर पढ़ाई करते हैं. बारिश के दिनों में पूरे कमरे में कई स्थानों से छत से पानी टपकता है.ना ही क्लास रूम में बैठने की जगह बचती है और ना ही स्कूल का ऐसा कोई कोना होता है जहां खड़े होकर बच्चे बारिश से बच सके.वहीं जब भी स्कूल की परेशानी लेकर अफसरों के पास गुहार लगाई जाती है तो रटा रटाया जवाब देकर वापस भेज दिया जाता है.
कोरिया जिले से होता है संचालन : आपको बता दें कि नवगठित जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के अंतर्गत आने वाला ये एक ऐसा विद्यालय है, जिसकी पूरी प्रशासनिक व्यवस्था जिला विभाजन के बाद भी कोरिया जिला से संचालित हो रही है. शासकीय प्राथमिक शाला नवापारा पोड़ी में करीब 90 छात्र छात्राएं पढ़ते हैं. लेकिन कोरिया जिला के शिक्षा व्यवस्था को संभालने वाले अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. यही कारण है कि आज भी बच्चों को स्कूल की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल सकी हैं.
बच्चों और शिक्षकों को जान का खतरा : स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय के कक्षा में पानी टपक रहा है. साथ ही कमरों में पंखा बिजली जैसे उपकरण भी लगे हुए हैं. किसी अनहोनी का खतरा भी बना रहता है. बारिश के मौसम में पूरे कमरा गीला रहता है.इसी के बीच बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.लेकिन इस खतरे को जानते हुए भी कोई भी जिम्मेदार आवाज नहीं सुनता.