पटना: बिहार में वन क्षेत्र अपेक्षाकृत कम हैं. एक समय था जब बिहार वनों वाला राज्य हुआ करता था. चारों तरफ पेड़ पौधे हरियाली ही हरियाली नजर आते थे. साल 2000 में जब बिहार-झारखंड का बंटवारा हुआ तो जंगलों वाला क्षेत्र झारखंड में चला गया. इसके बाद भी बिहार में बेतरतीब तरीके से जंगलों की कटाई भी हुई, जिससे बिहार में वनों की संख्या कम हुई है. पर्यावरण की दृष्टिकोण से बिहार सरकार बदलते जलवायु परिवर्तन और पेड़ पौधों की कटाई को लेकर के काफी चिंतित है.
"वनों के संरक्षण व पौधरोपण के लिए कई अभियान चलाये जा रहे हैं. वर्ष 2019 में जल जीवन हरियाली योजना शुरु की गयी थी. इसके तहत पर्यावरण की रक्षा करने के लिए लोगों से अपील भी की गई कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए. जिसका परिणाम दिख रहा है. पर्यावरण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग ने मिलकर राज्य में हरियाली बढ़ाने को लेकर के योजना चलाते हुए 47 लाख पेड़ पौधे लगाये हैं."- सुरेंद्र सिंह, हरियाली मिशन निदेशक, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
हरित क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्यः बिहार आर्थिक सर्वे के मुताबिक साल 2016-17 में 20 प्रोजेक्ट के लिए 51.53 हेक्टर वन क्षेत्र था. साल 2017-18 में लगभग 150 हेक्टेयर वन क्षेत्र और 2020-21 में 432.78 हेक्टेयर वन क्षेत्र था. पिछले 5 सालों की आंकड़ा से पता चलता है कि 1603.8 हेक्टेयर में पहले वन क्षेत्र को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए गैर वन क्षेत्र में तब्दील कर दिया गया है. वहीं अगर बात करें तो साल 2005 में हरित क्षेत्र को लेकर जो सर्वे कराया गया था उसके मुताबिक बिहार में 9.7% हरित क्षेत्र पाया गया था. इसके बाद इसे 17% करने का लक्ष्य रखा गया. इसके लिए 24 करोड़ पौधे लगाए जाने हैं. 19 करोड़ पौधों का रोपण हुआ.
लोगों को किया जा रहा जागरूकः सुरेंद्र सिंह ने बताया कि साल 2023 से चतुर्थ कृषि रोड मैप लागू हो गया है. इसके तहत हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 4 करोड़ पौधे लगाए जाने हैं. 5 वर्ष में 20 करोड़ पौधे लगाए जाने हैं. वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने बताया है कि बीते वर्ष 4 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं. वर्तमान में जो सर्वे हुआ है उसके मुताबिक प्रदेश में हरित क्षेत्र 14.75% है. इसे और बढ़ाने का लक्ष्य है. इसके लिए विभिन्न स्टेट हाईवे के किनारे पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को पौधरोपण और जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूक किया जा रहा है.
पौधे लगाकर कमाई भी कर सकते हैंः हरियाली मिशन के निदेशक ने बताया कि शहरीकरण के कारण वनों की कटाई ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से हुई है. जिस कारण से जलवायु परिवर्तन हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधा लगाने का लक्ष्य रखा है. जिस जगह पर डेवलप के लिए पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं उसके आसपास पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सरी की व्यवस्था की गई है. जहां से लोग पेड़ पौधे लेकर अपने खेत खलिहान बंजर जमीन में भी पेड़ पौधे लगा करके कमाई कर सकते हैं.
पेड़-पौधे लगाने होंगे: पर्यावरण विशेषज्ञ हेमंत राज ने बताया कि जब पृथ्वी पर पेड़ पौधे ही नहीं रहेंगे तो मानव और जीव जंतु संपूर्ण प्रकृति ही नष्ट हो जाएगी. बदलते जमाने में लोगों के बदलते लाइफस्टाइल में यह बात को विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि अपने आसपास पेड़ पौधा लगाकर के हरियाली बढ़ाएं. जिससे कि ऑक्सीजन का संचार हो सके. कोरोना संक्रमण काल ने लोगों को एक बड़ी सीख देने का काम कि ऑक्सीजन लेवल अगर डाउन होता है तो जीवन नष्ट है. इससे भी लोगों को सीख लेकर आसपास अपने गांव मोहल्ले क्षेत्र में पेड़ पौधे लगाने चाहिए. बदलते पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वातावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़ पौधा लगाना होगा.
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