पटना: बिहार सरकार की बाल हृदय योजना एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पहल है. जिसका उद्देश्य राज्य में 0 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों को जन्मजात या अधिग्रहीत हृदय रोगों के उपचार की सुविधा प्रदान करना है. इस योजना के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को मुफ्त में हृदय रोगों का इलाज उपलब्ध कराया जाता है. योजना के अंतर्गत बच्चों के हृदय की जांच, सर्जरी और बाद की देखभाल का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है.
अहमदाबाद में होगा ऑपरेशनः यह योजना राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और कुछ चयनित निजी अस्पतालों में लागू की गई है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा बच्चों का इलाज किया जाता है. बुधवार 28 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैसे 20 बच्चों को जिनके दिल में छेद है, अहमदाबाद ले जाया गया. वहां इन बच्चों का ऑपरेशन होगा. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी इन बच्चों के साथ अहमदाबाद रवाना हुए. सभी बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी अहमदाबाद गए हैं.
"बिहार सरकार बाल हृदय योजना के तहत अभी तक 1501 बच्चों का इलाज करवा चुकी है. इस बार 20 बच्चों को लेकर हम लोग सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद जा रहे हैं, जहां इन बच्चों का ऑपरेशन होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना की शुरुआत की थी."- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
बिहार सरकार को दिया धन्यवाद: कैमूर की रहने वाली बीना सिंह बताती है कि, उनके बच्चे के दिल में छेद है. कई जगह इलाज करवाया, लेकिन ठीक नहीं हो पाया. उसे पता चला कि बिहार सरकार ने बाल हृदय योजना के तहत ऐसे बच्चों का इलाज शुरू किया है. इसके बाद आईजीएमएस आकर डॉक्टर से मुलाकात की. वहां पर बच्चे की जांच की गयी. अब ऑपरेशन कराने के लिए अपने बच्चों को लेकर अहमदाबाद जा रही है. बीना सिंह ने इसके लिए बिहार सरकार को धन्यवाद दिया.
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