जींद: जिले के बराह खुर्द गांव में बाल विवाह निषेध टीम ने रविवार को एक साढ़े 12 साल की किशोरी को बालिका वधू बनने से बचाया है. किशोरी की शादी 31 साल के युवक से करवाई जा रही थी. सूचना पर पहुंची टीम ने नाबालिग की शादी को रुकवाया और परिजनों को बाल विवाह न करने की हिदायत दी. इस पर परिजनों ने टीम को नाबालिग का विवाह न करने का आश्वासन दिया.
दूल्हे और दुल्हन की उम्र में मिला 19 साल का अंतर : बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि गांव बराह खुर्द में एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है. बारात करनाल जिले के शांपली से आई हुई है. इस पर कार्रवाई करते हुए सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान, महिला सिपाही आरती, नीलम, सिपाही सुरेंद्र, प्रवीन के साथ मौके पर पहुंचे. टीम ने लड़की के परिजनों से उसके जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो परिजनों ने पहले तो टालमटोल किया, इसके बाद मौके पर पहुंचे अन्य व्यक्तियों के दबाव में दो घंटे के बाद कागजात दिखाए, जिसमें लड़की की उम्र मात्र साढ़े 12 वर्ष पाई गई और शादी में आए दूल्हे की उम्र साढ़े 31 वर्ष मिली. दूल्हे और दुल्हन की उम्र में करीब 19 वर्ष का अंतर मिला.
परिजनों ने बताया कि वधु के माता-पिता अनपढ़ है. किसी कानून की कोई जानकारी नहीं है. इसलिए वो गलती से ऐसा कर रहे थे. इस पर सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने परिजनों को दोबारा बाल विवाह न करने की हिदायत दी. इस पर परिवार सहमत हो गया और शादी को स्थगित कर दिया.
इसे भी पढ़ें : कैथल में पुलिस ने रोका बाल विवाह, परिवार वालों से कहा- कम उम्र में शादी से होगा नुकसान