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गैरसैंण बाइक हादसे में घायल बच्चे की मौत, युवक हायर सेंटर सेफर, खस्ताहाल सड़क को ठहराया जिम्मेदार - Gairsain Child Died Road Accident

Gairsain Child Died in Road Accident गैरसैंण बाइक हादसे में एक बच्चे की जान चली गई है. बच्चे के पिता की कोरोना काल में मौत हो गई थी. वहीं, इस हादसे में घायल युवक को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है.

Child Died
ओजस्वीन की मौत (फोटो सोर्स- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 23, 2024, 8:01 PM IST

गैरसैंण: चमोली जिले के गैरसैंण ब्लॉक के दिवागाढ-कंडारीखोड मोटर मार्ग पर बाइक हादसे में घायल बच्चे की मौत हो गई है. जबकि, बाइक चालक युवक को कंधे और कमर की चोट के कारण रानीखेत रेफर कर दिया गया है. बच्चे की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. उसके घर में सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है. ग्रामीणों ने खस्ताहाल सड़क की वजह से हादसा होने की बात कही है. साथ ही शासन प्रशासन और संबंधित विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.

जानकारी के मुताबिक, 22 मई को गैरसैंण के बच्छुवाबाण निवासी हेमंत पुत्र सुरेंद्र सिंह (उम्र 21 वर्ष) बाइक से अपनी मौसी के घर कंडारीखोड गया हुआ था. जहां से गुरुवार यानी 23 मई की सुबह साढ़े आठ बजे अपनी मौसी के नाती पांचवीं में पढ़ने वाले ओजस्वीन पुत्र स्व. कलम सिंह रावत के साथ काफल लेकर वापस अपने घर बच्छुवाबाण आ रहा था. जैसे ही वो तल्ला कंडारीखोड के बैंड के पास पहुंचे, उनकी बाइक का संतुलन गड़बड़ा गया. जिससे दोनों करीब 40 मीटर गहरी खाई में जा गिरे.

इसी बीच कुछ ग्रामीणों की नजर उनपर पड़ी. जिसके बाद ग्रामीणों ने दोनों घायलों को खाई से निकालकर निजी वाहन से चौखुटिया पहुंचाया. इस दौरान ओजस्वीन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. वहीं, कंधे और कमर की चोट के कारण प्राथमिक उपचार देने के बाद हेमंत को रानीखेत रेफर कर दिया गया है. ओजस्वीन की मौत की सूचना मिलते ही उसके घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है.

कोरोना काल में बच्चे की पिता की हो गई थी मौत: ओजस्वीन के दादा पूर्व प्रधान पान सिंह रावत और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. पान सिंह रावत रुंधे गले से बताते हैं कि कोरोना काल में उनके बेटे कलम सिंह की असमय मौत हो गई थी. जिसके बाद परिवार उसके बेटे के सहारे जीवन काट रहा था, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है.

मामले को लेकर ग्रामीण संजय रावत ने कहा कि दिवागाढ-कंडारीखोड की करीब 10 किलोमीटर की सड़क खस्ताहाल बनी हुई है. जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर पीएमजीएसवाई के विभागीय अधिकारियों को कई बार कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मामला डीएम के जनता दरबार में भी उठाया गया, लेकिन अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है. सड़क मार्ग जानलेवा बना हुआ है. मोटर मार्ग पर सुरक्षा पैराफिट भी नहीं लगाए गए हैं, जिससे पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी है.

ग्रामीण महावीर रावत ने बताया कि सड़क की जर्जर हालत दुर्घटना का कारण बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जहां पर दुर्घटना हुई है, वहां पर कई सालों से स्लाइडिंग जोन बना हुआ है. कई बार इस संबंध में पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक विभाग इस ओर लापरवाह बना हुआ है.

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जानकारी के मुताबिक, 22 मई को गैरसैंण के बच्छुवाबाण निवासी हेमंत पुत्र सुरेंद्र सिंह (उम्र 21 वर्ष) बाइक से अपनी मौसी के घर कंडारीखोड गया हुआ था. जहां से गुरुवार यानी 23 मई की सुबह साढ़े आठ बजे अपनी मौसी के नाती पांचवीं में पढ़ने वाले ओजस्वीन पुत्र स्व. कलम सिंह रावत के साथ काफल लेकर वापस अपने घर बच्छुवाबाण आ रहा था. जैसे ही वो तल्ला कंडारीखोड के बैंड के पास पहुंचे, उनकी बाइक का संतुलन गड़बड़ा गया. जिससे दोनों करीब 40 मीटर गहरी खाई में जा गिरे.

इसी बीच कुछ ग्रामीणों की नजर उनपर पड़ी. जिसके बाद ग्रामीणों ने दोनों घायलों को खाई से निकालकर निजी वाहन से चौखुटिया पहुंचाया. इस दौरान ओजस्वीन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. वहीं, कंधे और कमर की चोट के कारण प्राथमिक उपचार देने के बाद हेमंत को रानीखेत रेफर कर दिया गया है. ओजस्वीन की मौत की सूचना मिलते ही उसके घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है.

कोरोना काल में बच्चे की पिता की हो गई थी मौत: ओजस्वीन के दादा पूर्व प्रधान पान सिंह रावत और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. पान सिंह रावत रुंधे गले से बताते हैं कि कोरोना काल में उनके बेटे कलम सिंह की असमय मौत हो गई थी. जिसके बाद परिवार उसके बेटे के सहारे जीवन काट रहा था, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है.

मामले को लेकर ग्रामीण संजय रावत ने कहा कि दिवागाढ-कंडारीखोड की करीब 10 किलोमीटर की सड़क खस्ताहाल बनी हुई है. जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर पीएमजीएसवाई के विभागीय अधिकारियों को कई बार कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मामला डीएम के जनता दरबार में भी उठाया गया, लेकिन अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है. सड़क मार्ग जानलेवा बना हुआ है. मोटर मार्ग पर सुरक्षा पैराफिट भी नहीं लगाए गए हैं, जिससे पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी है.

ग्रामीण महावीर रावत ने बताया कि सड़क की जर्जर हालत दुर्घटना का कारण बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जहां पर दुर्घटना हुई है, वहां पर कई सालों से स्लाइडिंग जोन बना हुआ है. कई बार इस संबंध में पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक विभाग इस ओर लापरवाह बना हुआ है.

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