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डीपीआर में जालौर का नाम जुड़वा किसानों के बीच पहुंचे जोगेश्वर गर्ग, बोले-मैंने पहले दिन ही कहा था, इस जाजम पर खाली हाथ नहीं आऊंगा - JOGESHWAR GARG IN FARMER MAHAPADAV

जवाई बांध के पानी के मामले में जालौर का नाम जुड़वा सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग किसानों के बीच पहुंचे.

Chief Whip Jogeshwar Garg
सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग (ETV Bharat Jalore)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 13, 2024, 8:31 PM IST

जालौर: जिला मुख्यालय पर भारतीय किसान संघ के बैनर तले पिछले 25 दिन से जवाई बांध के पानी पर हक तय करने सहित कई मांगों को लेकर चल रहे महापड़ाव पर शुक्रवार को सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग पहुंचे. उन्होंने किसानों से वार्ता करते हुए कहा कि मैं अब तक इसलिए धरनास्थल पर नहीं आया. क्योंकि मेरे पास आपके लिए कुछ नहीं था और मैं खाली हाथ जाजम पर आना नहीं चाहता था. अब मैं सरकार का आदेश लेकर आया हूं, जो जालोर को जवाई के पानी के लिए एक पहला कदम होगा और आने वाले समय में जवाई बांध भरेगा और जवाई नदी चलेगी.

हालांकि उनकी बात पर किसान सहमत नहीं दिखे और किसानों के शनिवार को सभी संगठनों से वार्ता कर निर्णय लेने की बात कही. जानकारी के अनुसार किसान सरकार के इस पत्र से अभी खुश नहीं दिखे और जोगेश्वर गर्ग को धरनास्थल पर ही कई लोगों ने कहा कि नदी में पानी छोड़ने का हक तय करा लाओ, पानी भले ही अगले साल छोड़ना. गर्ग ने कहा पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने अपने कार्यकाल के अंत में 2018 में जवाई पुनर्भरण की योजना के लिए डीपीआर बन गई थी, लेकिन सरकार बदल गई, तो कांग्रेस सरकार ने उसको खारिज कर दिया और गहलोत सरकार ने दूसरी स्कीम तैयार की.

पढ़ें: जालोर में किसान महापड़ाव में पहुंचे वैभव गहलोत, बोले- भाजपा सरकार ने किसानों का एक साल बर्बाद कर दिया

उसमें जालौर का नाम ही नहीं था और उसके पोस्टर भी पाली जिले की सीमा तखतगढ़ तक लगाए गए थे. उनका मकसद पाली जिले में राजनीतिक लाभ लेने का था, लेकिन जालौर का नाम शामिल नहीं कर उन्होंने यह धोखा हमारे साथ गहलोत सरकार ने किया था. जालौर का कही जिक्र नहीं था, लेकिन अब संशोधन कर दिया है. नई डीपीआर बनेगी, उसमें जालोर को लाभान्वित करने के लिए शामिल किया जाए. इस दौरान जिला कलेक्टर डॉ प्रदीप के गावंडे, एसपी ज्ञानचंद्र यादव, सहित किसान संघ के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

पढ़ें: जवाई के पानी के लिए बंद रहा जालोर, महापड़ाव में जुटे किसान, ट्रैक्टरों से रास्ते किए अवरुद्ध, विधायक का भी किया घेराव

यह आदेश जो मंत्री ने विभाग के सचिव को लिखा: उपमुख्यमंत्री (वित्त) ने परिवर्तित बजट 2024-25 में बजट भाषण दौरान बिन्दु सं. 113-1 (3) पर माही एवं सोम नदी के मानसून अवधि का अधिशेष जल जयसंमद बांध सहित अन्य बांधों को भरते हुए जवाई बांध तक लाने संबंधित कार्य के लिए डीपीआर बनवाने की घोषणा की गई है. इस घोषणा की क्रियान्विति के कम में यह सुनिश्चित किया जावे कि डीपीआर में जालौर जिले का क्षेत्र भी लाभान्वित हो. इसके लिए तकनीकी प्रस्ताव तैयार करवाया जाना सुनिश्चित करें. हालांकि किसानों की मांग है कि जवाई बांध के भर जाने पर कुछ हिस्सा पानी नदी में छोड़ा जाए.

पढ़ें: Jawai Dam :लगातार बारिश से लबालब हुआ जवाई बांध, दो गेट खुले, अब राजस्थान के इन 3 जिलों को होगा फायदा

इनका कहना है: भाकिसं के जिलाध्यक्ष रतनसिंह का कहना है कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव आया है, उस पर सभी किसानों से विचार विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा.

जालौर: जिला मुख्यालय पर भारतीय किसान संघ के बैनर तले पिछले 25 दिन से जवाई बांध के पानी पर हक तय करने सहित कई मांगों को लेकर चल रहे महापड़ाव पर शुक्रवार को सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग पहुंचे. उन्होंने किसानों से वार्ता करते हुए कहा कि मैं अब तक इसलिए धरनास्थल पर नहीं आया. क्योंकि मेरे पास आपके लिए कुछ नहीं था और मैं खाली हाथ जाजम पर आना नहीं चाहता था. अब मैं सरकार का आदेश लेकर आया हूं, जो जालोर को जवाई के पानी के लिए एक पहला कदम होगा और आने वाले समय में जवाई बांध भरेगा और जवाई नदी चलेगी.

हालांकि उनकी बात पर किसान सहमत नहीं दिखे और किसानों के शनिवार को सभी संगठनों से वार्ता कर निर्णय लेने की बात कही. जानकारी के अनुसार किसान सरकार के इस पत्र से अभी खुश नहीं दिखे और जोगेश्वर गर्ग को धरनास्थल पर ही कई लोगों ने कहा कि नदी में पानी छोड़ने का हक तय करा लाओ, पानी भले ही अगले साल छोड़ना. गर्ग ने कहा पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने अपने कार्यकाल के अंत में 2018 में जवाई पुनर्भरण की योजना के लिए डीपीआर बन गई थी, लेकिन सरकार बदल गई, तो कांग्रेस सरकार ने उसको खारिज कर दिया और गहलोत सरकार ने दूसरी स्कीम तैयार की.

पढ़ें: जालोर में किसान महापड़ाव में पहुंचे वैभव गहलोत, बोले- भाजपा सरकार ने किसानों का एक साल बर्बाद कर दिया

उसमें जालौर का नाम ही नहीं था और उसके पोस्टर भी पाली जिले की सीमा तखतगढ़ तक लगाए गए थे. उनका मकसद पाली जिले में राजनीतिक लाभ लेने का था, लेकिन जालौर का नाम शामिल नहीं कर उन्होंने यह धोखा हमारे साथ गहलोत सरकार ने किया था. जालौर का कही जिक्र नहीं था, लेकिन अब संशोधन कर दिया है. नई डीपीआर बनेगी, उसमें जालोर को लाभान्वित करने के लिए शामिल किया जाए. इस दौरान जिला कलेक्टर डॉ प्रदीप के गावंडे, एसपी ज्ञानचंद्र यादव, सहित किसान संघ के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

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यह आदेश जो मंत्री ने विभाग के सचिव को लिखा: उपमुख्यमंत्री (वित्त) ने परिवर्तित बजट 2024-25 में बजट भाषण दौरान बिन्दु सं. 113-1 (3) पर माही एवं सोम नदी के मानसून अवधि का अधिशेष जल जयसंमद बांध सहित अन्य बांधों को भरते हुए जवाई बांध तक लाने संबंधित कार्य के लिए डीपीआर बनवाने की घोषणा की गई है. इस घोषणा की क्रियान्विति के कम में यह सुनिश्चित किया जावे कि डीपीआर में जालौर जिले का क्षेत्र भी लाभान्वित हो. इसके लिए तकनीकी प्रस्ताव तैयार करवाया जाना सुनिश्चित करें. हालांकि किसानों की मांग है कि जवाई बांध के भर जाने पर कुछ हिस्सा पानी नदी में छोड़ा जाए.

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इनका कहना है: भाकिसं के जिलाध्यक्ष रतनसिंह का कहना है कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव आया है, उस पर सभी किसानों से विचार विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा.

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