नई दिल्ली/नोएडा: इन दिनों वॉइस क्लोनिंग साइबर फ्रॉड का एक बड़ा हथियार बन गया है, जिसके जरिए भोले भाले मासूम लोगों को ठगा जा रहा है. इसी कड़ी में नोएडा के सेक्टर 39 में जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट वॉइस क्लोनिंग का शिकार हो गए हैं. साइबर ठगों ने वॉइस कॉलोनी के माध्यम से चीफ फार्मासिस्ट आलोक पांडेय से 40 हजार रुपये ठग लिये.
बेटे की आवाज सुन डर गए थे आलोक पांडेय: ठगी का शिकार हुए चीफ फार्मासिस्ट आलोक पांडेय ने बताया कि उन्हें मुंबई से एक कॉल आया था, जिसमें कहा गया कि उनका बेटा किसी महिला के मर्डर केस में फंस गया है और पुलिस और वकील के खर्चे के लिए कुछ पैसे भेज दें. पीड़ित ने बताया कि उन्हें उनके बेटे की आवाज भी सुनाई गई जो फोन पर रो रहा था और मदद की गुहार लगा रहा था. बस इतना सुनते ही आलोक पांडेय ने अकाउंट से 20-20 हजार रुपये दो बार ट्रांसफर कर दिये. आरोपियों ने उनसे डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी.
उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि बेटे को कॉल लगाए. बेटे से फोन पर बात हुई तो उसने खुद को अपने दफ्तर में सही सलामत बताया. इसके बाद आलोक पांडेय को समझ आ गया कि उनके साथ ठगी हुई है. इन साइबर ठगों ने उनसे और पैसे भी मांगे लेकिन उन्होंने मना कर दिया. दरअसल आलोक पांडेय के बेटे मुंबई में जॉब करते हैं. आलोक पांडेय ये भी कह रहे हैं कि बेटे को मुसीबत में सुनकर उनके हाथ पैर कांपने लगे और कुछ समझ नहीं आया.
फिलहाल इस मामले में चीफ फार्मासिस्ट आलोक पांडेय ने साइबर क्राइम पुलिस और थाना सेक्टर 39 पर लिखित शिकायत की है. उन्होंने बताया कि फोन करने वाले जालसाजों के नंबर पर पुलिस की वर्दी पहने हुए शख्स का फोटो लगा हुआ था. ठगी के बाद आलोक पांडेय ने आरोपियों को कॉल कर अपनी रकम वापिस मांगी, लेकिन उन्होंने फोन काट दिया. उनके नंबर पर बार-बार कॉल किए जाने के बाद नंबर बंद हो गया.
साइबर सेल ने शिकायत सुनते ही एक्शन लिया और आरोपियों के बैंक खाते में गए हुए पैसे को फ्रीज कर दिया गया. पीड़ित ने साइबर सेल और पुलिस को धन्यवाद भी किया है साथ ही उन्होंने आम लोगों से यह अपील की है कि इस तरह की ठगी करने वालों से सावधान रहें. किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा न करें और परिवार वालों से बात करके चेक करें कि वाकई वो मुसीबत में है या फिर कोई फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.
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