अयोध्या : रामनगरी के दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अशर्फी भवन आश्रम में आयोजित भव्य अष्टोत्तरशत 108 श्रीमद्भागवत पाठ और पंच नारायण महायज्ञ में भाग लिया. सीएम योगी ने महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए आहुतियां अर्पित कीं. इसके पहुले मुख्यमंत्री ने हनुमान गढ़ी और राम मंदिर में भी दर्शन पूजन कर आरती उतारी. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का सम्मान करो. सनातन धर्म सुरक्षित है तो दुनिया में सब सुरक्षित हैं.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यज्ञों की परंपरा भारत में हजारों वर्षों की है, यज्ञों से ही बारिश होती है. अशर्फी भवन अपने सनातन परंपरा को लेकर सैकड़ों वर्षों से जाना जाता है. याद करिए उन दो तिथियों को 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम जन्मभूमि पर, 22 जनवरी 2024 को फिर से रामलला विराजमान हुए. कौन ऐसा राम भक्त था, जिसकी आंखों में आंसू न हो. भारत की धरती में जन्म लेना दुर्लभ है. उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में क्या नहीं है, अयोध्या के वैभव को पुनः स्थापित करने का काम करना पड़ा.
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में पूरा देश अपनी विरासत का अक्षुण्य बनाए रखते हुए विकास की नई बुलंदियों को छूता हुआ दिखाई दे रहा है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 20, 2024
फिर से नया भारत, विकसित भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है...: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/xFmCXdd7yx
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है और इसे सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है. ऐतिहासिक मंदिरों पर आक्रमण की घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग इन पवित्र स्थलों को नष्ट करने का काम करते थे, उनका कुल और वंश नष्ट हो गया. सीएम योगी ने कहा कि औरंगजेब के परिवार के लोग आज रिक्शा चला रहे हैं. यह उनकी दुर्गति है. उन्होंने कहा कि विश्वशांति की स्थापना केवल सनातन धर्म के माध्यम से हो सकती है. यह शाश्वत धर्म है, जो सृष्टि के आरंभ से ही चला रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विरासत और विकास के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए. उन्होंने अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ने संतों के मार्गदर्शन में अयोध्या के वैभव को पुनः स्थापित करने का कार्य किया है. रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण और अयोध्या धाम का विकास इसका जीवंत उदाहरण है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह यज्ञ न केवल आत्मशुद्धि और पर्यावरण शुद्धि का माध्यम है, बल्कि यह सनातन धर्म की रक्षा और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार भी करता है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन मां सरयू के पवित्र अंचल और भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर हो रहा है, जो इस यज्ञ को और भी विशेष बनाता है.
सीएम योगी ने कहा कि जिन गलतियों की वजह से भारत को गुलामी की बेड़ियां झेलनी पड़ीं और हमारे धर्म स्थलों का अपमान हुआ, उन्हें दोबारा नहीं दोहराया जाना चाहिए. उन्होंने भारतवासियों से सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया. सीएम योगी ने कहा कि अगर विश्व मानवता को बचाना है तो सनातन धर्म का सम्मान करना होगा. यह धर्म सभी के कल्याण की बात करता है. उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम् का संदर्भ देते हुए कहा कि यह केवल सनातन धर्म है, जिसने हर जाति और मजहब के लोगों को विपत्ति के समय शरण दी है.
सीएम योगी ने कहा कि काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, संभल में कल्की अवतार की हरिहर भूमि, भोज में ज्ञान के अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के पावन मंदिर जैसे पवित्र स्थलों को अपवित्र करने वालों का आज कोई अस्तित्व नहीं है. यह उनके पापों का परिणाम है. उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी ऐसी स्थितियां उत्पन्न न हो, जिनसे हमारे धर्म स्थलों को अपमानित होना पड़े. इस दौरान महायज्ञ में कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जेपीएस राठौर राज्यमंत्री, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, समेत अन्य लोग उपस्थित रहे.